जयपुर. राजधानी जयपुर की विद्याधर नगर थाना पुलिस ने साइबर ठगी करने वाली अंतर्राष्ट्रीय गैंग का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनके कब्जे से एक हाईटेक मॉडिफाई कंप्यूटर सिस्टम, एक लैपटॉप, फाइबर राउटर, दो हेडफोन, दो ईयरबड, 3 एप्पल आईफोन समेत कई महंगे स्मार्टफोन, 7 डेबिट और क्रेडिट कार्ड बरामद किए हैं. आरोपियों के पास देश-विदेश के करीब 15 करोड़ से ज्यादा लोगों का डेबिट और क्रेडिट कार्ड डेटा मिला है. इसके साथ ही 2 करोड़ से ज्यादा लोगों के सोशल मीडिया के यूजरनेम, पासवर्ड और एक करोड़ से ज्यादा लोगों का आधार कार्ड डेटा मिला है. पुलिस ने बुधवार को आरोपी अभिषेक कुमार, बाबानी, राहुल कुमार सिंधी और रोहित कुमार सिंधी को गिरफ्तार किया है. कार्रवाई में विद्याधर नगर थाने के कांस्टेबल प्रदीप कुमार की मुख्य भूमिका रही है.
यूट्यूब से सीखे ठगी और हैकिंग के तरीके : डीसीपी नॉर्थ राशि डोगरा के मुताबिक गिरफ्तार आरोपी 12 कक्षा तक शिक्षित हैं. आरोपियों ने ठगी और हैकिंग के तरीके यूट्यूब वीडियो देखकर और डार्क वेबसाइट से सीखे थे. पबजी जैसे गेम्स, ऑनलाइन माध्यम से बिहार, तेलंगाना, जामताड़ा के साइबर ठगों से संपर्क करके हैकिंग के गुर सीखकर साइबर टेक्नोलॉजी के एक्सपर्ट बन गए थे. विभिन्न एप्स के माध्यम से स्वयं की ऑनलाइन लोकेशन को बाउंस करवाते थे, ताकि कोई ट्रेस नहीं कर सके. विभिन्न वेबसाइट्स और एप्स को अलग-अलग सॉफ्टवेयर या एप्स के माध्यम से क्रैक करके अंतर्राष्ट्रीय डेबिट और क्रेडिट कार्ड का डेटा समेत अन्य निजी जानकारियां चुराई थी.
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15 करोड़ लोगों के डेबिट और क्रेडिट कार्ड डेटा मिला : उन्होंने बताया कि करीब 15 करोड़ लोगों के डेबिट और क्रेडिट कार्ड डेटा, वैधता तिथि का डेटा आरोपियों ने अनाधिकृत तरीके से प्राप्त कर रखा था. 2 करोड़ से ज्यादा लोगों के फेसबुक और इंस्टाग्राम समेत अन्य सोशल मीडिया के यूजरनेम और पासवर्ड आरोपियों ने हासिल कर रखे थे. एक करोड़ से ज्यादा लोगों के आधार कार्ड का डेटा आरोपियों के पास सेव था. आरोपी डिसकोर्ड एप के माध्यम से ऑनलाइन स्क्रीन शेयर करके ठगी करते थे. साथ ही लोगों के डेबिट और क्रेडिट कार्ड से विदेशी साइटों से खरीदारी करते थे.
अवैध क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर रहे थे : आरोपी खरीदे गए सामान को वापस बेचकर रुपए कमाते थे. साइबर ठगी से प्राप्त रुपयों को विभिन्न तरीकों से खातों में लेकर अवैध क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर रहे थे. डेबिट और क्रेडिट कार्ड से ठगी से प्राप्त रुपयों को अलग-अलग वेबसाइट के माध्यम से पीटूपी क्रिप्टोकरंसी में निवेश करते थे. विदेशी साइटों से ठगी के काम में इस्तेमाल की जाने वाली अलग-अलग एप्स को डाउनलोड करने में क्रिप्टो करेंसी में भुगतान करते थे.
खातों में करोड़ों रुपए के ट्रांजैक्शन मिले : आरोपियों और उनके जानकारी के खातों में करोड़ों रुपए के ट्रांजैक्शन मिले हैं. रिश्तेदारों और जानकारों के बैंक खातों को किराए पर लेकर दुरुपयोग कर रहे थे. पुलिस ने आरोपियों के बैंक खातों को फ्रिज करवाया है. आरोपियों के खिलाफ तेलंगाना, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में साइबर शिकायतें दर्ज हैं. आरोपियों ने टेलीग्राम एप पर खुद के चैनल बना रखे थे. इसके साथ ही ओटीटी प्लेटफॉर्म के पासवर्ड क्रैक करके उनका डेटा डाउनलोड करते थे. ओटीटी प्लेटफॉर्म से डाउनलोड मूवी और वेब सीरीज को कम रुपयों में खुद के टेलीग्राम चैनलों पर उपलब्ध करवाते थे.
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आरोपियों के पास मिले काफी पोर्न वीडियो : डीसीपी नॉर्थ राशि डोगरा ने बताया कि आरोपी सिल्वर बुलेट और ओपन बुलेट एप के माध्यम से विभिन्न पैड एप्स और वेबसाइट को क्रैक करके दुरुपयोग करते थे. आरोपियों के कंप्यूटर, मोबाइल और लैपटॉप में अनगिनत पोर्न वीडियो मिले हैं. विभिन्न विदेशी पोर्न साइटों को क्रैक करके पोर्न वीडियो डाउनलोड करते थे. डाउनलोडेड पोर्न वीडियो को स्वयं देखकर दूसरों को भेजकर रुपए कमाते थे.
चाइल्ड पोर्नोग्राफी के साक्ष्य भी मिले : आरोपियों के डाउनलोडेड डेटा में चाइल्ड पोर्नोग्राफी के साक्ष्य भी मिले हैं. पुलिस से बचने के लिए आरोपी अलग-अलग स्थान पर कुछ समय के लिए किराए से रहते थे. आरोपियों ने विद्याधर नगर थाना इलाके में किराए पर मकान लेकर साइबर ठगी का सेटअप बना रखा था, जिसे वो खाली करके जाने की तैयारी में थे. हालांकि, आरोपियों के भागने से पहले ही पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. आरोपी अवैध कमाई से मौज मस्ती और अपने शौक पूरे कर रहे थे. पुलिस ने आरोपियों को न्यायालय में पेश करके 6 दिन के रिमांड पर लिया है. फिलहाल आरोपियों से पूछताछ की जा रही है. पूछताछ में और भी कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आ सकते हैं.