जयपुर. हेरिटेज सिटी जयपुर का स्थापना दिवस मनाते हुए जयपुर के दोनों निगमों की मेयर मुनेश गुर्जर और सौम्या गुर्जर ने मोती डूंगरी गणेश मंदिर में पूजा-अर्चना की. इसके बाद परकोटे में जयपुर की बसावट के दौरान बने पहले दरवाजे गंगापोल गेट पर विराजमान गणेश जी का पूजन किया. हालांकि, दोनों महापौर अलग-अलग समय यहां पहुंचीं. इस दौरान हेरिटेज नगर निगम महापौर मुनेश गुर्जर ने कहा कि 1727 में महाराजा सवाई जयसिंह ने (Maharaja Sawai Jai Singh) जयपुर की नींव रखी थी, उस समय की वास्तुकला और विरासत को संजोए रखने का काम किया जा रहा है. साथ ही जयपुर को स्वच्छता में भी नंबर वन बनाया जाएगा.
उन्होंने कहा कि पिछली बार यहां आए थे तो गंगापोल गेट और यहां बने परकोटे की दीवारों की हालत बदतर थी, लेकिन इस बार (Both Mayors of Jaipur Nagar Nigam) यहां भी हेरिटेज के संरक्षण का कार्य किया गया है. वहीं, उन्होंने बताया कि भगवान गणेश की पूजा आराधना कर ये प्रार्थना की है कि जयपुर अखंड रहे, यहां की गंगा जमुनी तहजीब बरकरार रहे. जहां तक आवारा पशुओं का सवाल है तो उन्हें पकड़ने के लिए युद्ध स्तर पर 10 दिन लगातार अभियान चलाया जा रहा है. वहीं, उन्होंने ग्रेटर मेयर से अलग समय पर गंगापोल गणेश जी की पूजा करने के पीछे खुद का स्वच्छता को लेकर किए जाने वाले नियमित दौरे को कारण बताया.
वहीं, ग्रेटर नगर निगम महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर ने सभी शहर वासियों को जयपुर स्थापना दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जयपुर सभ्यता-संस्कृति का संरक्षण करती है. ये हमारी धरोहर है इसे संजोए रखने की जिम्मेदारी सभी की है. यहां की सुंदर बसावट को बनाए रखते हुए इसमें चार चांद लगाने की जिम्मेदारी सभी है. वहीं, उन्होंने आज से जयपुर समारोह का आगाज किए जाने की बात कही. जयपुर वासियों का नगर निगम के साथ ज्यादा से ज्यादा पार्टिसिपेशन हो इसके लिए विभिन्न तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाएंगे. युवाओं, महिलाओं, खिलाड़ियों के लिए भी अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि जयपुर एक है, जयपुर की आत्मा है और जयपुर के लोगों का मन एक साथ है. यहां जयपुर हेरिटेज और ग्रेटर निगम के जनप्रतिनिधि और अधिकारी भी एक साथ है. ये यूनिटी बनी रहनी चाहिए और भगवान से यही कामना है कि वो जयपुर को एक सूत्र एकता के धागे में पिरोए रखें.
पढ़ें : भोर बनारस, प्रयाग दोपहरी, शाम अवध और बुंदेलखंडी रात को समेटने वाला 295 साल का जवां जयपुर
इस दौरान गंगापोल दरवाजे पर स्थित परकोटे वाले हनुमान जी के दर्शन कर यहां आराधना की. इससे पहले दोनों ही महापौर ने मोती डूंगरी गणेश मंदिर में प्रथम पूज्य की अर्चना की. वहीं, बाद में गोविंद देव जी मंदिर पहुंच एक साथ गोविंद देव जी महाराज के दर्शन करते हुए जयपुर की खुशहाली की कामना की. यहां जयपुर समारोह के आगाज के तौर पर कथक नृत्य का आयोजन भी किया गया, जिसका यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के साथ निगम के अधिकारी-कर्मचारी, महापौर और पार्षदों ने भी लुत्फ उठाया. वहीं, अब 18 नवंबर से 18 दिसंबर तक शहरवासियों के लिए बॉलीवुड नाइट, लाफ्टर नाइट, लोक नृत्य, हास्य कवि सम्मेलन और मुशायरा जैसे कई कार्यक्रम आयोजित होंगे.
इन कार्यक्रमों की शृंखला के बीच नगर निगम प्रशासन (Heritage City Jaipur) दोनों ही महापौर शहर की स्थापना करने वाले सवाई जयसिंह द्वितीय को याद करना भूल गए. स्टैच्यू सर्किल पर लगी उनकी प्रतिमा पर फूल तक अर्पित करने नहीं पहुंचे. हालांकि, श्री राजपूत सभा की ओर से यहां पहुंच पहले साफ-सफाई कर श्रमदान किया गया और उन्हें माला पहना कर श्रद्धासुमन भी अर्पित किए. उधर, जयपुर पुलिस ने भी गुलाबी शहर के जन्मदिन को अपने ट्विटर पेज पर बधाई संदेश के जरिए सेलिब्रेट किया.
इस दौरान गुलाबी शहर के लोगों के लिए खाकी का एक खास पैगाम भी आया. पुलिस ने जयपुराइट्स से आह्वान किया कि वे शहर को साफ सुथरा रखेंगे और साथ ही अपराध मुक्त बनाएंगे. 37 सेकंड की एक वीडियो क्लिप भी जयपुर पुलिस ने अपने ट्विटर पेज पर साझा की, जिसमें शहर के प्रमुख पर्यटन स्थलों की खूबसूरती को झलकियों के जरिए पेश किया गया.