जयपुर. जेसीटीएसएल प्रबंधन और बस संचालक कंपनी के बीच चल रहे विवाद का कोई हल निकलता हुआ नजर नहीं आ रहा. हालांकि मामला अब सीएमओ तक जा पहुंचा है. वहीं निगम मुख्यालय पर जेसीटीएसएल चेयरमैन और एमडी के बीच हुई वार्ता भी बिना दस्तावेजों के महज औपचारिकता ही प्रतीत हुई.
जयपुर की सिटी ट्रांसपोर्ट सेवा लो-फ्लोर बसों के प्रबंधक और संचालक के बीच छिड़े विवाद का अंत होता हुआ नहीं दिख रहा. हालांकि ये मामला अब सीएमओ तक जा पहुंचा है और खुद सरकार इसमें दखल अंदाजी करते हुए मूल दस्तावेजों में लिखित शर्तों पर विचार-विमर्श करने में जुटी गई है. उधर, विवाद का हल निकालने के लिए निगम मुख्यालय पर जेसीटीएसएल चेयरमैन विष्णु लाटा और एमडी श्याम लाल गुर्जर के बीच भी वार्ता हुई. लेकिन बिना मूल दस्तावेजों की ये वार्ता भी महज औपचारिकता पूरी करती हुई दिखाई दी.
हालांकि चेयरमैन विष्णु लाटा ने कहा कि नोटिस और बोर्ड की मंजूरी के बिना ही कंपनी की बैंक गारंटी सहित टर्मिनेट करने की कार्रवाई नहीं हो सकती. साथ ही इस बात का भी ध्यान रखा जाएगा कि किसी भी पक्ष के साथ अन्याय ना हो. उन्होंने कहा कि इस मामले में अब सरकार खुद जांच में जुटी है तो संभव है कि उन्हीं के स्तर पर इसका हल भी निकाला जाए.
हालांकि कार्यकाल के 3 महीने बीत जाने के बाद भी जेसीटीएसएल चेयरमैन विष्णु लाटा अपनी पावर समझने की कोशिश करने की बात कहकर पल्ला झाड़ते हुए दिखाई दिए. लेकिन ये बात तय है कि यदि इस विवाद का जल्द हल नहीं निकाला जाता है तो इसका खामियाजा शहर की आम जनता को भुगतना पड़ेगा.