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फर्जी डिग्री बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश, नकल सरगना भूपेंद्र सारण समेत 5 गिरफ्तार, 4000 डिग्रियां बरामद

जयपुर पुलिस ने फर्जी डिग्री बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए उक्त मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जिनके पास से चार हजार फर्जी डिग्रियों के साथ ही अन्य सामग्री बरामद की (Big action of Jaipur police) गई है.

Big action of Jaipur police
Big action of Jaipur police
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Published : Mar 29, 2023, 7:10 PM IST

Updated : Mar 29, 2023, 7:46 PM IST

डीसीपी वेस्ट वंदिता राणा

जयपुर. राजधानी जयपुर की करणी विहार थाना पुलिस ने फर्जी डिग्री बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा में नकल गिरोह के सरगना भूपेंद्र सारण समेत कुल 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जिनके पास से विभिन्न संस्थाओं की करीब 4000 से अधिक डिग्रियां, मार्कशीट, सर्टिफिकेट और माइग्रेशन बरामद किए गए हैं. इसके साथ ही विभिन्न संस्थाओं की 64 मुहर स्टांप, होलोग्राम, लेटर पैड, दो नंबरिंग मशीन भी बरामद की गई है. इसके अलावा फर्जी दस्तावेज बनाने के काम में इस्तेमाल होने वाले कंप्यूटर, लैपटॉप, हार्ड डिक्स, कागज के साथ ही प्रिंटर व अन्य सामग्री बरामद की गई है.

डीसीपी वेस्ट वंदिता राणा ने बताया कि फर्जी डिग्री बनाने के मामले में आरोपी भूपेंद्र सारण, अजय भारद्वाज, कैलाश सिसोदिया, अशोक विजय और प्रमोद सिंह को गिरफ्तार किया गया है. वहीं, पुलिस ने एक लाख के इनामी भूपेंद्र सारण को प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया है और उसे उदयपुर से जयपुर लाया गया है. उन्होंने बताया कि भूपेंद्र सारण से पूछताछ के बाद फर्जी डिग्री गिरोह के खिलाफ बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया गया है. डीसीपी ने बताया कि भूपेंद्र सारण से अनुसंधान के दौरान सामने आया कि वो इमलीवाला फाटक के पास स्थित गणेश नगर, ज्योति नगर थाना क्षेत्र निवासी अशोक विजय से फर्जी डिग्रियां, मार्कशीट और सर्टिफिकेट लिया करता था.

उन्होंने कहा कि इसी जानकारी के आधार पर अशोक विजय की तलाश की गई. इसके बाद अशोक विजय और उसके इस काम में सहायक कैलाश सिसोदिया को गिरफ्तार किया गया. जिनके पास से फर्जी डिग्रियां, मार्कशीट और सर्टिफिकेट बरामद हुए हैं. आरोपी अशोक विजय और कैलाश सिसोदिया से अनुसंधान में सामने आया कि नकल प्रकरण के बाद इन लोगों ने अपने ऑफिस को सांगानेर जयपुर में शिफ्ट कर लिया था. बताया गया कि आरोपी अशोक विजय के मनभर मैरिज गार्डन सांगानेर स्थित ऑफिस से करीब 50 विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं की फर्जी डिग्रियां, दस्तावेज तैयार करने के शीट, रिम, स्याही की शीशियां समेत अन्य सामान जब्त किए गए.

