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ग्राम पंचायत से सीधे जिला बना दूदू, विधायक बाबूलाल नागर ने की तारीफ - विधायक बाबूलाल नागर ने की तारीफ

राजस्थान की राजधानी जयपुर से अलग होकर स्वयं जिले का रुतबा हासिल करने वाले दूदू के विधायक बाबूलाल नागर ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत निर्णय की तारीफ की है. उन्होंने कहा कि राजस्थान में पहली बार राजनीतिक निर्णय प्रशासनिक और मापदंडों के अनुसार हुआ है.

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ग्राम पंचायत से सीधे जिला बना दूदू, विधायक बाबूलाल नागर ने की तारीफ
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Published : Mar 21, 2023, 11:09 PM IST

ग्राम पंचायत से सीधे जिला बना दूदू, विधायक बाबूलाल नागर ने की तारीफ

जयपुर. राजस्थान में पहली बार राजनीतिक निर्णय प्रशासनिक और मापदंडों के अनुसार हुआ है. ये कहना है दूदू विधायक बाबूलाल नागर का. दूदू को जिला बनाने पर सीएम का आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने बताया कि ये प्रदेश ही नहीं देश में पहला जिला होगा जो ग्राम पंचायत से सीधे जिला बना है. जिला बनने से पहले ही यहां जिला स्तरीय कार्यालय चल रहे हैं. ऐसे में यहां 1 से 2 साल में सारा तंत्र और इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हो जाएगा.

मापदंड के आधार पर बने हैं जिलेः प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में एक साथ 33 से बढ़कर 50 जिले कर दिए गए हैं. इसे लेकर दूदू विधायक बाबूलाल नागर ने कहा कि राज्य में जहां भी नए जिले बने हैं. उन्हें राजनीति के आधार पर नहीं बल्कि मापदंड के आधार पर बनाया गया है. अगर राजनीति के आधार पर जिले बनते तो ब्यावर और भीलवाड़ा का शाहपुरा ऐसा जिला बना है, जहां लंबे समय से कांग्रेस पार्टी जीती नहीं है. जोधपुर के फलौदी में भी बीजेपी का विधायक है. ऐसे में ये मापदंड के अनुसार जनता जनार्दन के लिए नए जिले बनाए गए हैं.

ये भी पढ़ेंः new districts in rajasthan: 19 नए जिले और तीन नए संभाग की घोषणा, राजस्थान में अब 50 जिले

नेशनल हाईवे पर स्थिति है दूदूः उन्होंने कहा कि जहां तक दूदू का सवाल है तो ये नेशनल हाईवे पर है. भौगोलिक दृष्टि से ऐसे स्थान पर बसा हुआ है जहां से 50 किलोमीटर तक 17 लाख आबादी कवर होती है. जबकि 8 से 10 लाख की आबादी पर ही जिले बन जाया करते हैं. यह बात ठीक है कि दूदू ग्राम पंचायत है और ग्राम पंचायत से जिला बनने वाला राजस्थान ही नहीं या हिंदुस्तान में पहला नया जिला होगा. दूदू में पहले ही जिला स्तर के विभागीय अधिकारी कार्यरत हैं. दूदू में एडिशनल एसपी, एडीएम, एडीजे, डीटीओ और बिजली-पानी-सड़क के एक्सईएन बैठते हैं. दूदू में पहले ही उप जिला अस्पताल है. इन्हीं मापदंडों के आधार पर दूदू को जिला बनाया गया.

ये भी पढ़ेंः जयपुरः दूदू विधायक की अपील पर भामाशाहों ने की 2 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता

सरकार को नहीं पड़ेगी अधिग्रहण की जरूरतः उन्होंने कहा कि सामान्यतः जहां जिले बने हैं, सभी जगह सरकारी जमीन है. ऐसे में जमीन अधिग्रहण कर मुआवजा देने की सरकार को जरूरत नहीं पड़ेगी. जहां पहले से ही जिला स्तर के कार्यालय चल रहे हैं, वहां एडीएम के कार्यालय में कलेक्टर, एडीजे कार्यालय में डिस्ट्रिक्ट जज, एडिशनल एसपी कार्यालय में एसपी बैठ जाएंगे, तो क्या फर्क पड़ जाएगा. ऐसे में एक से दो साल में सारा तंत्र और इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हो जाएगा. उन्होंने कहा कि राजस्थान में पहली बार राजनीतिक निर्णय भी पूरी तरह से प्रशासनिक और मापदंडों को ध्यान में रखकर फैसला हुआ है.आपको बता दें कि बीते दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट रिप्लाई में 8 नई नगर पालिका बनाने की घोषणा की थी. जिसमें दूदू का नाम भी शामिल था. हालांकि स्वायत्त शासन विभाग से नगरपालिका का नोटिफिकेशन निकलने से पहले ही दूदू को जिला बनाने की घोषणा कर दी गई। ऐसे में दूदू वासियों को ग्राम पंचायत से सीधे जिले की सौगात मिली है।

