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New ADG Crime: राजस्थान के 'सिंघम' को मिली नई जिम्मेदारी, इस बार गैंगस्टर होंगे निशाने पर - दिनेश एमएन को नए एडीजी क्राइम का जिम्मा

IPS दिनेश एमएन को नए एडीजी क्राइम का जिम्मा सौंपा गया है. उनकी छवि एक दबंग अफसर की रही है. अब नए पद पर उनकी नियुक्ति से गैंगस्टर की नींद हराम हो गई है.

IPS Dinesh MN posted as ADG crime, gangsters will be on target
राजस्थान के 'सिंघम' को मिली नई जिम्मेदारी, इस बार गैंगस्टर होंगे निशाने पर
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Published : Feb 14, 2023, 7:15 PM IST

जयपुर. सोमवार को राजस्थान में पुलिस बेड़े में बड़ा फेरबदल देखने को मिला. पुलिस महकमे में आला अफसरों से लेकर जिलों में पुलिस अफसरों की तब्दीली भी देखने को मिली. इस फेरबदल के बीच सबसे ज्यादा चर्चा नए एडीजी क्राइम दिनेश एमएन के नाम की रही. दिनेश एमएन इससे पहले एंटी करप्शन ब्यूरो में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाल रहे थे. उनके रहते 2 साल में एसीबी ने राजस्थान में एक हजार के करीब भ्रष्टाचारियों पर नकेल कसी. बड़े पुलिस अफसरों से लेकर प्रशासनिक अधिकारी भी उनकी कार्रवाई वाली फेहरिस्त में शामिल रहे.

माना जा रहा है कि जिस तरह से बीते कुछ दिनों में राजस्थान में गैंगवार और खुलेआम गोलीकांड बदमाशों की ओर से अंजाम दिए जा रहे हैं. उसके बाद से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चुनावी साल में राजस्थान के सिंघम और दबंग अफसर की छवि वाले दिनेश एमएन के जरिए कानून व्यवस्था का इकबाल बुलंद करना चाहते हैं. लिहाजा दिनेश एमएन को एक महत्वपूर्ण पद पर नया टास्क सौंपा गया है. राजस्थान में दिनेश एमएन कई जिलों में एसपी रहे हैं. एमएन करौली, सवाईमाधोपुर, झुंझुनू, उदयपुर और अलवर के एसपी रह चुके हैं. दिनेश एमएन के नेतृत्व में 2017 में चूरू जिले के गांव मालासर में गैंगस्टर आनंदपाल सिंह का एनकाउंटर किया गया. कुछ दिनों के लिए बीकानेर आईजी बनाया गया और इसके बाद आईजी इंटेलिजेंस का पदभार संभाला.

पढ़ें: दबंग IPS दिनेश एमएन को फिर याद आया सोहराबुद्दीन एनकाउंटर, अमित शाह और जेल...जानें क्यों

राजस्थान के 'सिंघम' हैं दिनेश एमएन: भारतीय पुलिस सेवा के 1995 बैच के अधिकारी दिनेश एमएन एडीजी एसीबी से क्राइम ब्रांच जयपुर में पहुंच चुके हैं. एसीबी में उनकी तरफ से भ्रष्टाचारी अधिकारियों पर की गई ताबड़तोड़ कार्यवाही का सवाल हो, या फिर जिलों में बतौर एसपी अपराधियों और बदमाशों के बोलबाले का खात्मा, हर जगह दिनेश एमएन का जलवा देखने को मिला. दौसा के लोग किस्सा बताते हैं कि साल 1998 में एसपी रहते हुए उन्होंने अपनी छवि के दम पर कई नामी बदमाशों को भागने के लिए मजबूर कर दिया था.

जयपुर के गांधी नगर थाने में भी तैनात हुए और राजस्थान विश्वविद्यालय में छात्र राजनीति के नाम पर हुड़दंग करने वालों से कैंपस को निजात दिलाने में उनकी अहम भूमिका आज भी याद की जाती है. एंटी करप्शन ब्यूरो में दिनेश एमएन आईजी रहने के दौरान पहली बार किसी आईएएस अफसर को ढाई करोड़ रुपए की घूस लेते गिरफ्तार किया था. दिनेश एमएन के नेतृत्व में वरिष्ठ आईएएस और खान विभाग के तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव अशोक सिंघवी को 2 करोड़ 50 लाख रुपए की रिश्वत के साथ गिरफ्तार किया था. उन्होंने एसीबी में नियुक्ति पाने के साथ जिलों में पुलिस अधीक्षक और कलेक्टर तक को अपनी कार्रवाई की जद में ले लिया था.

सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में जाना पड़ा था जेल: दिनेश एमएन उदयपुर में बतौर पुलिस अधीक्षक काम संभाल रहे थे, तभी उनके कार्यकाल में बहुचर्चित सोहराबुद्दीन एनकाउंटर हुआ था. इस मामले में मुठभेड़ को फर्जी मानते हुए कोर्ट ने दिनेश एमएन को जेल भेज दिया था. 7 साल तक कैद में रहने के बाद दिनेश एमएन फिर से पुलिस सेवा में लौटे और अपनी दबंग छवि को बरकरार रखा. आईपीएस दिनेश साल 2014 में जमानत पर छूटे और 2017 में सर्विस के लिए बहाल हुए. सोहराबुद्दीन केस में सीबीआई ने आईपीएस दिनेश एमएन सहित सभी को बरी कर दिया था. जेल से छूटने के बाद फिर से पुलिस सेवा में आए तो उन्हें प्रमोशन मिला और वे आईजी बन गए. एंटी करप्शन ब्यूरो में दिनेश एमएन के आते ही रिश्वतखोरों की नींद हराम हो गई.

पढ़ें: सावधान! एनकाउंटर स्पेशलिस्ट IPS दिनेश एमएन की रडार पर हैं कालाबाजारी करने वाले

चंबल के बीहड़ से भाग छूटे थे डकैत: किसी दौर में चंबल के बीहड़ राजस्थान में आतंक का जीता जागता उदाहरण माने जाते थे. फिरौती, लूट और हत्या के मामलों में कई डकैतों की गैंग्स का डांग क्षेत्र में बोलबाला था. ऐसे में साल 2002 में दिनेश एमएन को इसी इलाके में नियुक्ति मिली और उन्होंने कई डकैतों को सरेंडर करवाया, तो कईयों को इलाका छोड़ भागने के लिए मजबूर कर दिया. इसके अलावा गैंगस्टर आनंदपाल सिंह के एनकाउंटर में भी दिनेश एमएन की भूमिका महत्वपूर्ण रही थी. पुलिस ने आनंदपाल पर एक लाख रुपए का इनाम रखा था. एसओजी के आईजी के तौर पर टास्क संभालते हुए दिनेश एमएन ने आनंदपाल सिंह एनकाउंटर में अपनी कार्यकुशलता का जलवा पूरे राजस्थान को दिखा दिया था.

उदयपुर में पंडित जी की चाय की शौकीन हैं दिनेश: लेक सिटी उदयपुर में सहेलियों की बाड़ी के बाहर पंडित जी की लेमन टी के मुरीद लोगों की फेहरिस्त लंबी है. राजस्थान में दबंग छवि वाले पुलिस अफसर दिनेश एमएन भी लेमन टी के जायके के कायल हैं. एक दफा खुद की फेसबुक वॉल पर पंडित जी की चाय पीते हुए तस्वीर साझा की और दिनेश एमएन ने लिखा कि आज के दौर में इतने उम्दा स्वाद के साथ महज 10 रुपए में नींबू की चाय पिलाकर कर्म सेवा कर रहे पंडित जी का मैं प्रशंसक हूं.

पढ़ें: Exclusive : युवाओं से बोले दिनेश एमएन- मैंने जेल में रहते हुए खुद को कभी कमजोर महसूस नहीं किया, कोरोना से डरना नहीं, लड़ना जरूरी

कर्नाटक के रहने वाले हैं एमएन: आईपीएस दिनेश एमएन का जन्म 6 सितंबर, 1971 को कर्नाटक के चिक्कबल्लापुर जिले की चिंतामणी तहसील के मुनागनाहल्ली गांव में हुआ था. दिनेश एमएन ने एक दफा बताया था कि एमएन सरनेम में उनके गांव और पिता का नाम लगा है, जिसमें एम का मतलब उनका गांव मुनागनाहल्ली और एन का मतलब पिता का नाम नारायण स्वामी है. दिनेश एमएन की शादी के. विजयलक्ष्मी के साथ हुई थी.

