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पत्नी व बच्चों को हर माह 1.20 लाख रुपए भरण पोषण भत्ता देने के आदेश

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 13, 2024, 9:55 PM IST

Ordered to give maintenance allowance, जयपुर अतिरिक्त मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट क्रम-6 ने नायला हाउस ठिकाने के सदस्य त्रिविक्रम सिंह को निर्देश दिया है कि वो अपनी पत्नी व बेटे-बेटियों को निजी जरूरतों के लिए हर माह 1.20 लाख रुपए अंतरिम भरण-पोषण भत्ता दें.

Ordered to give maintenance allowance
Ordered to give maintenance allowance

जयपुर. अतिरिक्त मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट क्रम-6 ने नायला हाउस ठिकाने के सदस्य त्रिविक्रम सिंह को निर्देश दिया है कि वह अपनी पत्नी व बेटे-बेटियों को निजी जरूरतों के लिए हर महीने 1.20 लाख रुपए अंतरिम भरण-पोषण भत्ता दें. इसके साथ ही वह इस प्रार्थना पत्र के निस्तारण तक प्रार्थिया के साथ किसी तरह की घरेलू हिंसा नहीं करें. कोर्ट ने यह आदेश प्रार्थिया के घरेलू हिंसा से महिलाओं के संरक्षण अधिनियम के तहत दायर प्रार्थना पत्र पर दिया.

प्रार्थना पत्र में कहा गया कि प्रार्थिया की शादी 5 दिसंबर, 2005 को हिन्दू रीति-रिवाज से अप्रार्थी त्रिविक्रम सिंह के साथ हुई थी. तब वह निजी बैंक में नौकरी करती थी. शादी के बाद वह अप्रार्थी के पुश्तैनी मकान नायला हाउस जयपुर में रही. कुछ समय बाद ही वे दुबई चले गए और 2007 तक वहीं रहे. इस दौरान उसके साथ पति ने हिंसक दुर्व्यवहार भी किया. जयपुर लौटने पर वे नायला बाग पैलेस में रहने लगे और प्रार्थिया भी होटल के संचालन में हाथ बंटाने लगी. उसके 2009 में बेटी व 2013 में एक बेटा जन्मे, लेकिन इस दौरान प्रार्थिया के साथ कई बार मारपीट, गाली-गलौच व अभद्रता की गई और उसे होटल के निदेशक पद से भी हटा दिया गया. जिस पर प्रार्थिया ने महिला पुलिस थाने में शिकायत भी दर्ज कराई.

इसे भी पढ़ें - राजस्थान हाईकोर्ट ने पूछा राज्य सरकार बताए होमगार्ड्स को नियमित नियुक्ति क्यों नहीं

इस दौरान 3 जनवरी 2022 को घर आने पर पति ने उसके साथ गाली-गलौच की और ऐसा करना घरेलू हिंसा की श्रेणी में आता है. इसलिए अप्रार्थीगण से उसे व बच्चों को अंतरिम भरण पोषण भत्ता दिलवाए जाने और उनके साथ घरेलू हिंसा नहीं करने का निर्देश दिया जाए. जवाब में पति का कहना था कि उसने प्रार्थिया के साथ कोई भी हिंसा नहीं की है और उस पर लगाए गए आरोप निराधार हैं. कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनकर प्रार्थिया व बच्चों को अंतरिम भरण पोषण भत्ता देने का निर्देश दिया.

जयपुर. अतिरिक्त मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट क्रम-6 ने नायला हाउस ठिकाने के सदस्य त्रिविक्रम सिंह को निर्देश दिया है कि वह अपनी पत्नी व बेटे-बेटियों को निजी जरूरतों के लिए हर महीने 1.20 लाख रुपए अंतरिम भरण-पोषण भत्ता दें. इसके साथ ही वह इस प्रार्थना पत्र के निस्तारण तक प्रार्थिया के साथ किसी तरह की घरेलू हिंसा नहीं करें. कोर्ट ने यह आदेश प्रार्थिया के घरेलू हिंसा से महिलाओं के संरक्षण अधिनियम के तहत दायर प्रार्थना पत्र पर दिया.

प्रार्थना पत्र में कहा गया कि प्रार्थिया की शादी 5 दिसंबर, 2005 को हिन्दू रीति-रिवाज से अप्रार्थी त्रिविक्रम सिंह के साथ हुई थी. तब वह निजी बैंक में नौकरी करती थी. शादी के बाद वह अप्रार्थी के पुश्तैनी मकान नायला हाउस जयपुर में रही. कुछ समय बाद ही वे दुबई चले गए और 2007 तक वहीं रहे. इस दौरान उसके साथ पति ने हिंसक दुर्व्यवहार भी किया. जयपुर लौटने पर वे नायला बाग पैलेस में रहने लगे और प्रार्थिया भी होटल के संचालन में हाथ बंटाने लगी. उसके 2009 में बेटी व 2013 में एक बेटा जन्मे, लेकिन इस दौरान प्रार्थिया के साथ कई बार मारपीट, गाली-गलौच व अभद्रता की गई और उसे होटल के निदेशक पद से भी हटा दिया गया. जिस पर प्रार्थिया ने महिला पुलिस थाने में शिकायत भी दर्ज कराई.

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इस दौरान 3 जनवरी 2022 को घर आने पर पति ने उसके साथ गाली-गलौच की और ऐसा करना घरेलू हिंसा की श्रेणी में आता है. इसलिए अप्रार्थीगण से उसे व बच्चों को अंतरिम भरण पोषण भत्ता दिलवाए जाने और उनके साथ घरेलू हिंसा नहीं करने का निर्देश दिया जाए. जवाब में पति का कहना था कि उसने प्रार्थिया के साथ कोई भी हिंसा नहीं की है और उस पर लगाए गए आरोप निराधार हैं. कोर्ट ने दोनों पक्षों की बहस सुनकर प्रार्थिया व बच्चों को अंतरिम भरण पोषण भत्ता देने का निर्देश दिया.

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