ग्राम पंचायत से सीधे जिला बना दूदू, विधायक बाबूलाल नागर ने की तारीफ

जयपुर. राजस्थान में पहली बार राजनीतिक निर्णय प्रशासनिक और मापदंडों के अनुसार हुआ है. ये कहना है दूदू विधायक बाबूलाल नागर का. दूदू को जिला बनाने पर सीएम का आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने बताया कि ये प्रदेश ही नहीं देश में पहला जिला होगा जो ग्राम पंचायत से सीधे जिला बना है. जिला बनने से पहले ही यहां जिला स्तरीय कार्यालय चल रहे हैं. ऐसे में यहां 1 से 2 साल में सारा तंत्र और इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हो जाएगा.

मापदंड के आधार पर बने हैं जिलेः प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में एक साथ 33 से बढ़कर 50 जिले कर दिए गए हैं. इसे लेकर दूदू विधायक बाबूलाल नागर ने कहा कि राज्य में जहां भी नए जिले बने हैं. उन्हें राजनीति के आधार पर नहीं बल्कि मापदंड के आधार पर बनाया गया है. अगर राजनीति के आधार पर जिले बनते तो ब्यावर और भीलवाड़ा का शाहपुरा ऐसा जिला बना है, जहां लंबे समय से कांग्रेस पार्टी जीती नहीं है. जोधपुर के फलौदी में भी बीजेपी का विधायक है. ऐसे में ये मापदंड के अनुसार जनता जनार्दन के लिए नए जिले बनाए गए हैं.

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नेशनल हाईवे पर स्थिति है दूदूः उन्होंने कहा कि जहां तक दूदू का सवाल है तो ये नेशनल हाईवे पर है. भौगोलिक दृष्टि से ऐसे स्थान पर बसा हुआ है जहां से 50 किलोमीटर तक 17 लाख आबादी कवर होती है. जबकि 8 से 10 लाख की आबादी पर ही जिले बन जाया करते हैं. यह बात ठीक है कि दूदू ग्राम पंचायत है और ग्राम पंचायत से जिला बनने वाला राजस्थान ही नहीं या हिंदुस्तान में पहला नया जिला होगा. दूदू में पहले ही जिला स्तर के विभागीय अधिकारी कार्यरत हैं. दूदू में एडिशनल एसपी, एडीएम, एडीजे, डीटीओ और बिजली-पानी-सड़क के एक्सईएन बैठते हैं. दूदू में पहले ही उप जिला अस्पताल है. इन्हीं मापदंडों के आधार पर दूदू को जिला बनाया गया.

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सरकार को नहीं पड़ेगी अधिग्रहण की जरूरतः उन्होंने कहा कि सामान्यतः जहां जिले बने हैं, सभी जगह सरकारी जमीन है. ऐसे में जमीन अधिग्रहण कर मुआवजा देने की सरकार को जरूरत नहीं पड़ेगी. जहां पहले से ही जिला स्तर के कार्यालय चल रहे हैं, वहां एडीएम के कार्यालय में कलेक्टर, एडीजे कार्यालय में डिस्ट्रिक्ट जज, एडिशनल एसपी कार्यालय में एसपी बैठ जाएंगे, तो क्या फर्क पड़ जाएगा. ऐसे में एक से दो साल में सारा तंत्र और इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार हो जाएगा. उन्होंने कहा कि राजस्थान में पहली बार राजनीतिक निर्णय भी पूरी तरह से प्रशासनिक और मापदंडों को ध्यान में रखकर फैसला हुआ है.आपको बता दें कि बीते दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट रिप्लाई में 8 नई नगर पालिका बनाने की घोषणा की थी. जिसमें दूदू का नाम भी शामिल था. हालांकि स्वायत्त शासन विभाग से नगरपालिका का नोटिफिकेशन निकलने से पहले ही दूदू को जिला बनाने की घोषणा कर दी गई। ऐसे में दूदू वासियों को ग्राम पंचायत से सीधे जिले की सौगात मिली है।

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