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सरकारी ऑफिस में लगाने के बहाने कर्मचारियों के नाम लोन पर गाड़ियां खरीदी, बाद में राजस्थान से बाहर बेच दी, तीन गिरफ्तार - ईटीवी भारत राजस्थान न्यूज

सरकारी कार्यालयों में गाड़ी लगवाने के नाम पर परिचितों को चंगुल में फंसाने और ठगी करने वाले गिरोह का पुलिस ने खुलासा किया है. पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

Jaipur Police busted a gang,  busted a gang involved in fraud
सरकारी ऑफिस में लगाने के बहाने कर्मचारियों के नाम लोन पर गाड़ियां खरीदी.
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 14, 2023, 7:10 PM IST

जयपुर. सरकारी कार्यालयों में गाड़ियां लगवाने के बहाने परिचितों के नाम पर महंगी गाड़ियां फाइनेंस पर उनके नाम खरीदने और उसके बाद ठगी की वारदात को अंजाम देने वाले शातिर गिरोह का खुलासा पुलिस ने किया है. पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इनके कब्जे से आठ लग्जरी गाड़ियां भी बरामद की गई हैं. पुलिस इनके साथियों की तलाश में जुटी है. इन बदमाशों से पूछताछ में कई और वारदातों का खुलासा होने की भी संभावना है.

जयपुर (दक्षिण) डीसीपी योगेश गोयल के अनुसार दूसरों के नाम पर गाड़ियां फाइनेंस करवाने और उनके साथ ठगी करने के मामले में भट्टा बस्ती निवासी रामावतार सैन, झोटवाड़ा निवासी कमल कुमार यादव और मानसरोवर निवासी राहुल यादव को गिरफ्तार किया है. भानुप्रताप सिंह चारण और नितिन पाटनी की पुलिस तलाश कर रही है. भानू प्रताप सिंह सिंगर है. गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से आठ लग्जरी गाड़ियां बरामद की गई हैं.

पढ़ेंः Online Fraud in Barmer: कंपनी की फर्जी आईडी बनाकर स्कीम के 1.83 करोड़ की ठगी, दो आरोपी UP से गिरफ्तार

हिमाचल प्रदेश का लेते टेम्परेरी रजिस्ट्रेशनः पुलिस की पड़ताल में सामने आया है कि भानुप्रताप, नितिन पाटनी और रामावतार सैन अपने परिचितों को झांसे में लेकर उनके नाम से गाड़ियां बुक करवा लेते हैं. बैंक लोन पास करवाने के बाद डीलर से डिलीवरी लेते समय गाड़ी पर प्रदेश से बाहर हिमाचल प्रदेश का टेम्परेरी रजिस्ट्रेशन लेते हैं. आरोपी इन गाड़ियों पर बैंक या फाइनेंस कंपनी का हाइपोथिकेशन नहीं चढ़वाते और न ही उसे रजिस्टर्ड करवाते. फिर चार-पांच किस्त जमा करवाने के बाद कमीशन के आधार पर राहुल यादव के मार्फत बेच देते. टेम्परेरी रजिस्ट्रेशन को लेकर पुलिस आरटीओ और डीलर्स से भी पूछताछ कर रही है.

इस तरह सामने आया मामलाः भानूप्रताप सिंह, उसका दोस्त नितिन पाटनी और रामावतार सैन ने सरकारी दफ्तरों में गाड़ियां लगाकर 25-25 हजार रुपए हर महीने कमाई का सपना दिखाकर पूनम सैनी, आकाश सैनी, अभिषेक गर्ग और प्राची गर्ग के नाम से चार गाड़ियां खरीदी. आरोपियों ने गाड़ियां खरीदने के लिए डाउन पेमेंट और हर महीने किस्त भी खुद जमा करवाने की बात कही और चारों को हर महीने 25-25 हजार रुपए दिलवाने का वादा किया. फिर 4-5 महीने तक किस्त जमा करवाई और बाद में किस्त जमा करवाना बंद कर दिया. इस पर पीड़ितों ने विधायकपुरी थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है.

जयपुर. सरकारी कार्यालयों में गाड़ियां लगवाने के बहाने परिचितों के नाम पर महंगी गाड़ियां फाइनेंस पर उनके नाम खरीदने और उसके बाद ठगी की वारदात को अंजाम देने वाले शातिर गिरोह का खुलासा पुलिस ने किया है. पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इनके कब्जे से आठ लग्जरी गाड़ियां भी बरामद की गई हैं. पुलिस इनके साथियों की तलाश में जुटी है. इन बदमाशों से पूछताछ में कई और वारदातों का खुलासा होने की भी संभावना है.

जयपुर (दक्षिण) डीसीपी योगेश गोयल के अनुसार दूसरों के नाम पर गाड़ियां फाइनेंस करवाने और उनके साथ ठगी करने के मामले में भट्टा बस्ती निवासी रामावतार सैन, झोटवाड़ा निवासी कमल कुमार यादव और मानसरोवर निवासी राहुल यादव को गिरफ्तार किया है. भानुप्रताप सिंह चारण और नितिन पाटनी की पुलिस तलाश कर रही है. भानू प्रताप सिंह सिंगर है. गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से आठ लग्जरी गाड़ियां बरामद की गई हैं.

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हिमाचल प्रदेश का लेते टेम्परेरी रजिस्ट्रेशनः पुलिस की पड़ताल में सामने आया है कि भानुप्रताप, नितिन पाटनी और रामावतार सैन अपने परिचितों को झांसे में लेकर उनके नाम से गाड़ियां बुक करवा लेते हैं. बैंक लोन पास करवाने के बाद डीलर से डिलीवरी लेते समय गाड़ी पर प्रदेश से बाहर हिमाचल प्रदेश का टेम्परेरी रजिस्ट्रेशन लेते हैं. आरोपी इन गाड़ियों पर बैंक या फाइनेंस कंपनी का हाइपोथिकेशन नहीं चढ़वाते और न ही उसे रजिस्टर्ड करवाते. फिर चार-पांच किस्त जमा करवाने के बाद कमीशन के आधार पर राहुल यादव के मार्फत बेच देते. टेम्परेरी रजिस्ट्रेशन को लेकर पुलिस आरटीओ और डीलर्स से भी पूछताछ कर रही है.

इस तरह सामने आया मामलाः भानूप्रताप सिंह, उसका दोस्त नितिन पाटनी और रामावतार सैन ने सरकारी दफ्तरों में गाड़ियां लगाकर 25-25 हजार रुपए हर महीने कमाई का सपना दिखाकर पूनम सैनी, आकाश सैनी, अभिषेक गर्ग और प्राची गर्ग के नाम से चार गाड़ियां खरीदी. आरोपियों ने गाड़ियां खरीदने के लिए डाउन पेमेंट और हर महीने किस्त भी खुद जमा करवाने की बात कही और चारों को हर महीने 25-25 हजार रुपए दिलवाने का वादा किया. फिर 4-5 महीने तक किस्त जमा करवाई और बाद में किस्त जमा करवाना बंद कर दिया. इस पर पीड़ितों ने विधायकपुरी थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है.

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