ETV Bharat / state

स्वच्छता सर्वेक्षण के सवाल पर मेयर ने झाड़ा पल्ला, कमिश्नर का काम बताते हुए दे डाली नसीहत

जयपुर नगर निगम आयुक्त और मेयर के बीच विवाद अक्सर देखा जाता है. ऐसी ही एक बानगी मंगलवार को देखी गई जब स्वच्छता सर्वेक्षण के सवाल पर मेयर लाटा ने पल्ला झाड़ते हुए इसे आयुक्त का काम बताया.

जयपुर नगर निगम की खबर, Jaipur Municipal Corporation News , जयपुर स्वच्छता सर्वेक्षण , Jaipur Cleanliness Survey
author img

By

Published : Oct 2, 2019, 7:52 AM IST

जयपुर. शहरी सरकार के मुखिया और नगर निगम आयुक्त के बीच विवाद बरकरार है. स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर मेयर से पूछे गए सवाल पर उन्होंने अपना पल्ला झाड़ा लिया. एडमिनिस्ट्रेशन का काम कमिश्नर की ओर से देखे जाने की बात कहते हुए उन्हें जनता से जुड़े हुए मुद्दों को जल्द निस्तारण करने की नसीहत भी दे डाली.

स्वच्छता सर्वेक्षण के सवाल पर मेयर ने झाड़ा पल्ला

स्वच्छता सर्वेक्षण का दूसरा चरण अपने अंतिम दौर में चल रहा है. बहुत जल्द केंद्र सरकार की ओर से बनाई गई कमेटी इसे लेकर अंक जारी करेगी. लेकिन जयपुर नगर निगम को इस बार कोई खास फायदा होता नहीं दिख रहा. जिसका एक कारण निगम कमिश्नर और मेयर के बीच सामंजस्य के अभाव को माना जा सकता है. यूं तो स्वच्छता सर्वेक्षण में शहर के हर एक बाशिंदे की भूमिका है. लेकिन शायद जयपुर के मेयर कमिश्नर के साथ चल रहे विवाद के चलते अपनी भूमिका को भूल गए.

पढ़ेंः त्योहारी सीजन पर रेलवे यात्रियों के लिए खुशखबरी, हैदराबाद-जयपुर-हैदराबाद स्पेशल रेलसेवा का होगा संचालन

ईटीवी भारत ने जब स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर मेयर से सवाल किया तो उन्होंने पल्ला झाड़ते हुए इस सवाल को कमिश्नर की तरफ मोड़ दिया. उन्होंने कहा कि इस काम को कमिश्नर देख रहे हैं, इसलिए इस संबंध में उनसे बात करें. पूरा प्रशासनिक काम कमिश्नर देख रहे हैं. इस दौरान उन्होंने नसीहत देते हुए कहा कि जनता से जुड़े हुए मुद्दों को जल्द निस्तारित करना भी कमिश्नर का दायित्व है.

पढ़ेंः जयपुर : गांधी जयंती पर पदयात्रा को लेकर ट्रैफिक पुलिस अलर्ट, पदयात्रा के दौरान यातायात की रहेगी विशेष व्यवस्था

जयपुर नगर निगम का इतिहास भी यही रहा है. जहां ना तो मेयर अशोक लाहोटी और कमिश्नर रवि जैन की बनी. और यही हालात मेयर ज्योति खंडेलवाल और कमिश्नर जगरूप सिंह यादव के बीच थे. ऐसे में ये कोई नया मसला नहीं है. लेकिन फिलहाल इस कोल्ड वार में जयपुर का नुकसान हो रहा है.

जयपुर. शहरी सरकार के मुखिया और नगर निगम आयुक्त के बीच विवाद बरकरार है. स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर मेयर से पूछे गए सवाल पर उन्होंने अपना पल्ला झाड़ा लिया. एडमिनिस्ट्रेशन का काम कमिश्नर की ओर से देखे जाने की बात कहते हुए उन्हें जनता से जुड़े हुए मुद्दों को जल्द निस्तारण करने की नसीहत भी दे डाली.

