जयपुर. विधानसभा चुनाव 2023 में किसकी हार होगी और किस दल की जीत, ये नतीजे रविवार (3 दिसंबर) को सबके सामने होंगे, लेकिन इस बार के चुनाव में वोटर्स की जरूर जीत हुई है. राजस्थान में कुल 75.45 फीसदी मतदान हुआ है. इसमें भी दिव्यांग मतदाताओं की अगर बात करें तो ये 2018 की तुलना में इस बार चार गुना मतदान किए हैं. प्रदेश में विधासनभा चुनाव 2023 के दौरान दिव्यांग मतदाताओं में मतदान को लेकर खासा उत्साह देखने को मिला था. इस बार निर्वाचन विभाग की ओर से दिव्यांग मतदाताओं के लिए विशेष इंतजाम किए गए थे. पहले होम वोटिंग और फिर घर से मतदान केन्द्र तक लाने ले जाने के लिए दिव्यांग मतदाताओं को विभाग की ओर से परिवहन सुविधा उपलब्ध कराई गई थी.
साथ ही उनकी सुविधा के लिए सभी मतदान केन्द्रों पर रैंप, व्हीलचेयर, ब्रेल डमी बैलट शीट की सुविधा उपलब्ध कराई गई थी. इसी के साथ मतदान केन्द्र पर मूक बधिर मतदाताओं की सुविधा के लिए भी बेसिक साइन लैंग्वेज में प्रशिक्षित एनसीसी/एनएसएस/स्काउट-गाइड लगाए गए थे. जिसका नतीजा यह रहा कि विधानसभा चुनाव 2023 में राज्य के 76.16 प्रतिशत दिव्यांग मतदाताओं ने मतदान किया, जो 2018 के मुकाबले 4 गुना रहा. वहीं, 2018 में दिव्यांग मतदाताओं का वोटिंग परसेंटेज 19.02 प्रतिशत था.
सबसे अधिक बांसवाड़ा में 88.96% मतदान : वहीं, प्रदेश में इस बार सर्वाधिक 88.96% मतदान बांसवाड़ा जिले में हुआ. इसके बाद कोटा में 85.80 प्रतिशत, करौली में 85.50 प्रतिशत, अजमेर में 84.58 प्रतिशत और हनुमानगढ़ में 84.18 प्रतिशत रहा. जबकि विधानसभा क्षेत्र की अगर बात करें तो जालोर का रानीवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में सर्वाधिक 96.10 प्रतिशत वोटिंग हुई. सांचौर में 96.05 प्रतिशत, खाजुवाला में 94.24 प्रतिशत, बांसवाड़ा में 92.76 प्रतिशत और सांगोद में 92.69 प्रतिशत मतदान रहा.
दिव्यांग मतदाताओं का वोटिंग परसेंटेज जहां कम भी रहा, वहां भी साल 2018 के मतदान प्रतिशत का दोगुना ही रहा. दिव्यांग मतदाताओं के सबसे कम मतदान प्रतिशत सिरोही में 60.75, झुंझुनू में 63.79 प्रतिशत, भरतपुर में 66.02 प्रतिशत, डूंगरपूर 66.71 प्रतिशत रहा. जबकि विधानसभा क्षेत्र की अगर बात करें तो सिरोही में सबसे कम 30.12 प्रतिशत मतदान रहा. इसके बाद नोखा में 43.45 प्रतिशत, लूणकरणसर में 44.48 प्रतिशत, अंता में 46.41 प्रतिशत रहा.