जयपुर. जिले के अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-4 ने सात साल पुराने जमीनी विवाद मामले में छोटे भाई कानाराम की पत्थरों व डंडों से हत्या करने के अभियुक्त बड़े भाई भंवरलाल मीणा व भतीजे गोविन्दराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने दोनों अभियुक्तों पर 1 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट ने मामले में अभियुक्त भंवरलाल की पत्नी श्रवणी को दोषमुक्त कर दिया है.
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि अभियुक्त ने अपने छोटे भाई की हत्या की है और ऐसे में अभियुक्तों के लिए कोई नरमी नहीं बरती जा सकती. अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को बताया गया कि मृतक कानाराम के बेटे संजय मीणा ने 18 जून 2016 को करधनी पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वह गुडगांव गया हुआ था. रात को 10.45 बजे उसकी बहन ने फोन कर उसे बताया कि ताऊ के लड़के गोविन्द ने पिता को आवाज देकर घर से बाहर बुलाया. वे बाहर गए तो भंवरलाल ताऊ व उनके लड़के गोविन्द, छोटू, लालू और ताऊ की पत्नी ने उसके पिता के साथ डंडों व पत्थरों से मारपीट करना शुरू कर दिया.
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उसने आगे बताया कि जब लोग बीच-बचाव करने गए तो वे भाग गए. पिता को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया और रात 11.30 बजे उनकी मृत्यु हो गई. इस मामले में आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए. पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए भंवरलाल, गोविन्द व श्रवणी के खिलाफ हत्या के अपराध में चालान पेश किया. अदालत ने सबूतों और गवाहों के बयानों के आधार पर दोनों अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.