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निगम का कार्यक्रम और महापौर की ही No Entry, जानिए क्यों

गहलोत सरकार ने राजस्थान के शहरी क्षेत्रों में निवास करने वाले परिवारों को सम्बल प्रदान करने के लिए मनरेगा के तर्ज पर इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना लागू करने पहल की है. इस योजना की शुरुआत आज से हो गई है. वहीं, निगम के इस कार्यक्रम में ग्रेटर निगम महापौर को ही शामिल नहीं किया गया.

Greater Nagar Nigam Mayor Somya Gurjar
Greater Nagar Nigam Mayor Somya Gurjar
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Published : Sep 9, 2022, 12:28 PM IST

जयपुर. बेरोजगारी पर निरंतर प्रहार, हर हाथ को मिले रोजगार के उद्देश्य से आज इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना का शुभारंभ (Indira Gandhi Urban Employment Guarantee Scheme) हुआ. सीएम अशोक गहलोत ने खानिया बावड़ी से शहरी रोजगार गारंटी योजना का आगाज किया. 18वीं शताब्दी में जयपुर के राजा जयसिंह ने ये बावड़ी अपनी मां की याद में चूलगिरी की तलहटी में बनवाई थी. शहरी रोजगार गारंटी योजना की शुरुआत जीर्णशीर्ण अवस्था में पहुंच चुकी इस बावड़ी के कायाकल्प के साथ की जाएगी. हालांकि, इस कार्यक्रम में ग्रेटर निगम मेयर सौम्या गुर्जर को ही शामिल नहीं किया गया.

बता दें, शहरी रोजगार गारंटी योजना के प्रमुख आयोजन में ग्रेटर निगम मेयर सौम्या गुर्जर (Greater Nagar Nigam Mayor Somya Gurjar) नदारद रहीं. इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना का आज शुभारंभ हुआ. कार्यक्रम में सीएम अशोक गहलोत, यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और जयपुर के कई बीजेपी कांग्रेस के विधायकों के साथ-साथ हेरिटेज निगम मेयर मुनेश गुर्जर को आमंत्रित किया गया है. लेकिन अतिथियों की सूची में ग्रेटर निगम महापौर सौम्या गुर्जर को शामिल नहीं किया गया. जबकि ग्रेटर और हेरिटेज नगर निगम में एक साथ योजना का शुभारंभ हुआ.

Indira Gandhi Urban Employment Guarantee Scheme
महापौर को नहीं किया गया शामिल

पढ़ें- शहरी क्षेत्रों में भी मिलेगी रोजगार की गारंटी, CM जयपुर में तो जिलों में प्रभारी मंत्री आज करेंगे योजना का शुभारंभ

बेरोजगारी पर निरंतर प्रहार, हर हाथ को मिले रोजगार के उद्देश्य से आज इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना का शुभारंभ हुआ. सीएम अशोक गहलोत ने खानिया बावड़ी से शहरी रोजगार गारंटी योजना का आगाज (Urban Employment Guarantee Scheme launched) किया. 18वीं शताब्दी में जयपुर के राजा जयसिंह ने ये बावड़ी अपनी मां की याद में चूलगिरी की तलहटी में बनवाई थी. शहरी रोजगार गारंटी योजना की शुरुआत जीर्णशीर्ण अवस्था में पहुंच चुकी इस बावड़ी के कायाकल्प के साथ की जाएगी.

बता दें कि देशभर के ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के लिए यूपीए सरकार के दौरान महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार योजना यानि मनरेगा को शुरू किया गया था. इसी की तर्ज पर राज्य में गहलोत सरकार ने शहरी क्षेत्रों में भी रोजगार गारंटी योजना शुरू किया है. राज्य सरकार का दावा है कि शहरी क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध करवाने की देश की ये सबसे बड़ी रोजगार योजना है. जिसमें 800 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है. अब तक 2 लाख से ज्यादा जॉब कार्ड जारी किए जा चुके हैं. इनके जरिए पंजीकृत सदस्यों की कुल संख्या 3 लाख 18 हजार से अधिक है.

पढ़ें- इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना, 2 लाख से ज्यादा जॉब कार्ड जारी

जयपुर नगर निगम हैरिटेज में 3765 और ग्रेटर निगम में 1451 जॉब कार्ड तैयार किए गए हैं. सभी निकायों में 9 हजार 500 से ज्यादा कार्य चिह्नित किए गए हैं. जबकि सभी नगरीय निकायों में भी बजट का आवंटन किया गया है. चिह्नित किए गए कामकाज की राशि करीब 658 करोड़ रुपए है. लगभग 6 हजार कार्यों के लिए प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृतियां जारी की जा चुकी है. योजना में श्रम और सामग्री के अनुपात निकाय स्तर पर 75:25 में निर्धारित किया गया है.