इसे भी पढ़ें - Special : झोलाछाप डॉक्टरों पर RMC की नजर...फर्जी डिग्री के भरोसे नहीं गलेगी दाल

एजेंटों के जरिए करवाता था छात्रों का दाखिला - आरोपी अशोक विजय से पूछताछ में पता चला है कि वो इस काम को अजय भारद्वाज और प्रमोद सिंह की मदद से करवाता था. वहीं, अजय भारद्वाज और प्रमोद सिंह को अपराध में लिप्त पाए जाने पर उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया. आरोपी अशोक विजय करीब 15 से 20 वर्षों से विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं में छात्रों का प्रवेश करवाने का काम करता आ रहा है. प्रारंभ में वो कुछ मुक्त विश्वविद्यालयों में दाखिला करता था, लेकिन जब उसने देखा कि बाहर की अधिकतर शैक्षणिक संस्थाएं प्रक्रिया की पालना किए बिना ही डिग्री और सर्टिफिकेट दे रही हैं तो उसने अपने स्तर पर फर्जी डिग्रियां और सर्टिफिकेट तैयार करना शुरू किया. आरोपी अशोक विजय विभिन्न संस्थाओं में अलग-अलग एजेंटों के जरिए छात्रों को प्रवेश दिलवाता था. साथ ही वहां से मिली डिग्री व सर्टिफिकेट की विभिन्न कंप्यूटर, सॉफ्टवेयर, लैपटॉप समेत अन्य उपकरणों की सहायता से हूबहू नकल तैयार करके एनरोलमेंट नंबर और अन्य विवरण के आधार पर फर्जी डिग्री और मार्कशीट बनाता था.

जानें कैसे तैयार करते थे हूबहू डिग्री - आरोपी अशोक विजय के पास मिले लैपटॉप और हार्ड डिक्स में 25 से अधिक प्रकार के सॉफ्टवेयर मिले हैं. जिनकी सहायता से किसी भी डिग्री को स्कैन करके हूबहू वैसी ही डिग्री अन्य नामों से तैयार की जाती थी. अशोक विजय के पास से मिले कलर प्रिंटर से प्रिंट निकलवा कर विभिन्न संस्थाओं की मुहर स्टांप, हस्ताक्षर करने के बाद फर्जी डिग्री तैयार होती थी. इस काम को बखूबी अंजाम देने के लिए विभिन्न संस्थाओं के होलोग्राम तक तैयार कराए गए थे. आरोपी के पास करीब 400 से अधिक मोहर मिली है. साथ ही मोहर को स्वयं ही तैयार कर लेने वाली किट भी बरामद हुई है.

विश्वविद्यालय के खाली लेटर पैड भी बरामद - विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं की डिग्रियां तैयार करने के लिए अलग-अलग एजेंटों की सहायता ली जाती थी. आरोपी अशोक विजय और प्रमोद सिंह ने मिलकर अभ्यर्थियों से पैसे लेकर फर्जी डिग्रियां तैयार की थी, जो छात्र विश्वविद्यालय वेरीफाई के लिए जाते थे, उन्हें प्रमोद सिंह अटेंड करता था और बाहर से ही संतुष्ट करके भेज देता था. प्रमोद सिंह की ओर से किसी व्यक्ति की नौकरी लगती तो उसका सत्यापन करवाने का आश्वासन भी दिया जाता था. उसके पास विश्वविद्यालय के खाली लेटर पैड भी बरामद किए गए हैं. कुछ अभ्यर्थियों के चयन होने पर उनके वेरिफिकेशन लेटर को वो विभाग से प्राप्त कर लेता था और खुद ही संबंधित विश्वविद्यालय के लेटर पैड पर सत्यापन कर देता था.

चार साल से चल रहा था खेल - पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार आरोपी अजय सिंह के साथ मिलकर जेएस यूनिवर्सिटी शिकोहाबाद उत्तर प्रदेश, महात्मा गांधी एलम यूनिवर्सिटी सिक्किम मेघालय की फर्जी डिग्रियां, मार्कशीट तैयार करने का काम किया गया. आरोपी अजय सिंह और प्रमोद सिंह मिलकर अशोक विजय के साथ लगभग 4 साल से यह काम कर रहे थे. अशोक विजय के सांगानेर स्थित मनभर मैरिज गार्डन से मिले स्टांप, कंप्यूटर, हार्ड डिक्स में कई चीजें सामने आई है. इसमें जेएस यूनिवर्सिटी शिकोहाबाद उत्तर प्रदेश की भूपेंद्र सारण के पास मिली डिग्रियां भी अशोक विजय ने अजय से तैयार करवाई थी.

