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सीएम के गृह जिले से लापता नरेश का 5 साल बाद भी सुराग नहीं, मां ने दी अन्न-जल त्यागने की चेतावनी - एडीजी क्राइम को दिया ज्ञापन

जोधपुर से लापता नरेश बंजारा के बूढ़े माता-पिता साढ़े पांच साल से अपने बेटे का इंतजार कर रहे हैं. पुलिस से लेकर मुख्यमंत्री तक गुहार लगाने और कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के बाद भी उनके बेटे का कहीं कोई सुराग नहीं मिला है. अब परिजन राजधानी जयपुर में शहीद स्मारक पर धरना दे रहे हैं.

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सीएम के गृह जिले से लापता नरेश का 5 साल बाद भी सुराग नहीं
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Published : Jun 6, 2023, 5:29 PM IST

सीएम के गृह जिले से लापता नरेश का 5 साल बाद भी सुराग नहीं

जयपुर. साढ़े पांच साल से बेटे के इंतजार में पुलिस से लेकर मुख्यमंत्री तक गुहार लगा चुके बुजुर्ग माता-पिता अपने परिवार को साथ लेकर जयपुर में शहीद स्मारक पर धरना दे रहे हैं. इन साढ़े पांच सालों में थाने से लेकर जोधपुर पुलिस कमिश्नर तक कमोबेश हर पुलिस अधिकारी को वे अपनी पीड़ा बताकर न्याय की गुहार लगा चुके हैं. बावजूद इसके अभी तक उनके बेटे का कोई भी सुराग नहीं मिला है. नरेश की मां कंचन ने अपनी पीड़ा बयां करने के साथ ही चेतावनी भी दी है कि वह अपने नाती-पोतों के साथ सड़क पर बैठेंगी. इतना ही नहीं वह अन्न-जल भी त्याग देंगी.

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एडीजी क्राइम को दिया ज्ञापनः अब बुजुर्ग माता-पिता ने एडीजी क्राइम को ज्ञापन देकर न्याय की गुहार लगाई है, और शहीद स्मारक पर धरना दे रहे हैं. दरअसल, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर में 12वीं रोड पर बंजारा मोहल्ला में रहने वाले केतन बंजारा का सबसे छोटा बेटा नरेश बंजारा 25 नवंबर 2017 से गायब है. उनका आरोप है कि उसका अपहरण हुआ है और उन्होंने नामजद रिपोर्ट भी जोधपुर के देवनगर थाने में दी. पहले रिपोर्ट तक दर्ज नहीं की गई थी. बाद में रिपोर्ट तो दर्ज की लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. न तो उनके बेटे नरेश का कोई सुराग मिला और न ही नामजद आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.

गम में बदली खुशियांः नरेश बंजारा के पिता केतन बंजारा का कहना है कि उनके सबसे छोटे बेटे नरेश की शादी रीना नाम की लड़की से तय हुई थी. उनका आरोप है कि रीना का शैतान नाम के एक लड़के से प्रेम प्रसंग चल रहा था. उसने नरेश की फोटो मंगवाई और 25 नवंबर 2017 को नरेश लापता हो गया. उन्होंने शैतान और रीना सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ नामजद शिकायत दी तो पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया और कॉल डिटेल निकलवाई. बाद में बिना कोई कार्रवाई किए ही उन्हें छोड़ दिया. तब से लेकर आज तक वे खुलेआम घूम रहे हैं और नरेश का कोई सुराग अब तक पुलिस नहीं लगा पाई है.

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थानाधिकारी से लेकर कमिश्नर तक लगाई गुहारः नरेश के पिता का कहना है कि इन साढ़े पांच साल में वे देवनगर थानाधिकारी से लेकर जोधपुर पुलिस कमिश्नर तक और मुख्यमंत्री तक गुहार लगा चुके हैं. बावजूद इसके उनके बेटे का पता नहीं चल पाया. उन्होंने पुलिस पर आरोपियों की मदद करने और राजनीतिक दबाव में काम करने का आरोप लगाया है. साथ ही आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री को भी पुलिस अधिकारियों ने गलत रिपोर्ट देकर गुमराह किया है. अब उन्होंने एडीजी क्राइम को ज्ञापन देकर मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग की है. उन्होंने बताया कि भोपालगढ़ विधायक पुखराज गर्ग ने उनके बेटे का मामला विधानसभा में भी उठाया था. इसके बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

मां ने दी अन्न-जल त्यागने की चेतावनीः नरेश की मां कंचन अपनी पीड़ा बताते हुए कहती हैं कि साढ़े पांच साल हो गए मेरे बेटे की सूरत देखे हुए. उसके बिना घर में कैसे रहें. उसका अपहरण करने वाले सभी खुलेआम घूम रहे हैं. हम अंदर ही अंदर घुटकर जीने को मजबूर हैं. बेटे के गम के कारण बीमारियों ने जकड़ लिया है. ऐसे में अब दवाइयों के सहारे जिंदा रहने की मजबूरी है. पुलिस उल्टे हमें धमकाती है. पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है. आरोपी पैसे वाले हैं, इसलिए पुलिस भी उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है. उन्होंने पुलिस पर मिलीभगत करने के आरोप लगाते हुए कहा कि वह गरीब हैं इसलिए उनकी सुनवाई नहीं हो रही है. ऐसे में अब कहां जाएं. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनका बेटा वापस नहीं मिला तो वह धूप में सड़क पर बैठेंगी. अब वे वापस जोधपुर नहीं जाएंगी. उन्होंने अपने पोते-पोतियों के साथ सड़क पर बैठने और अन्न-जल का त्याग करने की भी चेतावनी दी है.

