जयपुर. राज्य सरकार की ओर से जयपुर को दो जिलों में बांटने के फैसले के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शनों के क्रम में शनिवार को शहरवासी सड़कों पर उतर कर पैदल मार्च करेंगे. साथ ही सरकार से जयपुर को एक बनाए रखने की मांग करेंगे. इसे लेकर शहर में 'म्हारो जयपुर प्यारो जयपुर' अभियान भी चल रहा है. जिससे न सिर्फ सामाजिक संगठन और बीजेपी बल्कि कांग्रेस के नेता भी जुड़ रहे हैं.
बीते दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में 19 नए जिले बनाने की घोषणा की थी. जिसमें जयपुर जिले को चार भागों में बांटते हुए जयपुर उत्तर, जयपुर दक्षिण, दूदू और कोटपुतली जिला बनाना घोषित किया गया था. लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधि और शहरवासी जयपुर उत्तर और जयपुर दक्षिण जिला बनाने से खफा है. यही वजह है कि शहर भर में धरने, प्रदर्शन, हस्ताक्षर अभियान और पैदल मार्च का दौर जारी है.
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शहर को एक बनाए रखने की लिए चल रहे म्हारो जयपुर प्यारो जयपुर अभियान से जुड़े सुनील कोठारी ने कहा कि जयपुर एक भौगोलिक क्षेत्र ही नहीं है, बल्कि जयपुर के राजा जयसिंह और वास्तुकार विद्याधर भट्टाचार्य ने मिलकर जीवंत शहर है. जो अपनी विरासत, इतिहास, संस्कृति और जीवन शैली के लिए अपना एक अलग स्थान रखता है. जयपुर सभी कलाओं से परिपूर्ण शहर है. लेकिन सरकार ने बीते दिनों जयपुर शहर को 2 जिलों में बांटने का फैसला लिया. उससे जयपुर की जनता को गहरा आघात पहुंचा है.
शहरवासी खुद के परिवार को बंटने जैसा महसूस कर रहे हैं. इसी दृष्टि से सरकार को अपनी असहमति दर्ज कराने के लिए जयपुर की जनता ने विभिन्न कार्यक्रम, ज्ञापन के जरिए अपनी सहमति दर्ज कराई है. इसी क्रम में 10 जून शाम को रविंद्र मंच से पैदल मार्च करते हुए जयपुर के जोहरी बाजार, त्रिपोलिया बाजार से चौड़ा रास्ता होते हुए अल्बर्ट हॉल तक जाएंगे. शहर को एक बनाए रखने की मांग को लेकर शहर की जनता सड़कों पर उतरेगी. उन्होंने कहा कि सरकार जनता की भावनाओं को समझते हुए अपने इस फैसले को वापस ले. क्योंकि जयपुर की जनता किसी भी तरह जयपुर के विभाजन को स्वीकार नहीं करेगी.