ETV Bharat / state

SMS अस्पताल के डॉक्टर्स का कारनामा, शाहरूख की हुई ओपन हार्ट सर्जरी, पढ़ें पूरी खबर

जयपुर के एसएमएस अस्पताल के डॉक्टर्स ने युवक की फटी हुई सांस की नली का सफल ऑपरेशन किया. अस्पताल प्रशासन का दावा है कि विदेशों में होने वाली इस तरह की ओपन हार्ट सर्जरी कर पहली बार किसी मरीज की जान बचाई गई हैं.

Jaipur SMS Hospital Doctors
Jaipur SMS Hospital Doctors
author img

By

Published : May 15, 2023, 2:21 PM IST

जयपुर. एसएमएस अस्पताल के कार्डियोथोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी विभाग के डॉक्टर्स ने एक युवक की सांस नली की सफल सर्जरी का उसे नया जीवन दान दिया है. बायां फेफड़ा निकालने के बाद फटी सांस की नली ब्रोंकोप्ल्यूरल फिस्टुला की सफल सर्जरी की गई है. अस्पताल प्रशासन का दावा है कि विदेशों में होने वाली इस तरह की ओपन हार्ट सर्जरी कर पहली बार किसी मरीज की जान बचाई गई हैं.

फेफड़े को निकालकर मरीज को राहत देने का काम भारत के कई अस्पताल करते हैं. लेकिन 27 वर्षीय चितौड़गढ़ के शाहरूख की सर्जरी में फेफड़ा निकालने के बाद भी मरीज को राहत नहीं मिली थी और उसके सांस की नली तक फट गई थी. जिस कारण मरीज मौत के मुंह में चला गया था. जिस मरीज के श्वास नली की सर्जरी एसएमएस अस्पताल में की गई उसने फेफड़ा अहमदाबाद में निकलवाया था. लेकिन इसके बाद इसकी श्वास नली में मवाद पड़ा तो उसने सवाई मानसिंह चिकित्सालय का रुख किया.

शाहरूख की ओपन हार्ट सर्जरी की गई : कार्डियक सर्जरी विभागध्यक्ष डॉ. संजीव देवगढ़ा ने बताया कि शाहरूख की ओपन हार्ट सर्जरी की गई. इस मरीज का फेफड़ा सड़ जाने के कारण अहमदाबाद में सर्जरी कर वहां के डॉक्टर्स ने बायां फेफड़ा 29 अगस्त 2022 को निकाल दिया था. इसके बाद शाहरूख की दाएं फेफड़े की नली फट जाने के कारण परिजन नवम्बर में उसे 2022 को एसएमएस में लेकर आए. उन्होंने बताया कि अहमदाबाद के डॉक्टर्स ने श्वास की नली को बांधने में कोई गलती की, जिससे ये परेशानी शुरू हुई. इससे मरीज को सांस लेने में फिर तकलीफ होने लगी और उसके दांयी छाती में मवाद भर गया. जिसे अस्पताल के डॉक्टर्स ने छाती में छेद कर निकालकर उसकी जान बचाई. लेकिन इसके बाद भी राहत नहीं मिली.

पढ़ें : पैरालाइज, बेहोशी में अस्पताल आई तब्बसूम, 4 महीने बाद मुस्कुराती...चलती हुई गईं घर, इस योजना से मिला जीवनदान

छाती में फिर मवाद बन गया : अप्रैल में ये मरीज दोबारा एसएमएस पहुंचा. जांच में आया कि छाती में फिर मवाद बन गया और वो मुंह से बाहर निकलने लगा था. जिससे दाएं फेफड़े के भी खराब होने की संभावना बन गई थी. ऐसे में एक बार फिर से सर्जरी करना चुनौती थी, लेकिन अस्पताल के चिकित्सकों ने चुनौती ली और ओपन सर्जरी की. डॉक्टर देवगढ़ा ने बताया कि शाहरुख के सामने की छाती खोल, हार्ट की दो धमनियों के बीच से जाने वाली हार्ट की झिल्ली खोली. झिल्ली के पीछे से फेफड़े में जाने वाली नस को बंद कर दिया.

