ETV Bharat / state

Contempt Of Court Order : आदेश की अवमानना पर कोर्ट ने एसीएस को लगाई फटकार, राज्य सरकार पर लगाया 50 हजार का हर्जाना

मृत कर्मचारी के आश्रितों को सेवा का पूर्ण परिलाभ अदा करने के अदालत के आदेश के बाद भी राज्य सरकार की ओर से आदेश की पालना नहीं किए जाने पर अदालन ने नाराजगी जताते हुए पंचायती राज विभाग के एसीएस को कोर्ट में पेश होने को कहा है. साथ ही सरकार पर 50 हजार रुपए का हर्जाना भी लगाया है.

Contempt Of Court Order
कोर्ट ने राज्य सरकार को लगाई फटकार
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 16, 2023, 10:09 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश के बावजूद मृत कर्मचारी के आश्रितों को सेवा का पूर्ण परिलाभ अदा नहीं करने पर नाराजगी जताई है. साथ ही अदालत ने पंचायती राज विभाग के एसीएस को 19 अक्टूबर को हाजिर होने के आदेश दिए है. इस संबंध में अदालत ने एसीएस से पूछा है कि अदालती आदेश के बाद भी अब तक याचिकाकर्ता के आश्रितों को परिलाभ क्यों नहीं दिए गए हैं. वहीं, अदालत ने राज्य सरकार पर 50 हजार रुपए का हर्जाना भी लगाया है. जस्टिस महेन्द्र गोयल ने यह आदेश लाला राम की अवमानना की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिकाकर्ता की हो चुकी मौत : याचिका में अधिवक्ता तरुण चौधरी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता पंचायती राज विभाग के अधीन वर्ष 1983 में बानसूर में बागवान के पद पर अस्थाई कर्मचारी के तौर पर नियुक्त हुआ था. इस पर याचिकाकर्ता ने वर्ष 2011 में स्थाईकरण के लिए याचिका दायर की. दूसरी ओर विभाग ने जुलाई, 2020 में याचिकाकर्ता को रिटायर कर दिया और अस्थाई कर्मचारी होने का हवाला देते हुए पेंशन परिलाभ से इनकार कर दिया. वहीं, हाईकोर्ट ने 21 जनवरी, 2021 को याचिका का निस्तारण करते हुए राज्य सरकार को आदेश दिए कि वह याचिकाकर्ता को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के तौर पर वर्ष 1983 से नियमित मानकर वेतन और परिलाभ अदा करे. राज्य सरकार ने इस आदेश की खंडपीठ में अपील की, लेकिन खंडपीठ ने अपील को खारिज कर दिया. आदेश की पालना नहीं होने पर याचिकाकर्ता ने सितंबर 2021 में अवमानना याचिका पेश की. इस बीच याचिकाकर्ता की मौत हो गई.

पढ़ें : Nagaur Crime News : भाई की हत्या का बदला लेने के लिए युवक पर चढ़ाई गाड़ी, तीन गिरफ्तार

वहीं, गत 19 अगस्त को अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने आदेश की पालना के लिए दो माह का समय मांगा. इसके बावजूद भी आदेश की पालना नहीं की गई. इस पर अदालत ने पचास हजार रुपए हर्जाने के साथ राज्य सरकार को आदेश की पालना करने और विभाग के एसीएस को पेश होकर जवाब देने को कहा है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती आदेश के बावजूद मृत कर्मचारी के आश्रितों को सेवा का पूर्ण परिलाभ अदा नहीं करने पर नाराजगी जताई है. साथ ही अदालत ने पंचायती राज विभाग के एसीएस को 19 अक्टूबर को हाजिर होने के आदेश दिए है. इस संबंध में अदालत ने एसीएस से पूछा है कि अदालती आदेश के बाद भी अब तक याचिकाकर्ता के आश्रितों को परिलाभ क्यों नहीं दिए गए हैं. वहीं, अदालत ने राज्य सरकार पर 50 हजार रुपए का हर्जाना भी लगाया है. जस्टिस महेन्द्र गोयल ने यह आदेश लाला राम की अवमानना की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

याचिकाकर्ता की हो चुकी मौत : याचिका में अधिवक्ता तरुण चौधरी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता पंचायती राज विभाग के अधीन वर्ष 1983 में बानसूर में बागवान के पद पर अस्थाई कर्मचारी के तौर पर नियुक्त हुआ था. इस पर याचिकाकर्ता ने वर्ष 2011 में स्थाईकरण के लिए याचिका दायर की. दूसरी ओर विभाग ने जुलाई, 2020 में याचिकाकर्ता को रिटायर कर दिया और अस्थाई कर्मचारी होने का हवाला देते हुए पेंशन परिलाभ से इनकार कर दिया. वहीं, हाईकोर्ट ने 21 जनवरी, 2021 को याचिका का निस्तारण करते हुए राज्य सरकार को आदेश दिए कि वह याचिकाकर्ता को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के तौर पर वर्ष 1983 से नियमित मानकर वेतन और परिलाभ अदा करे. राज्य सरकार ने इस आदेश की खंडपीठ में अपील की, लेकिन खंडपीठ ने अपील को खारिज कर दिया. आदेश की पालना नहीं होने पर याचिकाकर्ता ने सितंबर 2021 में अवमानना याचिका पेश की. इस बीच याचिकाकर्ता की मौत हो गई.

पढ़ें : Nagaur Crime News : भाई की हत्या का बदला लेने के लिए युवक पर चढ़ाई गाड़ी, तीन गिरफ्तार

वहीं, गत 19 अगस्त को अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने आदेश की पालना के लिए दो माह का समय मांगा. इसके बावजूद भी आदेश की पालना नहीं की गई. इस पर अदालत ने पचास हजार रुपए हर्जाने के साथ राज्य सरकार को आदेश की पालना करने और विभाग के एसीएस को पेश होकर जवाब देने को कहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.