जयपुर. राजस्थान में मकर संक्रांति पर पतंगबाजी पर सुबह 2 घंटे और शाम को 2 घंटे रोक रहेगी. साथ ही चाइनीज, प्लास्टिक और अन्य सिंथेटिक पदार्थ से बने मांझे पर भी प्रतिबंध लगाया गया है. इस संबंध में गृह विभाग की ओर से मंगलवार को एक एडवाइजरी जारी की गई है. पतंगबाजी में चाइनीज मांझे, सिंथेटिक प्लास्टिक, ग्लास आदि पदार्थों के उपयोग से बना मांझा खतरनाक साबित होता है. पतंगबाजी में ऐसे मांझे के उपयोग से कई हादसे हो चुके हैं और कई लोगों की मौत भी हो चुकी है. इन हादसों को देखते हुए राज्य सरकार ने सुबह 2 घंटे और शाम को 2 घंटे पतंगबाजी पर रोक लगाई है.
गृह विभाग की ओर से जारी एडवाइजरी के अनुसार सुबह 6 बजे से 8 बजे तक और शाम को 5 से 7 बजे के बीच पतंगबाजी पर पूर्णतः प्रतिबंध रहेगा. प्लास्टिक व अन्य सिंथेटिक पदार्थ से बने मांझे के उपयोग, निर्माण और बिक्री पर भी पूरी तरह रोक लगाई गई है. सुबह और शाम का समय पक्षियों के घोसलों से उड़ने और लौटने का समय होता है और इसी समय आम जनता काम पर जाने और आने का समय होता है. एडवाइजरी में कहा गया है कि पतंगबाजी में चाइनीज और जहरीले पदार्थ से बने मांझे से पक्षियों और मानव जीवन के लिए संकट उत्पन्न होता है. ऐसे में इस पर पूरी तरह रोक लगाने के लिए जिला कलेक्टरों और पुलिस कमिश्नरों को आदेश दिए गए हैं.
गृह विभाग ने स्वायत्त शासन विभाग के 26 दिसंबर 2017 के जारी आदेशों को देखते हुए यह एडवाइजरी जारी की है. हाईकोर्ट ने भी महेश अग्रवाल बनाम राज्य सरकार की याचिका पर 22 अगस्त 2012 को आदेश दिया था. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में सुबह 6 से 8 और शाम को 5 से 7 बजे तक पतंग बाजी पर रोक लगाई थी. साथ ही चाइनीज मांझे एवं अन्य सिंथेटिक पदार्थ से बने मांझे को प्रतिबंधित किया था.
मेट्रो रेल लाइन के आसपास पतंगबाजी न करने की अपील : जयपुर मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड ने भी आमजन से अपील की है कि वह मेट्रो रेल मार्ग के आस-पास पतंगबाजी से परहेज करें. इसके लिए मंगलवार को जयपुर मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड की ओर से एक लेटर भी जारी किया गया है. पत्र में कहा गया है कि जयपुर मेट्रो के मानसरोवर से बड़ी चौपड़ के बीच मार्ग में मेट्रो रेल का संचालन 25000 वोल्ट का विद्युत प्रवाह (करंट) बिजली के तारों से किया जाता है, जिनमें 24 घंटे निरंतर करंट चालू रहता है. यह बिजली के तार मेट्रो रूट पर सड़क से करीब 30 मीटर ऊंचाई तक हैं. यदि पतंग का मांझा इन बिजली के तारों में उलझ जाए तो करंट इस मांझे से सीधे ही पतंग उड़ाने वाले तक पहुंच कर खतरनाक व जानलेवा साबित हो सकता है.