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सांसद किरोड़ी के साथ दुर्व्यवहार का मामलाः जनजाति आयोग ने सीएस और डीजीपी को किया तलब - राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा

राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा के साथ पुलिस की ओर से किए गए दुर्व्यवहार मामले पर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने सख्ती दिखाई है. आयोग ने मुख्य सचिव और डीजीपी को 24 मई को तलब किया है.

Kirodi Lal Meena misbehave case, NCST notice to CS and DGP
सांसद किरोड़ी के साथ दुर्व्यवहार का मामलाः जनजाति आयोग ने सीएस और डीजीपी को किया तलब
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Published : May 16, 2023, 9:16 PM IST

जयपुर. वीरांगनाओं को लेकर पिछले दिनों आंदोलन कर रहे राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा के साथ पुलिस की ओर से किए गए दुर्व्यवहार पर राष्ट्रीय जनजाति आयोग ने सख्ती दिखाई है. आयोग ने इस पूरे मामले को लेकर मुख्य सचिव उषा शर्मा और डीजीपी उमेश मिश्रा को तलब किया है. आयोग ने सीएस और डीजीपी को 24 मई को दोपहर 12ः30 बजे यक्तिगत अनुसूचित जनजाति आयोग में उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं.

24 को हाजिर होने के आदेशः बता दें कि राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी कि वीरांगनाओं की न्याय की मांग को लेकर वह धरना दे रहे थे. इस दौरान राजस्थान की पुलिस ने 4 मार्च और 10 मार्च, 2023 को उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया और गैर कानूनी रूप से हिरासत में लिया गया. मीणा की शिकायत पर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने नोटिस में मुख्य सचिव और डीजीपी को निर्देश दिए हैं कि 24 मई को दोपहर 12ः30 बजे आयोग सदस्य के समक्ष व्यक्तिगत उपस्थित हों. आयोग की ओर से मुख्य सचिव और डीजीपी को चेतावनी दी गई है कि यदि आप बिना किसी विधिसम्मत कारण के आदेश का अनुपालन नहीं करते हैं, तो आपको सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 के आदेश ग्टप् के नियम 12 में दिये गए अनुपस्थिति के परिणाम भुगतने होंगे.

पढ़ेंः आंदोलन के मास्टर 'बाबा' किरोड़ी के मार्ग पर राजस्थान भाजपा, जानें इसके पीछे की वजह

यह था मामलाः बता दें कि सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा 4 मार्च को जयपुर में शहीद वीरांगनाओं को मुख्यमंत्री से मिलवाने के लिए विधानसभा लेकर पहुंचे थे. विधानसभा से पुलिस उनको लेकर रवाना हुई. इस दौरान पुलिस और मीणा के बीच कहासुनी हुई थी. मीणा ने इस दौरान पुलिस पर दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया था. इसके बाद मीणा वीरांगनाओं के साथ शहीद स्मारक पर धरने पर बैठ गए. 4 दिन बाद भी सरकार की कोई करवाई नहीं होने पर सांसद और वीरांगनाएं वहां से उठकर पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट के सिविल लाइन स्थित बंगले के बाहर फुटपाथ पर धरने पर बैठ गए.

पढ़ेंः पुलिस ने वीरांगनाओं को धरना स्थल से हटाया, हिरासत में लिए गए समर्थक

तीन दिन से ज्यादा पायलट के बंगले के बाहर धरने पर बैठने के बाद मध्य रात्रि 10 मार्च को पुलिस ने कार्रवाई करते हुए वीरांगनाओं को धरने से उठाकर घर भेज दिया. इसके बाद जब मीणा वीरांगना मंजू जाट से मिलने शाहपुरा के लिए रवाना हुए, तो रास्ते में पुलिस ने सामोद थाने के बाहर उनको रोक लिया. इस दौरान पुलिस और मीणा के बीच हल्की धक्कामुक्की हुई. पुलिस ने मीणा की गिरेबान पकड़कर जिप्सी में डाल लिया और उन्हें लेकर सड़कों पर घूमती रही. इस दौरान किरोड़ी मीणा की तबीयत बिगड़ गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

जयपुर. वीरांगनाओं को लेकर पिछले दिनों आंदोलन कर रहे राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा के साथ पुलिस की ओर से किए गए दुर्व्यवहार पर राष्ट्रीय जनजाति आयोग ने सख्ती दिखाई है. आयोग ने इस पूरे मामले को लेकर मुख्य सचिव उषा शर्मा और डीजीपी उमेश मिश्रा को तलब किया है. आयोग ने सीएस और डीजीपी को 24 मई को दोपहर 12ः30 बजे यक्तिगत अनुसूचित जनजाति आयोग में उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं.

24 को हाजिर होने के आदेशः बता दें कि राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के समक्ष शिकायत दर्ज कराई थी कि वीरांगनाओं की न्याय की मांग को लेकर वह धरना दे रहे थे. इस दौरान राजस्थान की पुलिस ने 4 मार्च और 10 मार्च, 2023 को उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया और गैर कानूनी रूप से हिरासत में लिया गया. मीणा की शिकायत पर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने नोटिस में मुख्य सचिव और डीजीपी को निर्देश दिए हैं कि 24 मई को दोपहर 12ः30 बजे आयोग सदस्य के समक्ष व्यक्तिगत उपस्थित हों. आयोग की ओर से मुख्य सचिव और डीजीपी को चेतावनी दी गई है कि यदि आप बिना किसी विधिसम्मत कारण के आदेश का अनुपालन नहीं करते हैं, तो आपको सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908 के आदेश ग्टप् के नियम 12 में दिये गए अनुपस्थिति के परिणाम भुगतने होंगे.

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यह था मामलाः बता दें कि सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा 4 मार्च को जयपुर में शहीद वीरांगनाओं को मुख्यमंत्री से मिलवाने के लिए विधानसभा लेकर पहुंचे थे. विधानसभा से पुलिस उनको लेकर रवाना हुई. इस दौरान पुलिस और मीणा के बीच कहासुनी हुई थी. मीणा ने इस दौरान पुलिस पर दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाया था. इसके बाद मीणा वीरांगनाओं के साथ शहीद स्मारक पर धरने पर बैठ गए. 4 दिन बाद भी सरकार की कोई करवाई नहीं होने पर सांसद और वीरांगनाएं वहां से उठकर पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट के सिविल लाइन स्थित बंगले के बाहर फुटपाथ पर धरने पर बैठ गए.

पढ़ेंः पुलिस ने वीरांगनाओं को धरना स्थल से हटाया, हिरासत में लिए गए समर्थक

तीन दिन से ज्यादा पायलट के बंगले के बाहर धरने पर बैठने के बाद मध्य रात्रि 10 मार्च को पुलिस ने कार्रवाई करते हुए वीरांगनाओं को धरने से उठाकर घर भेज दिया. इसके बाद जब मीणा वीरांगना मंजू जाट से मिलने शाहपुरा के लिए रवाना हुए, तो रास्ते में पुलिस ने सामोद थाने के बाहर उनको रोक लिया. इस दौरान पुलिस और मीणा के बीच हल्की धक्कामुक्की हुई. पुलिस ने मीणा की गिरेबान पकड़कर जिप्सी में डाल लिया और उन्हें लेकर सड़कों पर घूमती रही. इस दौरान किरोड़ी मीणा की तबीयत बिगड़ गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

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