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बड़ा दावा : जब तक नहीं होगा 'ये' काम, तब तक राजस्थान विधानसभा में एक साथ 200 विधायकों की संख्या पूरी नहीं होगी...

विधायक पंडित भंवरलाल शर्मा के निधन के बाद पूर्व विधायक हबीबुर्रहमान ने एक बार फिर दावा किया है कि राजस्थान विधानसभा का नया भवन 'शापित' है. उनका दावा है कि (Ex MLA Habiburrahman claim on assembly building) जब तक विधानसभा में शांति पाठ नहीं होगा और जिन किसानों की भूमि पर यह भवन बना है, जब तक उन्हें ​मुआवजा नहीं दिया जाएगा, तब तक एक साथ 200 विधायकों की संख्या पूरी नहीं होगी.

Is Rajasthan Assembly building haunted? read the claim of Ex MLA Habiburrahman
विधायक का दावा: 'शापित' है राजस्थान विधानसभा! मुआवजा और शांति पाठ से एक साथ होंगे 200 विधायक'
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Published : Oct 24, 2022, 3:45 PM IST

जयपुर. विधायक भंवरलाल शर्मा के निधन के चलते राजस्थान विधानसभा में इस बार भी दीपावली पर विधायकों की संख्या 199 ही रह गई है. पूरे 200 विधायक एक साथ नहीं होना पहली बार नहीं है, जब से विधानसभा अपने नए भवन में शिफ्ट हुई है, तब से यह देखने में आया है. भंवरलाल शर्मा के निधन के बाद एक बार फिर पूर्व विधायक हबीबुर्रहमान ने विधानसभा के शापित होने की बात कहते हुए दावा किया है (Ex MLA Habiburrahman claim on assembly building) कि जब तक विधानसभा में सही ढंग से पूजा-पाठ करवा कर शांति नहीं की जाती है, तब तक यह 'शापित' रहेगा. उनका कहना है कि पूजा-पाठ के साथ ही उन किसानों को मुआवजा भी दिया जाना चाहिए, जिनकी जमीन पर विधानसभा खड़ी की गई.

'मेरी बात पर हंसने लगे विधायक': पूर्व विधायक हबीबुर्रहमान विधानसभा में भी शून्यकाल में यह मामला उठा चुके हैं. पूर्ववर्ती सरकार के समय फरवरी 2018 में पूर्व मुख्य सचेतक कालू लाल गुर्जर ने बकायदा विधानसभा में पंडित गणेश महाराज को बुलाकर भूत प्रेत और दोष दूर करवाने के लिए पूजा भी करवाई थी. उसके बाद भी हालात वही बने हुए हैं. 15वीं विधानसभा के वर्तमान सत्र में तो अब तक सर्वाधिक 6 विधायकों का निधन हुआ है. हबीबुर्रहमान अपनी बात पर कायम हैं और कहते हैं कि उन्होंने जो बात विधानसभा में कही, तो उनकी हंसी उड़ाई गई. वे मजाक का पात्र भी बने. वे कहते हैं कि एक के बाद एक विधायकों के निधन के चलते 200 विधायक एक साथ नहीं बैठ पा रहे हैं. मृतक विधायकों में कई ऐसे भी थे, जिनकी आयु ज्यादा नहीं थी.

क्या राजस्थान विधासभा की नई इमारत है 'भूतिया'?

'किसान परिवारों को सरकार दे मुआवजा': हबीबुर्रहमान ने कहा कि वह उस कमेटी के सदस्य थे, जो नई विधानसभा की जमीन देखने के लिए बनाई गई थी. उन्होंने कहा कि वह भी कमेटी मेंबर के तौर पर जमीन देखने गए थे. उस समय नगर निगम ने वर्तमान विधानसभा के एक हिस्से को डंपिंग यार्ड बना रखा था. इसी विधानसभा का एक हिस्सा श्मशान घाट का तो एक हिस्से में कब्रिस्तान बना हुआ था. एक तरफ इसी जमीन में किसान खेती भी करते थे. लेकिन जब जमीन एक्वायर की गई, तब श्मशान और कब्रिस्तान होने के बावजूद ना तो पूजा-पाठ करवाए गए और ना ही किसानों को उनका मुआवजा दिया गया. मुआवजे के इंतजार में उन किसानों का निधन भी हो चुका है.

पढ़ें: अंधविश्वास : यहां पहुंचते ही पांच मुख्यमंत्रियों ने 'खोयी' सत्ता, येदियुरप्पा ने भी बनाई दूरी !