ये सर्जरी इसलिए महत्वपूर्ण रही, क्योंकि हार्ट के झिल्ली के पीछे की नस को बंद किया गया. जिससे मरीज को तकलीफ से निजात मिली. ऑब्जर्वेशन में रखने के बाद शाहरुख को डिस्चार्ज कर दिया गया है. इस सर्जरी को डॉ. संजीव देवगढ़ा के निर्देशन में डॉ. केके मावर, डॉ. शैफाली, डॉ. केशा, डॉ. मनीष और डॉ. सतवीर ने किया.

जयपुर. एसएमएस अस्पताल के कार्डियोथोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी विभाग के डॉक्टर्स ने एक युवक की सांस नली की सफल सर्जरी का उसे नया जीवन दान दिया है. बायां फेफड़ा निकालने के बाद फटी सांस की नली ब्रोंकोप्ल्यूरल फिस्टुला की सफल सर्जरी की गई है. अस्पताल प्रशासन का दावा है कि विदेशों में होने वाली इस तरह की ओपन हार्ट सर्जरी कर पहली बार किसी मरीज की जान बचाई गई हैं.

फेफड़े को निकालकर मरीज को राहत देने का काम भारत के कई अस्पताल करते हैं. लेकिन 27 वर्षीय चितौड़गढ़ के शाहरूख की सर्जरी में फेफड़ा निकालने के बाद भी मरीज को राहत नहीं मिली थी और उसके सांस की नली तक फट गई थी. जिस कारण मरीज मौत के मुंह में चला गया था. जिस मरीज के श्वास नली की सर्जरी एसएमएस अस्पताल में की गई उसने फेफड़ा अहमदाबाद में निकलवाया था. लेकिन इसके बाद इसकी श्वास नली में मवाद पड़ा तो उसने सवाई मानसिंह चिकित्सालय का रुख किया.

शाहरूख की ओपन हार्ट सर्जरी की गई : कार्डियक सर्जरी विभागध्यक्ष डॉ. संजीव देवगढ़ा ने बताया कि शाहरूख की ओपन हार्ट सर्जरी की गई. इस मरीज का फेफड़ा सड़ जाने के कारण अहमदाबाद में सर्जरी कर वहां के डॉक्टर्स ने बायां फेफड़ा 29 अगस्त 2022 को निकाल दिया था. इसके बाद शाहरूख की दाएं फेफड़े की नली फट जाने के कारण परिजन नवम्बर में उसे 2022 को एसएमएस में लेकर आए. उन्होंने बताया कि अहमदाबाद के डॉक्टर्स ने श्वास की नली को बांधने में कोई गलती की, जिससे ये परेशानी शुरू हुई. इससे मरीज को सांस लेने में फिर तकलीफ होने लगी और उसके दांयी छाती में मवाद भर गया. जिसे अस्पताल के डॉक्टर्स ने छाती में छेद कर निकालकर उसकी जान बचाई. लेकिन इसके बाद भी राहत नहीं मिली.

पढ़ें : पैरालाइज, बेहोशी में अस्पताल आई तब्बसूम, 4 महीने बाद मुस्कुराती...चलती हुई गईं घर, इस योजना से मिला जीवनदान

छाती में फिर मवाद बन गया : अप्रैल में ये मरीज दोबारा एसएमएस पहुंचा. जांच में आया कि छाती में फिर मवाद बन गया और वो मुंह से बाहर निकलने लगा था. जिससे दाएं फेफड़े के भी खराब होने की संभावना बन गई थी. ऐसे में एक बार फिर से सर्जरी करना चुनौती थी, लेकिन अस्पताल के चिकित्सकों ने चुनौती ली और ओपन सर्जरी की. डॉक्टर देवगढ़ा ने बताया कि शाहरुख के सामने की छाती खोल, हार्ट की दो धमनियों के बीच से जाने वाली हार्ट की झिल्ली खोली. झिल्ली के पीछे से फेफड़े में जाने वाली नस को बंद कर दिया.

ये सर्जरी इसलिए महत्वपूर्ण रही, क्योंकि हार्ट के झिल्ली के पीछे की नस को बंद किया गया. जिससे मरीज को तकलीफ से निजात मिली. ऑब्जर्वेशन में रखने के बाद शाहरुख को डिस्चार्ज कर दिया गया है. इस सर्जरी को डॉ. संजीव देवगढ़ा के निर्देशन में डॉ. केके मावर, डॉ. शैफाली, डॉ. केशा, डॉ. मनीष और डॉ. सतवीर ने किया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.