स्वच्छता सर्वेक्षण के सवाल पर मेयर ने झाड़ा पल्ला

स्वच्छता सर्वेक्षण का दूसरा चरण अपने अंतिम दौर में चल रहा है. बहुत जल्द केंद्र सरकार की ओर से बनाई गई कमेटी इसे लेकर अंक जारी करेगी. लेकिन जयपुर नगर निगम को इस बार कोई खास फायदा होता नहीं दिख रहा. जिसका एक कारण निगम कमिश्नर और मेयर के बीच सामंजस्य के अभाव को माना जा सकता है. यूं तो स्वच्छता सर्वेक्षण में शहर के हर एक बाशिंदे की भूमिका है. लेकिन शायद जयपुर के मेयर कमिश्नर के साथ चल रहे विवाद के चलते अपनी भूमिका को भूल गए.

पढ़ेंः त्योहारी सीजन पर रेलवे यात्रियों के लिए खुशखबरी, हैदराबाद-जयपुर-हैदराबाद स्पेशल रेलसेवा का होगा संचालन

ईटीवी भारत ने जब स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर मेयर से सवाल किया तो उन्होंने पल्ला झाड़ते हुए इस सवाल को कमिश्नर की तरफ मोड़ दिया. उन्होंने कहा कि इस काम को कमिश्नर देख रहे हैं, इसलिए इस संबंध में उनसे बात करें. पूरा प्रशासनिक काम कमिश्नर देख रहे हैं. इस दौरान उन्होंने नसीहत देते हुए कहा कि जनता से जुड़े हुए मुद्दों को जल्द निस्तारित करना भी कमिश्नर का दायित्व है.

पढ़ेंः जयपुर : गांधी जयंती पर पदयात्रा को लेकर ट्रैफिक पुलिस अलर्ट, पदयात्रा के दौरान यातायात की रहेगी विशेष व्यवस्था

जयपुर नगर निगम का इतिहास भी यही रहा है. जहां ना तो मेयर अशोक लाहोटी और कमिश्नर रवि जैन की बनी. और यही हालात मेयर ज्योति खंडेलवाल और कमिश्नर जगरूप सिंह यादव के बीच थे. ऐसे में ये कोई नया मसला नहीं है. लेकिन फिलहाल इस कोल्ड वार में जयपुर का नुकसान हो रहा है.

Intro:जयपुर - शहरी सरकार के मुखिया और नगर निगम आयुक्त के बीच विवाद बरकरार है। मेयर के बयान में इस विवाद की खाई और उसकी गहराई देखने को भी मिली। स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर मेयर से पूछे गए सवाल पर उन्होंने अपना तो पल्ला झाड़ा। और एडमिनिस्ट्रेशन का काम कमिश्नर की ओर से देखे जाने की बात कहते हुए उन्हें जनता से जुड़े हुए मुद्दों को जल्द निस्तारण करने की नसीहत भी दे डाली।


Body:स्वच्छता सर्वेक्षण का दूसरा चरण अपने अंतिम दौर में चल रहा है। बहुत जल्द केंद्र सरकार की ओर से बनाई गई कमेटी इसे लेकर अंक जारी करेगी। लेकिन जयपुर नगर निगम को इस बार कोई खास फायदा होता नहीं दिख रहा। जिसका एक कारण निगम कमिश्नर और मेयर के बीच सामंजस्य के अभाव को माना जा सकता है। यूं तो स्वच्छता सर्वेक्षण में शहर के हर एक बाशिंदे की भूमिका है। लेकिन शायद जयपुर के मेयर कमिश्नर के साथ चल रहे विवाद के चलते अपनी भूमिका को भूल गए। ईटीवी भारत ने जब स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर मेयर से सवाल किया तो उन्होंने पल्ला झाड़ते हुए इस सवाल को कमिश्नर की तरफ मोड़ दिया। उन्होंने कहा कि इस काम को कमिश्नर देख रहे हैं, इसलिए इस संबंध में उनसे बात करें। पूरा प्रशासनिक काम कमिश्नर देख रहे हैं। इस दौरान उन्होंने नसीहत देते हुए कहा कि जनता से जुड़े हुए मुद्दों को जल्द निस्तारित करना भी कमिश्नर का दायित्व है।
बाईट - विष्णु लाटा, मेयर


Conclusion:जयपुर नगर निगम का इतिहास भी यही रहा है। जहां ना तो मेयर अशोक लाहोटी और कमिश्नर रवि जैन की बनी। और यही हालात मेयर ज्योति खंडेलवाल और कमिश्नर जगरूप सिंह यादव के बीच थे। ऐसे में ये कोई नया मसला नहीं है। लेकिन फिलहाल इस कोल्ड वार में जयपुर का नुकसान हो रहा है।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.