हबीबुर्रहमान ने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह सही तरीके से विधानसभा में पूजा-पाठ करवाएं. इस विधानसभा के एक तरफ जो मजार बनी हुई है, उसे भी ऊंचा करवाएं. जिन किसानों से सरकार ने बिना मुआवजा दिए यह जमीन ली थी, उन किसानों के परिवारों को मुआवजा दिया जाए. ताकि जो भी हस्ती (आत्मा) वहां अपने साथ नाइंसाफी की सोच के साथ बैठी है, वह शांत हो सके और विधानसभा में 200 विधायक बैठ सकें. विधायक ने कहा कि जब विधानसभा में निर्माण कार्य चल रहा था, उस समय भी लिफ्ट में हुई दुर्घटना के चलते तीन चार मजदूरों का निधन हो गया था. तब से शुरू हुआ यह सिलसिला प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से आज भी जारी है.

अंधविश्वास या इत्तेफाक!: हबीबुर्रहमान की बातों को अंधविश्वास माना जाए या फिर यह महज इत्तेफाक कि राजस्थान विधानसभा में पद पर रहते विधायकों का निधन होता है. विधानसभा बनने के बाद अब तक 15 विधायकों का निधन हो चुका है. 15वीं विधानसभा में तो 6 विधायकों का निधन अब तक हो चुका है. सवाल यह है कि क्या विधानसभा में भूत—प्रेतों का सही में साया है. आपको बता दें कि राजस्थान की पुरानी विधानसभा जयपुर की चारदीवारी में मानसिंह टाउन हॉल में थी.

पढ़ें: अंधविश्वास! समस्याओं का समाधान करवाने गए व्यक्ति को तांत्रिक ने गर्म कोयले से जलाया

नई विधानसभा आधुनिक परिवेश के साथ लाल कोठी में बनाई गई. लेकिन विधानसभा में विधायकों की उपस्थिति हमेशा शंकाओं में घिरी रही. खुलकर विधायक भले ही अंधविश्वास के बारे में बात नहीं करें, लेकिन अंदरूनी तौर पर विधायक हमेशा कानाफूसी करते नजर आते हैं कि विधानसभा भवन में शुद्धिकरण की जरूरत है. विधायकों के फोटो सेशन में शायद ही कभी ऐसा हुआ हो कि पूरे 200 विधायक एक साथ नजर आए हों. ऐसे में राजस्थान विधानसभा के साइकोलॉजी के प्रोफेसर डॉक्टर सीपी जोशी जो केवल तर्क में ही भरोसा करते हैं, उनके पास भी शायद इसका जवाब नहीं हो.

पढ़ें: राजस्थान का ऐसा शापित गांव, जहां 700 साल से नहीं बना एक भी दो मंजिला मकान

20 साल में इन 15 विधायकों का हुआ निधन: फरवरी 2001 में 11वीं विधानसभा के सत्र के दौरान पुरानी विधानसभा को नए भवन में शिफ्ट किया गया. 25 फरवरी को तत्कालीन राष्ट्रपति केआर नारायणन को इसका उद्घाटन करना था, लेकिन वह बीमार होने के चलते नहीं आ सके और बिना उद्घाटन के ही विधानसभा शुरू हुई. इसके बाद नवंबर 2001 में इसका उद्घाटन हुआ और तब से अब तक 15 विधायकों का निधन हो चुका है. ज्यादातर समय चाहे विधायकों का निधन कारण बना हो या विधायकों का जेल जाना, लेकिन हकीकत यही है कि 200 विधायक विधानसभा में एक साथ नहीं बैठ पा रहे हैं.

  1. अजमेर पश्चिम विधायक किशन मोटवानी का निधन फरवरी 2002
  2. दिसंबर 2002 में बानसूर विधायक जगत सिंह दायमा का निधन
  3. सागवाड़ा विधायक भीखा भाई का 2002 में निधन
  4. जनवरी 2005 में लूणी विधायक रामसिंह विश्नोई का निधन
  5. मई 2006 में डीग विधायक अरुण सिंह का निधन
  6. दिसंबर 2006 में डूंगरपुर विधायक नाथूराम अहारी का निधन
  7. सितंबर 2017 में भाजपा विधायक कीर्ति कुमारी का स्वाइन फ्लू से निधन
  8. 21 फरवरी, 2018 को नाथद्वारा विधायक कल्याण सिंह का निधन
  9. 19 अप्रैल, 2018 को भाजपा विधायक धर्मपाल चौधरी का निधन
  10. 7 अक्टूबर, 2020 कांग्रेस के सहाड़ा से विधायक कैलाश चंद त्रिवेदी का निधन
  11. 17 नवम्बर 2020 को मंत्री मास्टर भंवर लाल मेघवाल का निधन
  12. 30 नवम्बर 2020 भाजपा विधायक किरण माहेश्वरी का निधन
  13. 20 जनवरी 2021 में कांग्रेस विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत का निधन
  14. 19 मई, 2021 को भाजपा धरियावद विधायक गौतम लाल मीणा का निधन
  15. 9 अक्टूबर, 2022 को कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा का निधन

