अनुच्छेद 370
यह अनुच्छेद जम्मू-कश्मीर को विशेष अधिकार देता है. इसके मुताबिक, भारतीय संसद जम्मू-कश्मीर के मामले में सिर्फ तीन क्षेत्रों-रक्षा, विदेश मामले और संचार के लिए कानून बना सकती है. इसके अलावा किसी कानून को लागू करवाने के लिए केंद्र सरकार को राज्य सरकार की मंजूरी चाहिए होती है.
जम्मू-कश्मीर के मौजूदा संविधान के अनुसार, स्थायी नागरिक वही व्यक्ति है जो 14 मई 1954 को राज्य का नागरिक रहा और कानूनी तरीके से संपत्ति का अधिग्रहण किया हो. इसके अलावा कोई शख्स 10 वर्षों से राज्य में रह रहा हो.
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने से क्या होगा?
- जम्मू-कश्मीर समेत लद्दाख को केंद्र शासित राज्य घोषित कर दिया गया. धारा-370 में बदलाव को लेकर राष्ट्रपति ने मंजूरी भी दे दी. अब जम्मू-कश्मीर भी दिल्ली, पुड्डुचेरी और अन्य केंद्र शासित प्रदेशों की तरह यहां भी अधिकतर पावर केंद्र के पास होगा.
- अब जम्मू-कश्मीर में भारतीय संसद के द्वारा बनाए गए सारे कानून लागू होंगे. अब किसी भी कानून को लागू करने के लिए केंद्र सरकार को राज्य सरकार की मंजूरी नहीं चाहिए होगा.
- जम्मू-कश्मीर में अब अलग संविधान नहीं होगा. साथ ही यहां का अलग झंडा नहीं रहेगा.
- जम्मू-कश्मीर में अब दोहरी नागरिकता नहीं रहेगी. अब सब सिर्फ भारत के नागरिक होंगे.
- पहले राज्यपाल शासन का अधिकार था अब राष्ट्रपति शासन का अधिकार होगा.
- अब बाहरी भी जम्मू-कश्मीर में जमीन ले सकेंगे.