सीएम के गृह जिले से लापता नरेश का 5 साल बाद भी सुराग नहीं

जयपुर. साढ़े पांच साल से बेटे के इंतजार में पुलिस से लेकर मुख्यमंत्री तक गुहार लगा चुके बुजुर्ग माता-पिता अपने परिवार को साथ लेकर जयपुर में शहीद स्मारक पर धरना दे रहे हैं. इन साढ़े पांच सालों में थाने से लेकर जोधपुर पुलिस कमिश्नर तक कमोबेश हर पुलिस अधिकारी को वे अपनी पीड़ा बताकर न्याय की गुहार लगा चुके हैं. बावजूद इसके अभी तक उनके बेटे का कोई भी सुराग नहीं मिला है. नरेश की मां कंचन ने अपनी पीड़ा बयां करने के साथ ही चेतावनी भी दी है कि वह अपने नाती-पोतों के साथ सड़क पर बैठेंगी. इतना ही नहीं वह अन्न-जल भी त्याग देंगी.

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एडीजी क्राइम को दिया ज्ञापनः अब बुजुर्ग माता-पिता ने एडीजी क्राइम को ज्ञापन देकर न्याय की गुहार लगाई है, और शहीद स्मारक पर धरना दे रहे हैं. दरअसल, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर में 12वीं रोड पर बंजारा मोहल्ला में रहने वाले केतन बंजारा का सबसे छोटा बेटा नरेश बंजारा 25 नवंबर 2017 से गायब है. उनका आरोप है कि उसका अपहरण हुआ है और उन्होंने नामजद रिपोर्ट भी जोधपुर के देवनगर थाने में दी. पहले रिपोर्ट तक दर्ज नहीं की गई थी. बाद में रिपोर्ट तो दर्ज की लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. न तो उनके बेटे नरेश का कोई सुराग मिला और न ही नामजद आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.

गम में बदली खुशियांः नरेश बंजारा के पिता केतन बंजारा का कहना है कि उनके सबसे छोटे बेटे नरेश की शादी रीना नाम की लड़की से तय हुई थी. उनका आरोप है कि रीना का शैतान नाम के एक लड़के से प्रेम प्रसंग चल रहा था. उसने नरेश की फोटो मंगवाई और 25 नवंबर 2017 को नरेश लापता हो गया. उन्होंने शैतान और रीना सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ नामजद शिकायत दी तो पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया और कॉल डिटेल निकलवाई. बाद में बिना कोई कार्रवाई किए ही उन्हें छोड़ दिया. तब से लेकर आज तक वे खुलेआम घूम रहे हैं और नरेश का कोई सुराग अब तक पुलिस नहीं लगा पाई है.

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थानाधिकारी से लेकर कमिश्नर तक लगाई गुहारः नरेश के पिता का कहना है कि इन साढ़े पांच साल में वे देवनगर थानाधिकारी से लेकर जोधपुर पुलिस कमिश्नर तक और मुख्यमंत्री तक गुहार लगा चुके हैं. बावजूद इसके उनके बेटे का पता नहीं चल पाया. उन्होंने पुलिस पर आरोपियों की मदद करने और राजनीतिक दबाव में काम करने का आरोप लगाया है. साथ ही आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री को भी पुलिस अधिकारियों ने गलत रिपोर्ट देकर गुमराह किया है. अब उन्होंने एडीजी क्राइम को ज्ञापन देकर मामले की निष्पक्ष जांच करने की मांग की है. उन्होंने बताया कि भोपालगढ़ विधायक पुखराज गर्ग ने उनके बेटे का मामला विधानसभा में भी उठाया था. इसके बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

मां ने दी अन्न-जल त्यागने की चेतावनीः नरेश की मां कंचन अपनी पीड़ा बताते हुए कहती हैं कि साढ़े पांच साल हो गए मेरे बेटे की सूरत देखे हुए. उसके बिना घर में कैसे रहें. उसका अपहरण करने वाले सभी खुलेआम घूम रहे हैं. हम अंदर ही अंदर घुटकर जीने को मजबूर हैं. बेटे के गम के कारण बीमारियों ने जकड़ लिया है. ऐसे में अब दवाइयों के सहारे जिंदा रहने की मजबूरी है. पुलिस उल्टे हमें धमकाती है. पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है. आरोपी पैसे वाले हैं, इसलिए पुलिस भी उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है. उन्होंने पुलिस पर मिलीभगत करने के आरोप लगाते हुए कहा कि वह गरीब हैं इसलिए उनकी सुनवाई नहीं हो रही है. ऐसे में अब कहां जाएं. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनका बेटा वापस नहीं मिला तो वह धूप में सड़क पर बैठेंगी. अब वे वापस जोधपुर नहीं जाएंगी. उन्होंने अपने पोते-पोतियों के साथ सड़क पर बैठने और अन्न-जल का त्याग करने की भी चेतावनी दी है.

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