जयपुर. विधायक भंवरलाल शर्मा के निधन के चलते राजस्थान विधानसभा में इस बार भी दीपावली पर विधायकों की संख्या 199 ही रह गई है. पूरे 200 विधायक एक साथ नहीं होना पहली बार नहीं है, जब से विधानसभा अपने नए भवन में शिफ्ट हुई है, तब से यह देखने में आया है. भंवरलाल शर्मा के निधन के बाद एक बार फिर पूर्व विधायक हबीबुर्रहमान ने विधानसभा के शापित होने की बात कहते हुए दावा किया है (Ex MLA Habiburrahman claim on assembly building) कि जब तक विधानसभा में सही ढंग से पूजा-पाठ करवा कर शांति नहीं की जाती है, तब तक यह 'शापित' रहेगा. उनका कहना है कि पूजा-पाठ के साथ ही उन किसानों को मुआवजा भी दिया जाना चाहिए, जिनकी जमीन पर विधानसभा खड़ी की गई.

'मेरी बात पर हंसने लगे विधायक': पूर्व विधायक हबीबुर्रहमान विधानसभा में भी शून्यकाल में यह मामला उठा चुके हैं. पूर्ववर्ती सरकार के समय फरवरी 2018 में पूर्व मुख्य सचेतक कालू लाल गुर्जर ने बकायदा विधानसभा में पंडित गणेश महाराज को बुलाकर भूत प्रेत और दोष दूर करवाने के लिए पूजा भी करवाई थी. उसके बाद भी हालात वही बने हुए हैं. 15वीं विधानसभा के वर्तमान सत्र में तो अब तक सर्वाधिक 6 विधायकों का निधन हुआ है. हबीबुर्रहमान अपनी बात पर कायम हैं और कहते हैं कि उन्होंने जो बात विधानसभा में कही, तो उनकी हंसी उड़ाई गई. वे मजाक का पात्र भी बने. वे कहते हैं कि एक के बाद एक विधायकों के निधन के चलते 200 विधायक एक साथ नहीं बैठ पा रहे हैं. मृतक विधायकों में कई ऐसे भी थे, जिनकी आयु ज्यादा नहीं थी.

क्या राजस्थान विधासभा की नई इमारत है 'भूतिया'?

'किसान परिवारों को सरकार दे मुआवजा': हबीबुर्रहमान ने कहा कि वह उस कमेटी के सदस्य थे, जो नई विधानसभा की जमीन देखने के लिए बनाई गई थी. उन्होंने कहा कि वह भी कमेटी मेंबर के तौर पर जमीन देखने गए थे. उस समय नगर निगम ने वर्तमान विधानसभा के एक हिस्से को डंपिंग यार्ड बना रखा था. इसी विधानसभा का एक हिस्सा श्मशान घाट का तो एक हिस्से में कब्रिस्तान बना हुआ था. एक तरफ इसी जमीन में किसान खेती भी करते थे. लेकिन जब जमीन एक्वायर की गई, तब श्मशान और कब्रिस्तान होने के बावजूद ना तो पूजा-पाठ करवाए गए और ना ही किसानों को उनका मुआवजा दिया गया. मुआवजे के इंतजार में उन किसानों का निधन भी हो चुका है.

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हबीबुर्रहमान ने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह सही तरीके से विधानसभा में पूजा-पाठ करवाएं. इस विधानसभा के एक तरफ जो मजार बनी हुई है, उसे भी ऊंचा करवाएं. जिन किसानों से सरकार ने बिना मुआवजा दिए यह जमीन ली थी, उन किसानों के परिवारों को मुआवजा दिया जाए. ताकि जो भी हस्ती (आत्मा) वहां अपने साथ नाइंसाफी की सोच के साथ बैठी है, वह शांत हो सके और विधानसभा में 200 विधायक बैठ सकें. विधायक ने कहा कि जब विधानसभा में निर्माण कार्य चल रहा था, उस समय भी लिफ्ट में हुई दुर्घटना के चलते तीन चार मजदूरों का निधन हो गया था. तब से शुरू हुआ यह सिलसिला प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से आज भी जारी है.

