जयपुर.अखिल भारतीय राज्य नागरिक, प्रशासनिक सेवा महासंघ का 16वां तीन दिवसीय अधिवेशन राजधानी जयपुर में हो रहा है. इस अधिवेशन के दूसरे दिन कार्यक्रम में पहुंचे राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने अधिकारियों को आइना दिखाया. उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि 8 साल बाद जो अधिवेशन राजस्थान में हो रहा है. उसमें सरकारी योजनाओं को लेकर भी चर्चा हो रही है, लेकिन इससे बड़ी और महत्वपूर्ण मंथन करने की जरूरत यह है कि आखिर 35 साल से किसी एक आम आदमी का काम नहीं हुआ. इसके साथ ही जाट ने कहा कि अफसर को काम इस तरह से करना चाहिए कि उसके तबादले पर लोग खुश होने की जगह आंसू बहाए, स्वर्ग में जाना है तो अच्छे काम करने होंगे.
समय पर काम क्यों नहीं हो रहेः अधिवेशन में राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने आम जनता के लिए आरएएस अधिकारियों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी सरकार का मुखौटा होते हैं. इसलिए इस अधिवेशन में कुछ महत्वपूर्ण बिंदु ऐसे भी है, जिन पर विचार करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि कई सालों से आम जनता के छोटे छोटे काम लंबित चल रहे हैं. राजस्व विभाग में 30 से 35 साल पुराने मामले पेंडिंग है.उन्हें प्रशासन, गांव के संग अभियान में 1 दिन में पूरा किया गया. अब इस अधिवेशन में इस बात पर विचार करने की जरूरत है कि क्या वह काम जो अभियान में 1 दिन में हुआ, उसे 35 साल तक पूरा नहीं होने देने का जिम्मेदार कौन है. उन्होंने यह भी कहा कि आम जनता को आपसे सिर्फ छोटे-छोटे काम है. जिनकी समय पर पूर्ति हो यह उम्मीद करती है. कोई अफसर अच्छा काम करता है तो उसके तबादले पर वहां की जनता आंसू बहाती है.तबादले के विरोध में विरोध प्रदर्शन भी करती है, लेकिन कुछ अफसरों के तबादले होने पर खुशियां भी मनाती है, ऐसा क्यों इस पर भी विचार करने की जरूरत है.
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आरएएस सबसे बड़ा होता हैः जाट ने अधिवेशन में आरएएस अफसरों से कहा कि आप लोग IAS, मंत्री और मुख्यमंत्री से भी बड़े है. आम जनता का काम आप से सीधा पड़ता है, वो आप के पास काम लेकर आती है. आम जनता को राहत किस तारिके से मिले इस पर भी मंथन की जरूरत है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जिस तरह से एसडीएम ने ग्राउंड जीरो पर जाकर काम किया, उसकी सब ने तारीफ की. जब मरीजों का साथ उनके परिवार वाले छोड़ रहे थे, उस वक्त यही अफसर थे जो उनके साथ उन मुश्किल हालातों में उनके साथ खड़े थे.
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अच्छा काम करोगे तो स्वर्ग मिलेगाः जाट ने कहा कि अफसर की जिम्मेदारी बनती है कि वह आम आदमी की काम को जिम्मेदारी के साथ पूरा करें.कोई अफसर अगर अच्छा काम करना चाहे तो एक सर्कुलर के जरिए लोगों को बड़ी बड़ी राहत दे सकता है, लेकिन अगर कोई अधिकारी काम करने की नीयत नहीं रखता है, तो नियम कानून होने के बावजूद भी वो आम जनता को प्रताड़ित ही करेगा. उन्होंने अधिकारियों को नसीहत दी कि जिसको स्वर्ग में जाना है तो वह अपने काम को ईमानदारी से पूरा करेगा, नहीं तो नर्क के दरवाजे तो खुले ही हैं. अगर किसी को नर्क में जाना है तो उसके लिए कितने नियम कानून बना दो फिर भी वह नकारात्मक की कार्य करेगा.