सोनीपत/जयपुर. राजस्थान में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासत धीरे-धीरे सुर्ख होने लगी है. राजनीतिक दलों के बीच जारी जुबानी जंग के दरमियान शुक्रवार को पूर्व सांसद सुभाष महरिया ने दोबारा भाजपा का दामन थाम लिया है. सुभाष महरिया के इस कदम से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. इस बीच हरियाणा में भाजपा के साथ सत्ता में भागीदारी निभा रही जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने राजस्थान के चुनावी रण में उतरने का ऐलान कर दिया है. जेजेपी राजस्थान में 30 विधानसभा सीटों से ताल ठोकने का मानस बना रही है.
जेजेपी हरियाणा में भाजपा के साथ सत्ता में सहयोगी है. चौटाला परिवार की जेजेपी ने राजस्थान में बिना किसी गठबंधन के चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. पार्टी के नेता और हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने इस सिलसिले में जानकारी देकर राजस्थान को लेकर अपनी रणनीति को उजागर कर दिया है.
30 सीटों पर चुनाव लड़ेगी जेजेपीः हरियाणा की जननायक जनता पार्टी राजस्थान की 30 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का मानस बना चुकी है. शुक्रवार को सोनीपत में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने इस सिलसिले में ब्यौरा दिया. उन्होंने बताया कि पड़ोसी राज्यों में पार्टी के विस्तार की नीति के तहत वे अपनी पार्टी को राजस्थान के चुनावी रण में उतारने की तैयारी कर चुके हैं. साथ ही चौटाला ने दावा किया कि इस कवायद के लिए उनकी पार्टी ने काम भी शुरू कर दिया है.
वे प्रदेश में तीस सीटों का चयन भी कर चुके हैं और अब योग्य उम्मीदवार की तलाश कर रहे हैं. इससे पहले अजय सिंह चौटाला राजस्थान से दो बार विधायक रह चुके हैं, चौटाला 1990 में दांतारामगढ़ से और 1993 में नोहर से विधायक रहे थे. ऐसे में पार्टी को अपना बेस मजबूत करने की जरूरत होगी. बता दें कि इंडियन नेशनल लोकदल से अलग होकर दुष्यंत चौटाला ने अपने सहयोगियों के साथ जननायक जनता पार्टी का गठन किया था. हरियाणा में 2019 से जननायक जनता पार्टी भाजपा के साथ गठबंधन सरकार चला रही है.