जयपुर. एक व्यक्ति एक पद को लेकर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे बोले कि होने वाले निकाय और पंचायत चुनाव सचिन पायलट की अध्यक्षता में ही होंगे. वहीं बसपा विधायकों के मंत्रिमंडल में शामिल होने पर पांडे बोले कि अगर सचिन पायलट की जरूरत पड़ी तो वहां भी उनका साथ लिया जा सकता है. साथ ही उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी के इजाजत के बाद ही प्रदेश में निकाय चुनाव से पहले बसपा के विधायकों को लिया गया.
राजस्थान कांग्रेस में एक बात लगातार उठती रही है कि क्या राजस्थान में एक व्यक्ति एक पद का फार्मूला लागू होगा.? क्या प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री दोनों पदों को संभाल रहे सचिन पायलट को अध्यक्ष पद छोड़ना होगा.? लेकिन शनिवार को राजस्थान कांग्रेस के प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे ने साफ कर दिया है की निकाय और पंचायत चुनाव के बारे में सारी रणनीति ही जब सचिन पायलट के साथ मिलकर बन रही है. ऐसे में किसी दूसरे अध्यक्ष के बारे में प्रश्न ही नहीं उठता.
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पांडे ने कहा कि कौन किस पद पर रहेगा इसका फैसला कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी करेंगी. किसी भी पद पर कोई समय सीमा के आधार पर नहीं बैठता है. उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में सचिन पायलट ने पार्टी को जोड़ा और मेहनत के साथ अपने पद पर काम करते हुए उन्होंने अपना दायित्व निभाया. ऐसे में अब एक बात तो बिल्कुल साफ हो गई है कि निकाय और पंचायत चुनाव पायलट की अध्यक्षता में ही होंगे. वहीं प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने एक बात साफ कर दिया कि निकाय चुनाव के बाद ही मंत्रिमंडल विस्तार जैसी कोई बात हो सकती है. साथ ही विधायकों के परफॉर्मेंस के आधार पर कि उन्हें प्रमोट किया जाएगा. पांडे ने बसपा विधायकों के मंत्री बनाए जाने के सवाल पर कहा कि वह बिना कंडीशन पार्टी में शामिल हुए हैं.
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लेकिन अगर सरकार को जरूरत होती है तो उन्हें निश्चित तौर पर कोई भूमिका दी जा सकती है. यह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का विशेषाधिकार है. वहीं इस मामले पर सत्ता और संगठन के बीच मतभेदों के सवालों पर पांडे ने कहा कि ऐसी मुझे कोई जानकारी नहीं है राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के निर्देशों के बाद ही बसपा विधायकों को कांग्रेस में शामिल करवाया गया है.