डीसीपी वेस्ट वंदिता राणा

जयपुर. राजधानी जयपुर की करणी विहार थाना पुलिस ने फर्जी डिग्री बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने द्वितीय श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा में नकल गिरोह के सरगना भूपेंद्र सारण समेत कुल 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जिनके पास से विभिन्न संस्थाओं की करीब 4000 से अधिक डिग्रियां, मार्कशीट, सर्टिफिकेट और माइग्रेशन बरामद किए गए हैं. इसके साथ ही विभिन्न संस्थाओं की 64 मुहर स्टांप, होलोग्राम, लेटर पैड, दो नंबरिंग मशीन भी बरामद की गई है. इसके अलावा फर्जी दस्तावेज बनाने के काम में इस्तेमाल होने वाले कंप्यूटर, लैपटॉप, हार्ड डिक्स, कागज के साथ ही प्रिंटर व अन्य सामग्री बरामद की गई है.

डीसीपी वेस्ट वंदिता राणा ने बताया कि फर्जी डिग्री बनाने के मामले में आरोपी भूपेंद्र सारण, अजय भारद्वाज, कैलाश सिसोदिया, अशोक विजय और प्रमोद सिंह को गिरफ्तार किया गया है. वहीं, पुलिस ने एक लाख के इनामी भूपेंद्र सारण को प्रोडक्शन वारंट पर गिरफ्तार किया है और उसे उदयपुर से जयपुर लाया गया है. उन्होंने बताया कि भूपेंद्र सारण से पूछताछ के बाद फर्जी डिग्री गिरोह के खिलाफ बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया गया है. डीसीपी ने बताया कि भूपेंद्र सारण से अनुसंधान के दौरान सामने आया कि वो इमलीवाला फाटक के पास स्थित गणेश नगर, ज्योति नगर थाना क्षेत्र निवासी अशोक विजय से फर्जी डिग्रियां, मार्कशीट और सर्टिफिकेट लिया करता था.

उन्होंने कहा कि इसी जानकारी के आधार पर अशोक विजय की तलाश की गई. इसके बाद अशोक विजय और उसके इस काम में सहायक कैलाश सिसोदिया को गिरफ्तार किया गया. जिनके पास से फर्जी डिग्रियां, मार्कशीट और सर्टिफिकेट बरामद हुए हैं. आरोपी अशोक विजय और कैलाश सिसोदिया से अनुसंधान में सामने आया कि नकल प्रकरण के बाद इन लोगों ने अपने ऑफिस को सांगानेर जयपुर में शिफ्ट कर लिया था. बताया गया कि आरोपी अशोक विजय के मनभर मैरिज गार्डन सांगानेर स्थित ऑफिस से करीब 50 विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं की फर्जी डिग्रियां, दस्तावेज तैयार करने के शीट, रिम, स्याही की शीशियां समेत अन्य सामान जब्त किए गए.

इसे भी पढ़ें - Special : झोलाछाप डॉक्टरों पर RMC की नजर...फर्जी डिग्री के भरोसे नहीं गलेगी दाल

