जयपुर. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृहमंत्री अमित शाह दो दिन के दौरे के बाद वापस दिल्ली लौट गए. विधानसभा चुनाव के बीच इन दोनों नेताओं का दौरा खासा महत्वपूर्ण था. टिकटों को लेकर रायशुमारी के साथ आगामी चुनाव की रणनीति पर चर्चा हुई. लेकिन बैठक में जो सबसे महत्वपूर्ण एजेंडा था वो पार्टी की आंतरिक गुटबाजी को समाप्त करना था. संगठन के लिहाज से भी नेताओं को एक साथ लाने के लिए इस बैठक में विशेष तौर राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष को बुलाया गया था. बैठक के बाद कोई नेता भले ही खुले तौर पर कुछ नहीं बोल रहा हो, लेकिन पार्टी सूत्रों की माने तो पहले दिन करीब साढ़े 6 घंटे और दूसरे दिन अलग-अलग नेताओं से वन टू वन मुकालात में सिर्फ एक संदेश दिया गया कि कोई स्वयंभू नहीं, मिल कर मिशन 2023 को पूरा करना है.
पहचान और शान सिर्फ कमल का फूल: जेपी नड्डा और अमित शाह की मीटिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'कमल' संदेश पर फोकस किया गया. अमित शाह ने साफ कहा कि कोई भी नेता अपने आप को स्वयंभू नहीं माने. सभी को एक साथ मिल कर चुनाव लड़ना है और पार्टी की सरकार बनानी है. जिस तरह से पीएम मोदी ने कहा था कि हमारी पहचान और शान सिर्फ कमल का फूल है और कमल के फूल के आधार पर एकजुट रहना. अमित शाह ने सख्त हिदायत दे दी और बैठक में साफ कर दिया कि प्रधानमंत्री और कमल के फूल ही चुनाव में चेहरा होंगे. प्रदेश से किसी को भी चेहरा नहीं बनाया जाएगा.
टिकटों को लेकर मंथन: बताया जा रहा है कि बैठक में परिवर्तन यात्रा के बाद आगामी चुनाव तक पार्टी का खासकर आचार सहिंता तक किस तरह से काम करना है, उसके रोडमैप पर चर्चा हुई. बैठक में संभागवार विधानसभा सीटों को लेकर रायशुमारी की गई. बताया जा रहा है कि काफी हद तक टिकटों को लेकर सहमति बन गई है. A और D कैटेगरी की विधानसभा सीटों पर टिकट लगभग तय है. टिकट वितरण की अंतिम प्रक्रिया को लेकर अब दिल्ली में जल्द ही चुनाव समिति की बैठक होगी. बैठक में परिवर्तन यात्रा के बाद के रोडमैप पर भी चर्चा हुई.
आरएसएस के पदाधिकारियों से नहीं हुई मुलाकात: जेपी नड्डा और अमित शाह के दो दिन के जयपुर दौरे के दौरान न तो आरएसएस के पदाधिकारियों के साथ बैठक हुई और न ही नड्डा और शाह संघ कार्यालय गए. बताया जा रहा है कि दौरे के दूसरे दिन यानी गुरुवार को नड्डा और शाह संघ कार्यालय जाएंगे, लेकिन संघ कार्यालय का कार्यक्रम भी स्थगित हो गया.
इसके साथ ही होटल ललित में भी संघ पदाधिकारी से मिलने को लेकर चर्चा थी, वहां पर भी कोई संघ पदाधिकारी नहीं पहुंचे. इतना ही नहीं नड्डा और अमित शाह अपने दो दिन के दौरे के दौरान भाजपा प्रदेश कार्यालय भी नहीं गए. जबकि पार्टी कार्यालय को पूरी तरीके से दुल्हन की तरह सजाया गया था और 150 से ज्यादा पार्टी के पदाधिकारी और नेताओं के पास बनाये गए थे. जिनसे उनकी मुलाकात होनी थी. लेकिन दो दिन के दौर में नड्डा और अमित शाह होटल ललित से बाहर नहीं गए. उन्होंने पहले कोर ग्रुप और बाद में कुछ अन्य नेताओं से वन टू वन मुलाकात की और दिल्ली लौट गए.
इन 15 से हुई चर्चा: भाजपा कोर ग्रुप की मीटिंग में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल, कैलाश चौधरी, प्रहलाद जोशी, भाजपा प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, नितिन पटेल, कुलदीप विश्नोई, विजया राहटकर, चंद्रशेखर, सतीश पूनिया, नारायण पंचारिया व राज्यवर्धन सिंह राठौड़ समेत कुल 15 लोग मौजूद रहे. सांसद दीया कुमारी को भी बैठक में बुलाया गया था. जिनसे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अलग से 5 मिनट की मुलाकात हुई.