जयपुर. राजस्थान में कोरोना के बाद मुख्य कारोबार पर्यटन के क्षेत्र में कुछ तब्दीलियां देखने को मिली है. कम खर्च में ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं और आकर्षण पर्यटकों को उपलब्ध करवाने के मकसद से इस व्यवसाय से जुड़े लोग नये प्रयोग कर रहे हैं. इन प्रयोगों को ही प्रदेश का टूरिज्म सेक्टर एक्सपीरियंस टूरिज्म के नाम से पुकार रहा है. जिसमें सैलानियों को मशहूर जगहों से अलग राजस्थान का अनुभव दिया जा रहा है. खास बात है कि आने वाले सैलानियों को भी रजवाड़ों की भूमि का यह दीदार रास आ रहा है. ऐसे में उत्साहित कारोबारी इस दिशा में अब और अधिक विकल्प पर काम कर रहे हैं.
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बढ़ रहे आर्थिक विकल्पः पर्यटन कारोबार से जुड़े विशेषज्ञ संजय कौशिक बताते हैं कि पर्यटन से जुड़े क्षेत्र में ट्रेवल, होटल, फूड और स्थानीय बाजार के लिए पहले संभावनाएं होती थीं पर एक्सपीरियंस टूरिज्म में इन संभावनाओं ने और विस्तार लिया है. अब लोग घरों में रसोई पर देसी अंदाज में खाना बनाना दिखा भी रहे हैं और समझा भी रहे हैं. इसी तरह मेहंदी आर्ट, ब्लू पॉटरी, क्ले आर्ट और ऐसी कई और कलाओं को भी नजदीक से समझने के लिए सैलानी वक्त और पैसा निकाल रहे हैं. जो सैलानी जयपुर में दो दिन का स्टे करता था, नये पैकेज प्लान के मुताबिक वह तीन दिन तक रुक जाता है. इससे लोगों के लिए भी आर्थिक मंच पर और विकल्प तैयार हो रहे हैं. साथ ही पर्यटकों को नये तजुर्बे के अनुभव के साथ रोजगार के रास्ते भी खुल गये हैं. संजय कौशिक कहते हैं कि कमाई के साथ-साथ अब धरोहर, संस्कृति और कला के प्रचार को भी एक्सपीरियंस टूरिज्म के जरिये पंख फैलाने के मौके मिल रहे हैं. परंपरागत टूरिज्म से इतर बजट के मुताबिक सैर-सपाटे के इस कारोबार से जुड़े लोग विकल्पों पर काम करने लगे हैं.
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भारतीय परिवेश के मुताबिक पैकेजः कोरोना के बाद जब पर्यटन कारोबारियों के सामने आने वाले सैलानियों की जेब पर भारी बजट का मसला सामने आने लगा, तो क्षेत्र से जुड़े लोगों ने अपने टूर पैकेज को और आकर्षक बनाने की दिशा में काम शुरु कर दिया. संजय कौशिक बताते हैं कि अब तक विदेशी सैलानियों की आवक पहले के मुताबिक नहीं है. ऐसे में देसी-विदेशी सैलानियों को कम लागत में ज्यादा से ज्यादा रोमांच और नया अनुभव देने के लिहाज से उनकी इंडस्ट्री ने कुछ प्रयोग किये हैं. मसलन एक्सपीरियंस टूरिज्म के तहत पूरा दिन भारतीय परिवार के बीच बिताना, जिसमें उनकी संस्कृति से जुड़ी बातों को जानने के अलावा उनकी शादियों के एल्बम देखना. उनके रहन-सहन और पहनावे को समझना. हेरिटेज वॉक, कलाकारों के साथ नई आर्ट्स को सीखना या फिर उनके साथ दिन बिताना. यह सारी बातें प्रदेश में आने वाले पर्यटकों को खासा आनंदित करती हैं.