खास तरह के तकनीकी कार्यों में निर्माण सामग्री लागत, तकनीकी विशेषज्ञों और कुशल श्रमिकों के लिए पारिश्रमिक के भुगतान का अनुपात 25:75 हो सकेगा. योजना में पर्यावरण सरंक्षण, जल संरक्षण, स्वच्छता एवं सेनिटेशन, संपत्ति विरूपण रोकना, सेवा संबंधी कार्य कन्वर्जेशन कार्य, हैरिटेज सरंक्षण सहित अन्य कार्य कराए जा सकेंगे. इसके अलावा योजना के लिए 2561 विभिन्न पदों पर संविदा आधार पर भर्ती की जा रही है.

जयपुर. बेरोजगारी पर निरंतर प्रहार, हर हाथ को मिले रोजगार के उद्देश्य से आज इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना का शुभारंभ (Indira Gandhi Urban Employment Guarantee Scheme) हुआ. सीएम अशोक गहलोत ने खानिया बावड़ी से शहरी रोजगार गारंटी योजना का आगाज किया. 18वीं शताब्दी में जयपुर के राजा जयसिंह ने ये बावड़ी अपनी मां की याद में चूलगिरी की तलहटी में बनवाई थी. शहरी रोजगार गारंटी योजना की शुरुआत जीर्णशीर्ण अवस्था में पहुंच चुकी इस बावड़ी के कायाकल्प के साथ की जाएगी. हालांकि, इस कार्यक्रम में ग्रेटर निगम मेयर सौम्या गुर्जर को ही शामिल नहीं किया गया.

बता दें, शहरी रोजगार गारंटी योजना के प्रमुख आयोजन में ग्रेटर निगम मेयर सौम्या गुर्जर (Greater Nagar Nigam Mayor Somya Gurjar) नदारद रहीं. इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना का आज शुभारंभ हुआ. कार्यक्रम में सीएम अशोक गहलोत, यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और जयपुर के कई बीजेपी कांग्रेस के विधायकों के साथ-साथ हेरिटेज निगम मेयर मुनेश गुर्जर को आमंत्रित किया गया है. लेकिन अतिथियों की सूची में ग्रेटर निगम महापौर सौम्या गुर्जर को शामिल नहीं किया गया. जबकि ग्रेटर और हेरिटेज नगर निगम में एक साथ योजना का शुभारंभ हुआ.

Indira Gandhi Urban Employment Guarantee Scheme
महापौर को नहीं किया गया शामिल

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बेरोजगारी पर निरंतर प्रहार, हर हाथ को मिले रोजगार के उद्देश्य से आज इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना का शुभारंभ हुआ. सीएम अशोक गहलोत ने खानिया बावड़ी से शहरी रोजगार गारंटी योजना का आगाज (Urban Employment Guarantee Scheme launched) किया. 18वीं शताब्दी में जयपुर के राजा जयसिंह ने ये बावड़ी अपनी मां की याद में चूलगिरी की तलहटी में बनवाई थी. शहरी रोजगार गारंटी योजना की शुरुआत जीर्णशीर्ण अवस्था में पहुंच चुकी इस बावड़ी के कायाकल्प के साथ की जाएगी.

बता दें कि देशभर के ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के लिए यूपीए सरकार के दौरान महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार योजना यानि मनरेगा को शुरू किया गया था. इसी की तर्ज पर राज्य में गहलोत सरकार ने शहरी क्षेत्रों में भी रोजगार गारंटी योजना शुरू किया है. राज्य सरकार का दावा है कि शहरी क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध करवाने की देश की ये सबसे बड़ी रोजगार योजना है. जिसमें 800 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है. अब तक 2 लाख से ज्यादा जॉब कार्ड जारी किए जा चुके हैं. इनके जरिए पंजीकृत सदस्यों की कुल संख्या 3 लाख 18 हजार से अधिक है.

पढ़ें- इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना, 2 लाख से ज्यादा जॉब कार्ड जारी

जयपुर नगर निगम हैरिटेज में 3765 और ग्रेटर निगम में 1451 जॉब कार्ड तैयार किए गए हैं. सभी निकायों में 9 हजार 500 से ज्यादा कार्य चिह्नित किए गए हैं. जबकि सभी नगरीय निकायों में भी बजट का आवंटन किया गया है. चिह्नित किए गए कामकाज की राशि करीब 658 करोड़ रुपए है. लगभग 6 हजार कार्यों के लिए प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृतियां जारी की जा चुकी है. योजना में श्रम और सामग्री के अनुपात निकाय स्तर पर 75:25 में निर्धारित किया गया है.

खास तरह के तकनीकी कार्यों में निर्माण सामग्री लागत, तकनीकी विशेषज्ञों और कुशल श्रमिकों के लिए पारिश्रमिक के भुगतान का अनुपात 25:75 हो सकेगा. योजना में पर्यावरण सरंक्षण, जल संरक्षण, स्वच्छता एवं सेनिटेशन, संपत्ति विरूपण रोकना, सेवा संबंधी कार्य कन्वर्जेशन कार्य, हैरिटेज सरंक्षण सहित अन्य कार्य कराए जा सकेंगे. इसके अलावा योजना के लिए 2561 विभिन्न पदों पर संविदा आधार पर भर्ती की जा रही है.

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