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New parliament house : नए संसद भवन के उद्घाटन के साथ इतिहास में दर्ज होगा राजस्थान, जानिए क्या है योगदान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे. इस भव्य भवन के उद्घाटन का साक्षी होना ही अपने आप में खास है. कई महीनों की मेहनत और परिश्रम का नतीजा इस भवन का राजस्थान से भी कनेक्शन है. आइए जानते हैं नए संसद भवन के निर्माण में क्या है राजस्थान का योगदान...

New parliament house inauguration function
नए संसद भवन का उद्घाटन
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Published : May 27, 2023, 7:11 PM IST

Updated : May 27, 2023, 8:19 PM IST

जयपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को नई दिल्ली में नए संसद भवन का उद्घाटन करने वाले हैं. नया संसद भवन यानी सेंट्रल विस्टा में रिस्ट्रक्चर का यह लम्हा कई मायनों में खास है. यह आधुनिक भारत की निर्माण कला के मजबूत होने के साथ-साथ भारत की एकता का भी परिचायक है. नए संसद भवन की इमारत की खासियत में से एक है अनेकता में एकता और हर राज्य का प्रतिनिधित्व. इस भव्य भवन के निर्माण में राजस्थान का भी विशेष योगदान है.

60 हजार श्रमिकों की मेहनत का नतीजा : नए संसद भवन के निर्माण के दौरान देशभर से हर राज्य की विशेषता को इसमें शामिल किया गया है. केंद्र सरकार की ओर से एक वीडियो जारी किया गया है. इसके अनुसार नया भवन 13 एकड़ में फैली हुई 4 मंजिल की एक अद्भुत इमारत है, जिसमें अत्याधुनिक तकनीक के साथ सांसदों के लिए 150% अधिक बैठने की क्षमता है. इस भवन की लोकसभा के 888 सदस्य और राज्यसभा के 354 सदस्यों के एक साथ बैठने की क्षमता है. रिकॉर्ड समय में निर्मित यह प्रतिष्ठित संरचना 60,000 से अधिक श्रमयोगियों के समर्पण और कड़ी मेहनत का प्रमाण है.

पढ़ें. First Look Of New Parliament Building : देखिए कैसा है नया संसद भवन, जिसको लेकर मचा है सियासी घमासान

अशोक स्तंभ के निर्माण का श्रेय राजस्थान को : नए संसद भवन की इस अद्भुत इमारत के ऊपर राष्ट्रीय प्रतीक - अशोक स्तंभ है. इसमें 4 शेरों को दर्शाया गया है. राजस्थान के लिए भी यह गौरव की बात है, क्योंकि इस अशोक स्तंभ के निर्माण का श्रेय ललित कला अकादमी के अध्यक्ष और प्रदेश के नोहर के निवासी लक्ष्मण व्यास को जाता है. लक्ष्मण व्यास ने ही टाटा कंसल्टेंसी के जरिए मिले प्रोजेक्ट में मेहनत और शिद्दत के साथ काम करके अशोक स्तंभ को आकार दिया था.

New parliament house
अशोक स्तंभ के निर्माण का श्रेय राजस्थान के लक्ष्मण व्यास को जाता है

कोने-कोने में मौजूद है राजस्थान का पत्थर : राजस्थान की खनिज संपदा दुनिया भर में प्रसिद्ध है. विशेष तौर पर राजस्थान की भूगर्भ से निकलने वाले पत्थर दुनिया भर में कई इमारतों के निर्माण के गवाह हैं. नई संसद में भी यह पत्थर राजस्थान की मौजूदगी को इतिहास में दर्ज करवा चुके हैं. धौलपुर जिले के सरमथुरा के पत्थर अपने हल्के लाल-सफेद रंग के कारण पहचान रखते हैं. इसी तरह से उदयपुर जिले के केसरियाजी से निकलने वाला ग्रीन स्टोन भी संसद भवन में मेवाड़ी के शौर्य का प्रतीक होगा. इसी तरह से अंबाजी का सफेद पत्थर राजस्थान की 'चमक' को नए पार्लियामेंट में भी बनाए रखेगा. वहीं स्वर्ण नगरी जैसलमेर का पीला पत्थर भी नए भवन की शोभा में चार-चांद लगा देगा.

New parliament house
कुछ ऐसा दिखता है नया संसद भवन

नजर आएगी राजस्थान की झलक : इसके अलावा कोटपूतली क्षेत्र का पत्थर और अजमेर से लाल रंग के ग्रेनाइट को भी इस भवन निर्माण में इस्तेमाल किया गया है. संसद भवन की जाली और पत्थरों पर की गई नक्काशी का काम भी राजस्थान के स्थापत्य कला की मजबूती को दर्शा रहा है. यह काम आबूरोड और उदयपुर के कुछ हिस्सों में पूरा किया गया था, जबकि राजसमंद के राजनगर में भी जालियों पर नक्काशी के काम को पूरा किया गया था. इस तरह से मेवाड़, मारवाड़ और ढूंढाड के साथ पूरे राजस्थान की झलक नए संसद भवन में नजर आएगी.

जयपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को नई दिल्ली में नए संसद भवन का उद्घाटन करने वाले हैं. नया संसद भवन यानी सेंट्रल विस्टा में रिस्ट्रक्चर का यह लम्हा कई मायनों में खास है. यह आधुनिक भारत की निर्माण कला के मजबूत होने के साथ-साथ भारत की एकता का भी परिचायक है. नए संसद भवन की इमारत की खासियत में से एक है अनेकता में एकता और हर राज्य का प्रतिनिधित्व. इस भव्य भवन के निर्माण में राजस्थान का भी विशेष योगदान है.

60 हजार श्रमिकों की मेहनत का नतीजा : नए संसद भवन के निर्माण के दौरान देशभर से हर राज्य की विशेषता को इसमें शामिल किया गया है. केंद्र सरकार की ओर से एक वीडियो जारी किया गया है. इसके अनुसार नया भवन 13 एकड़ में फैली हुई 4 मंजिल की एक अद्भुत इमारत है, जिसमें अत्याधुनिक तकनीक के साथ सांसदों के लिए 150% अधिक बैठने की क्षमता है. इस भवन की लोकसभा के 888 सदस्य और राज्यसभा के 354 सदस्यों के एक साथ बैठने की क्षमता है. रिकॉर्ड समय में निर्मित यह प्रतिष्ठित संरचना 60,000 से अधिक श्रमयोगियों के समर्पण और कड़ी मेहनत का प्रमाण है.

पढ़ें. First Look Of New Parliament Building : देखिए कैसा है नया संसद भवन, जिसको लेकर मचा है सियासी घमासान

अशोक स्तंभ के निर्माण का श्रेय राजस्थान को : नए संसद भवन की इस अद्भुत इमारत के ऊपर राष्ट्रीय प्रतीक - अशोक स्तंभ है. इसमें 4 शेरों को दर्शाया गया है. राजस्थान के लिए भी यह गौरव की बात है, क्योंकि इस अशोक स्तंभ के निर्माण का श्रेय ललित कला अकादमी के अध्यक्ष और प्रदेश के नोहर के निवासी लक्ष्मण व्यास को जाता है. लक्ष्मण व्यास ने ही टाटा कंसल्टेंसी के जरिए मिले प्रोजेक्ट में मेहनत और शिद्दत के साथ काम करके अशोक स्तंभ को आकार दिया था.

New parliament house
अशोक स्तंभ के निर्माण का श्रेय राजस्थान के लक्ष्मण व्यास को जाता है

कोने-कोने में मौजूद है राजस्थान का पत्थर : राजस्थान की खनिज संपदा दुनिया भर में प्रसिद्ध है. विशेष तौर पर राजस्थान की भूगर्भ से निकलने वाले पत्थर दुनिया भर में कई इमारतों के निर्माण के गवाह हैं. नई संसद में भी यह पत्थर राजस्थान की मौजूदगी को इतिहास में दर्ज करवा चुके हैं. धौलपुर जिले के सरमथुरा के पत्थर अपने हल्के लाल-सफेद रंग के कारण पहचान रखते हैं. इसी तरह से उदयपुर जिले के केसरियाजी से निकलने वाला ग्रीन स्टोन भी संसद भवन में मेवाड़ी के शौर्य का प्रतीक होगा. इसी तरह से अंबाजी का सफेद पत्थर राजस्थान की 'चमक' को नए पार्लियामेंट में भी बनाए रखेगा. वहीं स्वर्ण नगरी जैसलमेर का पीला पत्थर भी नए भवन की शोभा में चार-चांद लगा देगा.

New parliament house
कुछ ऐसा दिखता है नया संसद भवन

नजर आएगी राजस्थान की झलक : इसके अलावा कोटपूतली क्षेत्र का पत्थर और अजमेर से लाल रंग के ग्रेनाइट को भी इस भवन निर्माण में इस्तेमाल किया गया है. संसद भवन की जाली और पत्थरों पर की गई नक्काशी का काम भी राजस्थान के स्थापत्य कला की मजबूती को दर्शा रहा है. यह काम आबूरोड और उदयपुर के कुछ हिस्सों में पूरा किया गया था, जबकि राजसमंद के राजनगर में भी जालियों पर नक्काशी के काम को पूरा किया गया था. इस तरह से मेवाड़, मारवाड़ और ढूंढाड के साथ पूरे राजस्थान की झलक नए संसद भवन में नजर आएगी.

Last Updated : May 27, 2023, 8:19 PM IST
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