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सुबह मकर संक्रांति पर पतंगों से सतरंगी हुआ आसमान, शाम को चला आतिशबाजी का दौर

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 15, 2024, 8:27 PM IST

Updated : Jan 15, 2024, 9:14 PM IST

जयपुर में मकर संक्रांति के मौके पर सुबह से ही रंग-बिरंगे पतंगों से आसमान सतरंगी नजर आया. उत्सव में पर्यटकों ने भी पतंग उड़ाए. इस दौरान फैशन फोटोग्राफर डब्बू रतनानी ने परिवार सहित पतंगबाजी का आनंद लिया. वहीं, शाम ढलने के साथ ही आतिशबाजी का दौर शुरू हुआ.

makar sankranti
मकर संक्रांति पतंगों ने भरी उड़ान
मकर संक्रांति पर सतरंगी हुआ गुलाबी शहर

जयपुर. गुलाबी नगरी में सोमवार को मकर संक्रांति के मौके पर तड़के से ही आसमान रंग-बिरंगी पतंग से भर गया. छतों पर 'वो काटा-वो मारा' का शोर गूंजा. वहीं, शाम को आतिशबाजी का दौर शुरू हुआ. लोगों ने घरों पर दाल-बाटी-चूरमा, दाल के पकोड़े, फीणी और तिल के लड्डुओं का आनंद लिया.

राजधानी में आज पूरे दिन दान-पुण्य का सिलसिला जारी रहा. लोगों ने एक बार फिर पतंग की डोर थाम जमकर पतंगबाजी का लुत्फ उठाया. जयपुर के सिटी पैलेस में भी सभा निवास की छत पर पतंग महोत्सव मनाया गया. इस दौरान बॉलीवुड के जाने-माने फैशन फोटोग्राफर डब्बू रतनानी ने परिवार सहित पतंगबाजी का आनंद लिया.

पढ़ें. राजस्थान का यह परिवार पतंगबाजी में पारंगत, अब्दुल के नाम एक डोर से 1000 पतंग उड़ाने का रिकॉर्ड

इसके साथ ही देसी-विदेशी पर्यटकों ने भी पतंग उड़ाई और शहर की पंतगबाजी के इतिहास के बारे में भी जाना. उत्सव में पर्यटकों के लिए निशुल्क पतंग और डोर की व्यवस्था की गई. इस दौरान जयपुर के पूर्व राजपरिवार के महाराजा सवाई पद्मनाभ सिंह ने चंद्र महल के मुकुट महल से पतंग उड़ाई. वहीं, राजस्थानी लोक गीतों की प्रस्तुति दी गई. पर्यटकों ने पारंपरिक व्यंजन दाल की पकौड़ी और तिल के लड्डुओं का भी लुत्फ उठाया.

शहर का आसमान सतरंगी नजर आया : वहीं, शाम ढलने के साथ ही एक बार फिर जयपुर में आतिशबाजी का नजारा देखने को मिला. लोगों ने विश लैंप जलाते हुए मंगल कामनाएं भी कीं. इस दौरान आतिशबाजी और विश लैंप से शहर का आसमान सतरंगी नजर आया. वहीं, परकोटा क्षेत्र में डीजे साउंड पर हनुमान चालीसा भी बजाई गई.

Kite Flying on makar sankranti
पर्यटकों ने भी की पतंगबाजी

उत्सव के दौरान सिटी पैलेस के सर्वतोभद्र चौक में महाराजा सवाई राम सिंह द्वितीय के समय (1835-1880) की चरखियों के साथ तितली के आकार की बड़ी पतंग 'तुक्कल' भी प्रदर्शित की गई. आपको बता दें कि महाराजा सवाई मान सिंह द्वितीय म्यूजियम ट्रस्ट की ओर से हर साल पतंग महोत्सव का आयोजन किया जाता है, जिसमें सिटी पैलेस आने वाले सभी पर्यटकों को गुलाबी शहर की पतंगबाजी की प्राचीन परम्परा और भारतीय संस्कृति से रूबरू कराया जाता है.

शाम ढलने के साथ ही आतिशबाजी का दौर
शाम ढलने के साथ ही आतिशबाजी का दौर

मकर संक्रांति पर सतरंगी हुआ गुलाबी शहर

जयपुर. गुलाबी नगरी में सोमवार को मकर संक्रांति के मौके पर तड़के से ही आसमान रंग-बिरंगी पतंग से भर गया. छतों पर 'वो काटा-वो मारा' का शोर गूंजा. वहीं, शाम को आतिशबाजी का दौर शुरू हुआ. लोगों ने घरों पर दाल-बाटी-चूरमा, दाल के पकोड़े, फीणी और तिल के लड्डुओं का आनंद लिया.

राजधानी में आज पूरे दिन दान-पुण्य का सिलसिला जारी रहा. लोगों ने एक बार फिर पतंग की डोर थाम जमकर पतंगबाजी का लुत्फ उठाया. जयपुर के सिटी पैलेस में भी सभा निवास की छत पर पतंग महोत्सव मनाया गया. इस दौरान बॉलीवुड के जाने-माने फैशन फोटोग्राफर डब्बू रतनानी ने परिवार सहित पतंगबाजी का आनंद लिया.

पढ़ें. राजस्थान का यह परिवार पतंगबाजी में पारंगत, अब्दुल के नाम एक डोर से 1000 पतंग उड़ाने का रिकॉर्ड

इसके साथ ही देसी-विदेशी पर्यटकों ने भी पतंग उड़ाई और शहर की पंतगबाजी के इतिहास के बारे में भी जाना. उत्सव में पर्यटकों के लिए निशुल्क पतंग और डोर की व्यवस्था की गई. इस दौरान जयपुर के पूर्व राजपरिवार के महाराजा सवाई पद्मनाभ सिंह ने चंद्र महल के मुकुट महल से पतंग उड़ाई. वहीं, राजस्थानी लोक गीतों की प्रस्तुति दी गई. पर्यटकों ने पारंपरिक व्यंजन दाल की पकौड़ी और तिल के लड्डुओं का भी लुत्फ उठाया.

शहर का आसमान सतरंगी नजर आया : वहीं, शाम ढलने के साथ ही एक बार फिर जयपुर में आतिशबाजी का नजारा देखने को मिला. लोगों ने विश लैंप जलाते हुए मंगल कामनाएं भी कीं. इस दौरान आतिशबाजी और विश लैंप से शहर का आसमान सतरंगी नजर आया. वहीं, परकोटा क्षेत्र में डीजे साउंड पर हनुमान चालीसा भी बजाई गई.

Kite Flying on makar sankranti
पर्यटकों ने भी की पतंगबाजी

उत्सव के दौरान सिटी पैलेस के सर्वतोभद्र चौक में महाराजा सवाई राम सिंह द्वितीय के समय (1835-1880) की चरखियों के साथ तितली के आकार की बड़ी पतंग 'तुक्कल' भी प्रदर्शित की गई. आपको बता दें कि महाराजा सवाई मान सिंह द्वितीय म्यूजियम ट्रस्ट की ओर से हर साल पतंग महोत्सव का आयोजन किया जाता है, जिसमें सिटी पैलेस आने वाले सभी पर्यटकों को गुलाबी शहर की पतंगबाजी की प्राचीन परम्परा और भारतीय संस्कृति से रूबरू कराया जाता है.

शाम ढलने के साथ ही आतिशबाजी का दौर
शाम ढलने के साथ ही आतिशबाजी का दौर
Last Updated : Jan 15, 2024, 9:14 PM IST
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