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Kesariya Mahapanchayat on April 2 : जाट और ब्राह्मणों के बाद अब फिर जुटेगा क्षत्रिय समाज, ये हैं प्रमुख मांगें - श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना

क्षत्रिय समाज आगामी 2 अप्रैल को केसरिया महापंचायत आयोजित करेगी. इसे लेकर श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेडी ने अपनी मांगें सामने रखी हैं.

Kesariya Mahapanchayat on April 2 in Jaipur, put forward these demands
Kesariya Mahapanchayat on April 2: जाट और ब्राह्मणों के बाद अब फिर जुटेगा क्षत्रिय समाज, क्षत्रिय कल्याण बोर्ड सहित ये हैं प्रमुख मांगें
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Published : Mar 27, 2023, 7:10 PM IST

Updated : Mar 27, 2023, 9:51 PM IST

केसरिया महापंचायत में ये मांगें रखी जाएंगी सरकार के सामने

जयपुर. जाट महाकुंभ और ब्राह्मण महापंचायत के बाद अब क्षत्रिय समाज एक बार फिर जुटने जा रहा है. क्षत्रिय कल्याण बोर्ड, ईडब्ल्यूएस के सरलीकरण, चुनाव में ईडब्ल्यूएस को भी दूसरे आरक्षित वर्गों की तरह कोटा देने और आनंदपाल एनकाउंटर के समय सामाजिक नेताओं पर लगाए गए मुकदमों को वापस लेने जैसी मांगों को लेकर 2 अप्रैल को केसरिया महापंचायत होगी. जिसमें क्षत्रिय समाज के अलावा संत जनों का भी मंच सजेगा. महापंचायत से संतों की सुरक्षा का कानून बनाने के साथ-साथ सनातन बोर्ड का गठन करने की भी मांग उठाई जाएगी.

वहीं आयोजक श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेडी ने स्पष्ट कर दिया कि प्रदेश में पहले भी राजपूत सीएम रहा है. क्षत्रिय समाज से सीएम बने या ना बने, लेकिन जो भी पार्टी आएगी वो उन्हीं के गलियारों से ही होकर गुजरेगी. अब क्षत्रिय समाज अपने अधिकारों के लिए एकजुट होकर आवाज को बुलंद करेगा. सुखदेव सिंह गोगामेडी ने कहा कि पहले दिसंबर में क्षत्रिय समाज ने सिर्फ अपनी ताकत दिखाई थी, अब महापंचायत के मंच से मांगे रखी जाएंगी.

पढ़ेंः Brahmin Mahapanchayat : जाट समाज के बाद अब ब्राह्मणों ने भरी हुंकार, मुख्यमंत्री बनाने की मांग...

जिसमें क्षत्रियों के साथ-साथ सवर्ण वर्ग के लोगों को दिए गए ईडब्ल्यूएस आरक्षण की विसंगतियों को दूर करने के साथ-साथ आगामी विधानसभा चुनाव में क्षत्रिय समाज की जनसंख्या के आधार पर प्रतिनिधित्व देने और वकीलों की तरह संतो की रक्षा के लिए भी एक्ट बनाए जाने की मांग रखी जाएगी. अगर उनकी मांगों पर गौर नहीं किया जाता, तो महापंचायत पर ही मूमेंट बदला जा सकता है. सोई हुई सरकार को जगाना भी पड़ सकता है. जाटों ने वीर तेजाजी के नाम से जन कल्याण बोर्ड ले लिया. इसके बाद ब्राह्मण समाज ने ताकत दिखाई, तो बीजेपी ने प्रदेशाध्यक्ष पद भी दे दिया. अब ब्राह्मणों का आशीर्वाद लेकर क्षत्रिय हुंकार भरेंगे.

पढ़ेंः ब्राह्मण महापंचायत के मंच से EWS आरक्षण, हिंदू रिलीजियस एक्ट बनाने और परशुराम जन्मोत्सव पर राष्ट्रीय अवकाश की उठी मांग

ये होंगी प्रमुख मांग :

