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JLF 2023 : आउटरीच प्रोग्राम के तहत स्कूलों में पहुंचे ऑथर्स, रीडिंग हैबिट डेवलप करने को बांटी किताबें - जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में शामिल हुए लेखकों ने स्कूलों का दौरा (Jaipur Literature Festival 2023) किया. इस दौरान बच्चों में रीडिंग हैबिट डेवलप करने को किताबें वितरित की गई.

JLF Outreach Program
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Published : Jan 23, 2023, 1:59 PM IST

जयपुर. जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के आउटरीच प्रोग्राम के तहत गरीब और वंचित वर्ग के ऐसे छात्र जो फेस्टिवल में शामिल नहीं हो सकते, उन तक ऑथर्स को ले जाया जा रहा है. बीते चार दिनों में शहर के 50 से ज्यादा स्कूलों में लेखक और वक्ता पहुंचे. ये दौर जेएलएफ के आखिरी दिन भी जारी रहा. इन स्कूलों में गवर्नमेंट और प्राइवेट दोनों ही शामिल रहे. दरअसल, राजधानी जयपुर में बीते चार दिन से चल रहा जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल सोमवार को अपने अंतिम चरण में है.

फेस्टिवल में श्रोता के रूप में शामिल होने के लिए एक निर्धारित शुल्क तय किया गया था, जो लोग इसे अफोर्ड कर सकते हैं वो यहां विभिन्न सत्र में जुड़ते हुए नजर आए. लेकिन जो स्कूली छात्र गरीब और वंचित वर्ग से हैं और इस फेस्ट में पहुंचने के लिए उनकी जेब गवाही नहीं दी, उन तक आउटरीच प्रोग्राम के तहत खुद जेएलएफ पहुंच रहा है. लिटरेचर फेस्टिवल में आने वाले ऑथर्स को जयपुर के तकरीबन 100 स्कूलों की विजिट करवाने का लक्ष्य है.

इसे भी पढ़ें - JLF 2023 : सुधा मुर्ती बोलीं, विदेश जाना गलत नहीं, कल्चर से जुड़े रहें, दामाद ऋषि सुनक के ब्रिटेन पीएम बनने पर कही ये बात

इन स्कूलों में कुछ निजी स्कूलों के साथ सरकारी स्कूल भी शामिल हैं. स्वयंसेवी संस्था प्रथम और जेएलएफ के आउटरीच प्रोग्राम के तहत स्कूली छात्रों को देश-विदेश के जाने माने ऑथर्स से मिलने का मौका मिल रहा है. ऑथर्स स्कूलों में जाकर बच्चों से इंटरेक्ट हो रहे हैं. उनके साथ समय बिताते हुए उनकी जिज्ञासाओं का भी समाधान कर रहे हैं. वहीं, प्रोग्राम के तहत स्कूलों में बच्चों को उनकी आयु वर्ग के अनुसार कहानियों की किताबें भी नि:शुल्क उपलब्ध करवाई जा रही हैं. जिससे उनमें रीडिंग की हैबिट विकसित हो सके.

इसके साथ ही योजना के तहत 50 स्कूलों में लाइब्रेरी विकसित की जा रही है. इतना ही नहीं जेएलएफ में एक बुक स्टॉल भी लगाई गई है, जहां तीन से 14 साल तक के बच्चों के लिए हिंदी और अंग्रेजी में कहानियों की किताबें रखी गई हैं.

जयपुर. जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के आउटरीच प्रोग्राम के तहत गरीब और वंचित वर्ग के ऐसे छात्र जो फेस्टिवल में शामिल नहीं हो सकते, उन तक ऑथर्स को ले जाया जा रहा है. बीते चार दिनों में शहर के 50 से ज्यादा स्कूलों में लेखक और वक्ता पहुंचे. ये दौर जेएलएफ के आखिरी दिन भी जारी रहा. इन स्कूलों में गवर्नमेंट और प्राइवेट दोनों ही शामिल रहे. दरअसल, राजधानी जयपुर में बीते चार दिन से चल रहा जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल सोमवार को अपने अंतिम चरण में है.

फेस्टिवल में श्रोता के रूप में शामिल होने के लिए एक निर्धारित शुल्क तय किया गया था, जो लोग इसे अफोर्ड कर सकते हैं वो यहां विभिन्न सत्र में जुड़ते हुए नजर आए. लेकिन जो स्कूली छात्र गरीब और वंचित वर्ग से हैं और इस फेस्ट में पहुंचने के लिए उनकी जेब गवाही नहीं दी, उन तक आउटरीच प्रोग्राम के तहत खुद जेएलएफ पहुंच रहा है. लिटरेचर फेस्टिवल में आने वाले ऑथर्स को जयपुर के तकरीबन 100 स्कूलों की विजिट करवाने का लक्ष्य है.

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इन स्कूलों में कुछ निजी स्कूलों के साथ सरकारी स्कूल भी शामिल हैं. स्वयंसेवी संस्था प्रथम और जेएलएफ के आउटरीच प्रोग्राम के तहत स्कूली छात्रों को देश-विदेश के जाने माने ऑथर्स से मिलने का मौका मिल रहा है. ऑथर्स स्कूलों में जाकर बच्चों से इंटरेक्ट हो रहे हैं. उनके साथ समय बिताते हुए उनकी जिज्ञासाओं का भी समाधान कर रहे हैं. वहीं, प्रोग्राम के तहत स्कूलों में बच्चों को उनकी आयु वर्ग के अनुसार कहानियों की किताबें भी नि:शुल्क उपलब्ध करवाई जा रही हैं. जिससे उनमें रीडिंग की हैबिट विकसित हो सके.

इसके साथ ही योजना के तहत 50 स्कूलों में लाइब्रेरी विकसित की जा रही है. इतना ही नहीं जेएलएफ में एक बुक स्टॉल भी लगाई गई है, जहां तीन से 14 साल तक के बच्चों के लिए हिंदी और अंग्रेजी में कहानियों की किताबें रखी गई हैं.

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