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सेकंड हैंड व्हीकल्स की खरीद-फरोख्त पर पुलिस की नजर, अब खरीदार और बेचने वालों का रखना होगा रिकॉर्ड - आपराधिक घटनाओं में चोरी के वाहनों का इस्तेमाल

जयपुर में सेकंड हैंड वाहनों की खरीद-फरोख्त करने वाले डीलर, एजेंट्स और कबाड़ियों को अब वाहन बेचने और खरीदने वालों का रिकॉर्ड रखना होगा. चोरी के वाहनों की बिक्री पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस ने यह कवायद शुरू की है.

Jaipur Police directs to keep record of used vehicles buy and sell
सेकंड हैंड व्हीकल्स की खरीद-फरोख्त पर पुलिस की नजर, अब खरीदार और बेचने वालों का रखना होगा रिकॉर्ड
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Published : Jun 28, 2023, 4:59 PM IST

जयपुर. राजधानी में दुपहिया और चौपहिया वाहनों की चोरी की घटनाएं लगातार बढ़ रही है. इसके साथ ही विभिन्न आपराधिक घटनाओं में चोरी के वाहनों का इस्तेमाल बदमाश कर रहे हैं. ऐसे में अब वाहनों की खरीद-फरोख्त करने वाले एजेंट पर पुलिस ने सख्ती दिखाई है. ताकि चोरी के वाहनों की खरीद-फरोख्त पर अंकुश लगाया जा सके.

दरअसल, जयपुर आयुक्तालय के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था) कुंवर राष्ट्रदीप ने एक आदेश जारी किया है. इसमें सेकंड हैंड वाहनों (दुपहिया और चौपहिया) की खरीद-फरोख्त करने वाले डीलर और एजेंट्स को निर्देश दिए गए हैं कि सेकंड हैंड वाहनों को बेचने और खरीदने वालों की जानकारी दर्ज करने के लिए एक रजिस्टर मेंटेन करें. जिसमें वाहन खरीदने और बेचने वालों की जानकारी दर्ज करने के साथ ही फोटो भी सुरक्षित रखनी होगी. इसके साथ ही परिवहन विभाग से संबंधित दस्तावेज जैसे फॉर्म-29 और 30 और डिलीवरी लेटर भी संधारित कर सुरक्षित रखने के निर्देश दिए गए हैं. ताकि पुलिस को जरूरत पड़ने पर यह जानकारी मुहैया करवाई जा सके. इसके साथ ही वाहन बेचने वाला व्यक्ति संदिग्ध लगे तो तुरंत पुलिस को सूचना देने के भी निर्देश दिए गए हैं.

पढ़ें: Special : सेकंड हैंड कारों की बिक्री में आई तेजी...कोरोना बना वजह

बिना रिकॉर्ड रखे ही खरीदे-बेचे जा रहे हैं वाहनः अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था) कुंवर राष्ट्रदीप ने बताया कि फिलहाल यह देखने में आया है कि पुराने वाहनों की खरीद-फरोख्त करने वाले कई डीलर या एजेंट उन्हें वाहन बेचने या खरीदने वाले लोगों का रिकॉर्ड नहीं रख रहे हैं. इसके साथ ही परिवहन विभाग को जानकारी दिए बिना ही वाहन बेच दिए जाते हैं. सेकंड हैंड वाहनों की खरीद-फरोख्त में दस्तावेज पूरे करवाने की जहमत नहीं उठाते हैं. ऐसे में कोई अपराध होने पर अपराधियों की पहचान करने में परेशानी आती है.

पढ़ें: Online fraud cases: एसओजी ने फर्जी सिमों की खरीद-फरोख्त के मामले में तीन आरोपी पकड़े

इसके साथ ही चोरी के वाहन इन डीलर-एजेंट्स के मार्फत बेचे जाने की संभावना रहती है. इसके साथ ही इन वाहनों के आपराधिक घटनाओं में उपयोग की संभावना भी बनी रहती है. सेकंड हैंड वाहनों की खरीद-फरोख्त करने वाले डीलर, एजेंट्स और कबाड़ियों को वाहन रखने के स्थान पर पर्याप्त संख्या में अच्छी गुणवत्ता के सीसीटीवी कैमरे लगवाने के भी निर्देश दिए गए हैं. ताकि वाहन बेचने और खरीदने आने वाले लोगों की पहचान की जा सके.

जयपुर. राजधानी में दुपहिया और चौपहिया वाहनों की चोरी की घटनाएं लगातार बढ़ रही है. इसके साथ ही विभिन्न आपराधिक घटनाओं में चोरी के वाहनों का इस्तेमाल बदमाश कर रहे हैं. ऐसे में अब वाहनों की खरीद-फरोख्त करने वाले एजेंट पर पुलिस ने सख्ती दिखाई है. ताकि चोरी के वाहनों की खरीद-फरोख्त पर अंकुश लगाया जा सके.

दरअसल, जयपुर आयुक्तालय के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था) कुंवर राष्ट्रदीप ने एक आदेश जारी किया है. इसमें सेकंड हैंड वाहनों (दुपहिया और चौपहिया) की खरीद-फरोख्त करने वाले डीलर और एजेंट्स को निर्देश दिए गए हैं कि सेकंड हैंड वाहनों को बेचने और खरीदने वालों की जानकारी दर्ज करने के लिए एक रजिस्टर मेंटेन करें. जिसमें वाहन खरीदने और बेचने वालों की जानकारी दर्ज करने के साथ ही फोटो भी सुरक्षित रखनी होगी. इसके साथ ही परिवहन विभाग से संबंधित दस्तावेज जैसे फॉर्म-29 और 30 और डिलीवरी लेटर भी संधारित कर सुरक्षित रखने के निर्देश दिए गए हैं. ताकि पुलिस को जरूरत पड़ने पर यह जानकारी मुहैया करवाई जा सके. इसके साथ ही वाहन बेचने वाला व्यक्ति संदिग्ध लगे तो तुरंत पुलिस को सूचना देने के भी निर्देश दिए गए हैं.

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बिना रिकॉर्ड रखे ही खरीदे-बेचे जा रहे हैं वाहनः अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (कानून-व्यवस्था) कुंवर राष्ट्रदीप ने बताया कि फिलहाल यह देखने में आया है कि पुराने वाहनों की खरीद-फरोख्त करने वाले कई डीलर या एजेंट उन्हें वाहन बेचने या खरीदने वाले लोगों का रिकॉर्ड नहीं रख रहे हैं. इसके साथ ही परिवहन विभाग को जानकारी दिए बिना ही वाहन बेच दिए जाते हैं. सेकंड हैंड वाहनों की खरीद-फरोख्त में दस्तावेज पूरे करवाने की जहमत नहीं उठाते हैं. ऐसे में कोई अपराध होने पर अपराधियों की पहचान करने में परेशानी आती है.

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इसके साथ ही चोरी के वाहन इन डीलर-एजेंट्स के मार्फत बेचे जाने की संभावना रहती है. इसके साथ ही इन वाहनों के आपराधिक घटनाओं में उपयोग की संभावना भी बनी रहती है. सेकंड हैंड वाहनों की खरीद-फरोख्त करने वाले डीलर, एजेंट्स और कबाड़ियों को वाहन रखने के स्थान पर पर्याप्त संख्या में अच्छी गुणवत्ता के सीसीटीवी कैमरे लगवाने के भी निर्देश दिए गए हैं. ताकि वाहन बेचने और खरीदने आने वाले लोगों की पहचान की जा सके.

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