अंधविश्वास या इत्तेफाक!: हबीबुर्रहमान की बातों को अंधविश्वास माना जाए या फिर यह महज इत्तेफाक कि राजस्थान विधानसभा में पद पर रहते विधायकों का निधन होता है. विधानसभा बनने के बाद अब तक 15 विधायकों का निधन हो चुका है. 15वीं विधानसभा में तो 6 विधायकों का निधन अब तक हो चुका है. सवाल यह है कि क्या विधानसभा में भूत—प्रेतों का सही में साया है. आपको बता दें कि राजस्थान की पुरानी विधानसभा जयपुर की चारदीवारी में मानसिंह टाउन हॉल में थी.

पढ़ें: अंधविश्वास! समस्याओं का समाधान करवाने गए व्यक्ति को तांत्रिक ने गर्म कोयले से जलाया

नई विधानसभा आधुनिक परिवेश के साथ लाल कोठी में बनाई गई. लेकिन विधानसभा में विधायकों की उपस्थिति हमेशा शंकाओं में घिरी रही. खुलकर विधायक भले ही अंधविश्वास के बारे में बात नहीं करें, लेकिन अंदरूनी तौर पर विधायक हमेशा कानाफूसी करते नजर आते हैं कि विधानसभा भवन में शुद्धिकरण की जरूरत है. विधायकों के फोटो सेशन में शायद ही कभी ऐसा हुआ हो कि पूरे 200 विधायक एक साथ नजर आए हों. ऐसे में राजस्थान विधानसभा के साइकोलॉजी के प्रोफेसर डॉक्टर सीपी जोशी जो केवल तर्क में ही भरोसा करते हैं, उनके पास भी शायद इसका जवाब नहीं हो.

पढ़ें: राजस्थान का ऐसा शापित गांव, जहां 700 साल से नहीं बना एक भी दो मंजिला मकान

20 साल में इन 15 विधायकों का हुआ निधन: फरवरी 2001 में 11वीं विधानसभा के सत्र के दौरान पुरानी विधानसभा को नए भवन में शिफ्ट किया गया. 25 फरवरी को तत्कालीन राष्ट्रपति केआर नारायणन को इसका उद्घाटन करना था, लेकिन वह बीमार होने के चलते नहीं आ सके और बिना उद्घाटन के ही विधानसभा शुरू हुई. इसके बाद नवंबर 2001 में इसका उद्घाटन हुआ और तब से अब तक 15 विधायकों का निधन हो चुका है. ज्यादातर समय चाहे विधायकों का निधन कारण बना हो या विधायकों का जेल जाना, लेकिन हकीकत यही है कि 200 विधायक विधानसभा में एक साथ नहीं बैठ पा रहे हैं.

  1. अजमेर पश्चिम विधायक किशन मोटवानी का निधन फरवरी 2002
  2. दिसंबर 2002 में बानसूर विधायक जगत सिंह दायमा का निधन
  3. सागवाड़ा विधायक भीखा भाई का 2002 में निधन
  4. जनवरी 2005 में लूणी विधायक रामसिंह विश्नोई का निधन
  5. मई 2006 में डीग विधायक अरुण सिंह का निधन
  6. दिसंबर 2006 में डूंगरपुर विधायक नाथूराम अहारी का निधन
  7. सितंबर 2017 में भाजपा विधायक कीर्ति कुमारी का स्वाइन फ्लू से निधन
  8. 21 फरवरी, 2018 को नाथद्वारा विधायक कल्याण सिंह का निधन
  9. 19 अप्रैल, 2018 को भाजपा विधायक धर्मपाल चौधरी का निधन
  10. 7 अक्टूबर, 2020 कांग्रेस के सहाड़ा से विधायक कैलाश चंद त्रिवेदी का निधन
  11. 17 नवम्बर 2020 को मंत्री मास्टर भंवर लाल मेघवाल का निधन
  12. 30 नवम्बर 2020 भाजपा विधायक किरण माहेश्वरी का निधन
  13. 20 जनवरी 2021 में कांग्रेस विधायक गजेंद्र सिंह शक्तावत का निधन
  14. 19 मई, 2021 को भाजपा धरियावद विधायक गौतम लाल मीणा का निधन
  15. 9 अक्टूबर, 2022 को कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा का निधन
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