  1. क्षत्रिय कल्याण बोर्ड का गठन उनके समाज के किसी भी महापुरुष के नाम से किया जाए.
  2. समाज के इतिहास और महापुरुषों कि पहचान को तोड़-मरोड़ कर पेश करने वालों के खिलाफ संवैधानिक कार्रवाई का अधिकार दिया जाए.
  3. संतों की सुरक्षा के लिए पुख्ता प्रावधान किये जाए, जिसके तहत संत सुरक्षा बिल पास किया जाए.
  4. EWS आरक्षण 10% से 14% किया जाए.
  5. केंद्र सरकार की ओर से EWS से सम्बंधित जमीन, मकान, प्लाट की शर्त हटाई जाए.
  6. पंचायती राज चुनाव/स्थानीय निकाय और अन्य सभी प्रकार के चुनावों में EWS के तहत अन्य आरक्षित वर्गों की तरह कोटा दिया जाए.
  7. EWS का सरलीकरण किया जाए, जिसमें आयु की छूट उत्तीर्णांक के साथ शैक्षणिक योग्यता में अंकों की छूट को शामिल करते हुए सम्पूर्ण भारत में एक जैसी प्रणाली लागू की जाए.
  8. EWS अभ्यर्थियों और छात्रों के लिए जिला स्तर पर निशुल्क छात्रावास की सुविधा उपलब्ध करवाई जाए.
  9. EWS बेरोजगार युवाओं के लिए विशेष प्रशिक्षण और उनके लिए सरकारी गारंटी पर बिना ब्याज के व्यवासिक पूंजी उपलब्ध करवाई जाए.
  10. सामान्य आर्थिक कमजोर वर्ग के किसानों कि आर्थिक स्थिति सुधरने के लिए विशेष आर्थिक सहायता पैकेज की व्यवस्था की जाए.
  11. आनंदपाल सिंह एनकाउंटर के समय सामाजिक नेताओं और युवाओं पर किए गए मुकदमे वापस लिए जाए.

पढ़ेंः Bageshwar Dham Dhirendra Shastri: जयपुर आएंगे पंडित धीरेंद्र शास्त्री, ब्राह्मण महापंचायत में होंगे शामिल

सुखदेव सिंह गोगामेडी ने कहा कि राजस्थान में 200 विधानसभा है और हर विधानसभा में सवर्ण समाज मिलेगा. ऐसे में जिस समाज की जितनी हिस्सेदारी, उतनी उसकी भागीदारी हो. क्षत्रिय समाज के साथ-साथ सवर्ण समाज की टिकटें घटती जा रही हैं. यदि सरकार को कोई गलतफहमी है, तो जातीय जनगणना करा लें. उन्होंने कहा कि यहां किसी जाति का विरोध करने के लिए नहीं बैठे हैं. लेकिन जिन जाटों से सरकार खौफ खाती है, वर्तमान 33 जिलों में से 17 जिलों में जाट वोटर ही नहीं हैं. लेकिन सरकार उनसे खौफ खाती है, क्योंकि उनको हुंकार भरनी आ गई. क्षत्रिय समाज ब्राह्मण के आशीर्वाद के बिना कभी आगे नहीं बढ़ा, लेकिन इस बार महापंचायत के शुभ कार्य में ब्राह्मणों का आशीर्वाद मिला है.

केसरिया महापंचायत में ये मांगें रखी जाएंगी सरकार के सामने

जयपुर. जाट महाकुंभ और ब्राह्मण महापंचायत के बाद अब क्षत्रिय समाज एक बार फिर जुटने जा रहा है. क्षत्रिय कल्याण बोर्ड, ईडब्ल्यूएस के सरलीकरण, चुनाव में ईडब्ल्यूएस को भी दूसरे आरक्षित वर्गों की तरह कोटा देने और आनंदपाल एनकाउंटर के समय सामाजिक नेताओं पर लगाए गए मुकदमों को वापस लेने जैसी मांगों को लेकर 2 अप्रैल को केसरिया महापंचायत होगी. जिसमें क्षत्रिय समाज के अलावा संत जनों का भी मंच सजेगा. महापंचायत से संतों की सुरक्षा का कानून बनाने के साथ-साथ सनातन बोर्ड का गठन करने की भी मांग उठाई जाएगी.

वहीं आयोजक श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेडी ने स्पष्ट कर दिया कि प्रदेश में पहले भी राजपूत सीएम रहा है. क्षत्रिय समाज से सीएम बने या ना बने, लेकिन जो भी पार्टी आएगी वो उन्हीं के गलियारों से ही होकर गुजरेगी. अब क्षत्रिय समाज अपने अधिकारों के लिए एकजुट होकर आवाज को बुलंद करेगा. सुखदेव सिंह गोगामेडी ने कहा कि पहले दिसंबर में क्षत्रिय समाज ने सिर्फ अपनी ताकत दिखाई थी, अब महापंचायत के मंच से मांगे रखी जाएंगी.

पढ़ेंः Brahmin Mahapanchayat : जाट समाज के बाद अब ब्राह्मणों ने भरी हुंकार, मुख्यमंत्री बनाने की मांग...