एजेंटों के जरिए करवाता था छात्रों का दाखिला - आरोपी अशोक विजय से पूछताछ में पता चला है कि वो इस काम को अजय भारद्वाज और प्रमोद सिंह की मदद से करवाता था. वहीं, अजय भारद्वाज और प्रमोद सिंह को अपराध में लिप्त पाए जाने पर उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया. आरोपी अशोक विजय करीब 15 से 20 वर्षों से विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं में छात्रों का प्रवेश करवाने का काम करता आ रहा है. प्रारंभ में वो कुछ मुक्त विश्वविद्यालयों में दाखिला करता था, लेकिन जब उसने देखा कि बाहर की अधिकतर शैक्षणिक संस्थाएं प्रक्रिया की पालना किए बिना ही डिग्री और सर्टिफिकेट दे रही हैं तो उसने अपने स्तर पर फर्जी डिग्रियां और सर्टिफिकेट तैयार करना शुरू किया. आरोपी अशोक विजय विभिन्न संस्थाओं में अलग-अलग एजेंटों के जरिए छात्रों को प्रवेश दिलवाता था. साथ ही वहां से मिली डिग्री व सर्टिफिकेट की विभिन्न कंप्यूटर, सॉफ्टवेयर, लैपटॉप समेत अन्य उपकरणों की सहायता से हूबहू नकल तैयार करके एनरोलमेंट नंबर और अन्य विवरण के आधार पर फर्जी डिग्री और मार्कशीट बनाता था.

जानें कैसे तैयार करते थे हूबहू डिग्री - आरोपी अशोक विजय के पास मिले लैपटॉप और हार्ड डिक्स में 25 से अधिक प्रकार के सॉफ्टवेयर मिले हैं. जिनकी सहायता से किसी भी डिग्री को स्कैन करके हूबहू वैसी ही डिग्री अन्य नामों से तैयार की जाती थी. अशोक विजय के पास से मिले कलर प्रिंटर से प्रिंट निकलवा कर विभिन्न संस्थाओं की मुहर स्टांप, हस्ताक्षर करने के बाद फर्जी डिग्री तैयार होती थी. इस काम को बखूबी अंजाम देने के लिए विभिन्न संस्थाओं के होलोग्राम तक तैयार कराए गए थे. आरोपी के पास करीब 400 से अधिक मोहर मिली है. साथ ही मोहर को स्वयं ही तैयार कर लेने वाली किट भी बरामद हुई है.

विश्वविद्यालय के खाली लेटर पैड भी बरामद - विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं की डिग्रियां तैयार करने के लिए अलग-अलग एजेंटों की सहायता ली जाती थी. आरोपी अशोक विजय और प्रमोद सिंह ने मिलकर अभ्यर्थियों से पैसे लेकर फर्जी डिग्रियां तैयार की थी, जो छात्र विश्वविद्यालय वेरीफाई के लिए जाते थे, उन्हें प्रमोद सिंह अटेंड करता था और बाहर से ही संतुष्ट करके भेज देता था. प्रमोद सिंह की ओर से किसी व्यक्ति की नौकरी लगती तो उसका सत्यापन करवाने का आश्वासन भी दिया जाता था. उसके पास विश्वविद्यालय के खाली लेटर पैड भी बरामद किए गए हैं. कुछ अभ्यर्थियों के चयन होने पर उनके वेरिफिकेशन लेटर को वो विभाग से प्राप्त कर लेता था और खुद ही संबंधित विश्वविद्यालय के लेटर पैड पर सत्यापन कर देता था.

चार साल से चल रहा था खेल - पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार आरोपी अजय सिंह के साथ मिलकर जेएस यूनिवर्सिटी शिकोहाबाद उत्तर प्रदेश, महात्मा गांधी एलम यूनिवर्सिटी सिक्किम मेघालय की फर्जी डिग्रियां, मार्कशीट तैयार करने का काम किया गया. आरोपी अजय सिंह और प्रमोद सिंह मिलकर अशोक विजय के साथ लगभग 4 साल से यह काम कर रहे थे. अशोक विजय के सांगानेर स्थित मनभर मैरिज गार्डन से मिले स्टांप, कंप्यूटर, हार्ड डिक्स में कई चीजें सामने आई है. इसमें जेएस यूनिवर्सिटी शिकोहाबाद उत्तर प्रदेश की भूपेंद्र सारण के पास मिली डिग्रियां भी अशोक विजय ने अजय से तैयार करवाई थी.

Last Updated : Mar 29, 2023, 7:46 PM IST
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