जयपुर. राज्य सरकार ने जयपुर मेट्रो की खुदाई के दौरान निकली पुरा महत्व की सामग्री को सहेजने के लिए छोटी चौपड़ अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन में आर्ट गैलरी बनाई है. ये आर्ट गैलरी छोटी चौपड़ कुंड के ठीक पास में बनाई गई है. आर्ट गैलरी में छोटी चौपड़ की खुदाई के दौरान मिले गोमुख अलग से प्रदर्शित किए गए हैं. इसके अलावा मेट्रो की खुदाई के दौरान मिले पुरा महत्व के अवशेष, पुरा धरोहरों के अवशेष, मिनिएचर पेंटिंग्स और स्कल्पचर यहां प्रदर्शित किए गए हैं. आर्ट गैलरी में जयपुर ही नहीं प्रदेश के दूसरे शहरों की पूरा वस्तुएं भी डिस्प्ले की गई हैं.
स्टूडेंट्स के लिए सिर्फ 5 रुपए शुल्क
जयपुर मेट्रो की इस आर्ट गैलरी तक पहुंचने के लिए छोटी चौपड़ के गेट नंबर 2 से एंट्री की जा सकती है. गैलरी को विजिट करने के लिए सुबह 9:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक का समय तय किया गया हैय प्रवेश शुल्क की तीन श्रेणियां रखी गई हैं. विदेशी पर्यटकों के लिए जहां 50 रुपए का टिकट रखा गया है वहीं भारतीय पर्यटकों के लिए यह शुल्क महज 10 रुपए है. विद्यार्थियों को प्रवेश शुल्क में 50% की छूट देते हुए 5 रुपए शुल्क रखा गया है.
गैलरी में ध्यान रखनी होगी कोरोना गाइडलाइन
आर्ट गैलरी में मेट्रो प्रशासन ने राज्य सरकार की ओर से जारी कोविड-19 की गाइडलाइन की पूरी पालना की व्यवस्था की है. गाइडलाइन की पालना करवाने के लिए मेट्रो कार्मिक और मेट्रो पुलिस भी वहां तैनात की गई है. मेट्रो डायरेक्टर ऑपरेशन मुकेश सिंघल ने बताया कि जब चांदपोल से बड़ी चौपड़ तक मेट्रो बनाने के लिए खुदाई की गई थी, तब छोटी चौपड़ और बड़ी चौपड़ पर ढाई सौ साल पुराने कुंड और पुरातत्व सामग्री मिली थी. उस वक्त सरकार ने इन पुरातत्व सामग्री को हिफाजत से रखने का फैसला लिया था। ऐसे में आर्ट गैलरी बनाकर जो भी वस्तुएं खुदाई में मिली है, उसे आमजन और पर्यटकों के लिए डिस्प्ले किया जा रहा है। जिसमें राजस्थान के दूसरे शहरों से लाई गई कलाकृतियों को भी प्रदर्शित किया गया है.
मेंटेनेंस का खर्च भी जयपुर मेट्रो ही उठाएगा
इस आर्ट गैलरी के मेंटेनेंस का खर्चा भी जयपुर मेट्रो ही वहन करेगा. यहां सुरक्षा व्यवस्था के तहत तीन शिफ्ट में जयपुर मेट्रो की पुलिस को भी तैनात किया गया है. अनुमान के मुताबिक गर्मियों में इसका बिजली का खर्च डेढ़ से दो लाख रुपए तक आता है. तो वहीं सर्दियों में ये खर्चा 50 से 60 हजार तक होता है.
हालांकि यहां टिकट के जरिए प्रवेश का इंतजाम करके जेएमआरसी राजस्व संग्रहण का काम कर रही है. जिससे मेंटेनेंस के खर्चे की भरपाई हो सके. लेकिन कोरोना काल में पर्यटक ना के बराबर हैं. ऐसे में फिलहाल मेट्रो प्रशासन पर ये आर्ट गैलरी अतिरिक्त भार बनती दिख रही है.