जिसमें क्षत्रियों के साथ-साथ सवर्ण वर्ग के लोगों को दिए गए ईडब्ल्यूएस आरक्षण की विसंगतियों को दूर करने के साथ-साथ आगामी विधानसभा चुनाव में क्षत्रिय समाज की जनसंख्या के आधार पर प्रतिनिधित्व देने और वकीलों की तरह संतो की रक्षा के लिए भी एक्ट बनाए जाने की मांग रखी जाएगी. अगर उनकी मांगों पर गौर नहीं किया जाता, तो महापंचायत पर ही मूमेंट बदला जा सकता है. सोई हुई सरकार को जगाना भी पड़ सकता है. जाटों ने वीर तेजाजी के नाम से जन कल्याण बोर्ड ले लिया. इसके बाद ब्राह्मण समाज ने ताकत दिखाई, तो बीजेपी ने प्रदेशाध्यक्ष पद भी दे दिया. अब ब्राह्मणों का आशीर्वाद लेकर क्षत्रिय हुंकार भरेंगे.

पढ़ेंः ब्राह्मण महापंचायत के मंच से EWS आरक्षण, हिंदू रिलीजियस एक्ट बनाने और परशुराम जन्मोत्सव पर राष्ट्रीय अवकाश की उठी मांग

ये होंगी प्रमुख मांग :

  1. क्षत्रिय कल्याण बोर्ड का गठन उनके समाज के किसी भी महापुरुष के नाम से किया जाए.
  2. समाज के इतिहास और महापुरुषों कि पहचान को तोड़-मरोड़ कर पेश करने वालों के खिलाफ संवैधानिक कार्रवाई का अधिकार दिया जाए.
  3. संतों की सुरक्षा के लिए पुख्ता प्रावधान किये जाए, जिसके तहत संत सुरक्षा बिल पास किया जाए.
  4. EWS आरक्षण 10% से 14% किया जाए.
  5. केंद्र सरकार की ओर से EWS से सम्बंधित जमीन, मकान, प्लाट की शर्त हटाई जाए.
  6. पंचायती राज चुनाव/स्थानीय निकाय और अन्य सभी प्रकार के चुनावों में EWS के तहत अन्य आरक्षित वर्गों की तरह कोटा दिया जाए.
  7. EWS का सरलीकरण किया जाए, जिसमें आयु की छूट उत्तीर्णांक के साथ शैक्षणिक योग्यता में अंकों की छूट को शामिल करते हुए सम्पूर्ण भारत में एक जैसी प्रणाली लागू की जाए.
  8. EWS अभ्यर्थियों और छात्रों के लिए जिला स्तर पर निशुल्क छात्रावास की सुविधा उपलब्ध करवाई जाए.
  9. EWS बेरोजगार युवाओं के लिए विशेष प्रशिक्षण और उनके लिए सरकारी गारंटी पर बिना ब्याज के व्यवासिक पूंजी उपलब्ध करवाई जाए.
  10. सामान्य आर्थिक कमजोर वर्ग के किसानों कि आर्थिक स्थिति सुधरने के लिए विशेष आर्थिक सहायता पैकेज की व्यवस्था की जाए.
  11. आनंदपाल सिंह एनकाउंटर के समय सामाजिक नेताओं और युवाओं पर किए गए मुकदमे वापस लिए जाए.

पढ़ेंः Bageshwar Dham Dhirendra Shastri: जयपुर आएंगे पंडित धीरेंद्र शास्त्री, ब्राह्मण महापंचायत में होंगे शामिल

सुखदेव सिंह गोगामेडी ने कहा कि राजस्थान में 200 विधानसभा है और हर विधानसभा में सवर्ण समाज मिलेगा. ऐसे में जिस समाज की जितनी हिस्सेदारी, उतनी उसकी भागीदारी हो. क्षत्रिय समाज के साथ-साथ सवर्ण समाज की टिकटें घटती जा रही हैं. यदि सरकार को कोई गलतफहमी है, तो जातीय जनगणना करा लें. उन्होंने कहा कि यहां किसी जाति का विरोध करने के लिए नहीं बैठे हैं. लेकिन जिन जाटों से सरकार खौफ खाती है, वर्तमान 33 जिलों में से 17 जिलों में जाट वोटर ही नहीं हैं. लेकिन सरकार उनसे खौफ खाती है, क्योंकि उनको हुंकार भरनी आ गई. क्षत्रिय समाज ब्राह्मण के आशीर्वाद के बिना कभी आगे नहीं बढ़ा, लेकिन इस बार महापंचायत के शुभ कार्य में ब्राह्मणों का आशीर्वाद मिला है.

Last Updated : Mar 27, 2023, 9:51 PM IST
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