जयपुर. सोमवार को राजस्थान में पुलिस बेड़े में बड़ा फेरबदल देखने को मिला. पुलिस महकमे में आला अफसरों से लेकर जिलों में पुलिस अफसरों की तब्दीली भी देखने को मिली. इस फेरबदल के बीच सबसे ज्यादा चर्चा नए एडीजी क्राइम दिनेश एमएन के नाम की रही. दिनेश एमएन इससे पहले एंटी करप्शन ब्यूरो में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाल रहे थे. उनके रहते 2 साल में एसीबी ने राजस्थान में एक हजार के करीब भ्रष्टाचारियों पर नकेल कसी. बड़े पुलिस अफसरों से लेकर प्रशासनिक अधिकारी भी उनकी कार्रवाई वाली फेहरिस्त में शामिल रहे.

माना जा रहा है कि जिस तरह से बीते कुछ दिनों में राजस्थान में गैंगवार और खुलेआम गोलीकांड बदमाशों की ओर से अंजाम दिए जा रहे हैं. उसके बाद से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चुनावी साल में राजस्थान के सिंघम और दबंग अफसर की छवि वाले दिनेश एमएन के जरिए कानून व्यवस्था का इकबाल बुलंद करना चाहते हैं. लिहाजा दिनेश एमएन को एक महत्वपूर्ण पद पर नया टास्क सौंपा गया है. राजस्थान में दिनेश एमएन कई जिलों में एसपी रहे हैं. एमएन करौली, सवाईमाधोपुर, झुंझुनू, उदयपुर और अलवर के एसपी रह चुके हैं. दिनेश एमएन के नेतृत्व में 2017 में चूरू जिले के गांव मालासर में गैंगस्टर आनंदपाल सिंह का एनकाउंटर किया गया. कुछ दिनों के लिए बीकानेर आईजी बनाया गया और इसके बाद आईजी इंटेलिजेंस का पदभार संभाला.

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राजस्थान के 'सिंघम' हैं दिनेश एमएन: भारतीय पुलिस सेवा के 1995 बैच के अधिकारी दिनेश एमएन एडीजी एसीबी से क्राइम ब्रांच जयपुर में पहुंच चुके हैं. एसीबी में उनकी तरफ से भ्रष्टाचारी अधिकारियों पर की गई ताबड़तोड़ कार्यवाही का सवाल हो, या फिर जिलों में बतौर एसपी अपराधियों और बदमाशों के बोलबाले का खात्मा, हर जगह दिनेश एमएन का जलवा देखने को मिला. दौसा के लोग किस्सा बताते हैं कि साल 1998 में एसपी रहते हुए उन्होंने अपनी छवि के दम पर कई नामी बदमाशों को भागने के लिए मजबूर कर दिया था.

जयपुर के गांधी नगर थाने में भी तैनात हुए और राजस्थान विश्वविद्यालय में छात्र राजनीति के नाम पर हुड़दंग करने वालों से कैंपस को निजात दिलाने में उनकी अहम भूमिका आज भी याद की जाती है. एंटी करप्शन ब्यूरो में दिनेश एमएन आईजी रहने के दौरान पहली बार किसी आईएएस अफसर को ढाई करोड़ रुपए की घूस लेते गिरफ्तार किया था. दिनेश एमएन के नेतृत्व में वरिष्ठ आईएएस और खान विभाग के तत्कालीन अतिरिक्त मुख्य सचिव अशोक सिंघवी को 2 करोड़ 50 लाख रुपए की रिश्वत के साथ गिरफ्तार किया था. उन्होंने एसीबी में नियुक्ति पाने के साथ जिलों में पुलिस अधीक्षक और कलेक्टर तक को अपनी कार्रवाई की जद में ले लिया था.

सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में जाना पड़ा था जेल: दिनेश एमएन उदयपुर में बतौर पुलिस अधीक्षक काम संभाल रहे थे, तभी उनके कार्यकाल में बहुचर्चित सोहराबुद्दीन एनकाउंटर हुआ था. इस मामले में मुठभेड़ को फर्जी मानते हुए कोर्ट ने दिनेश एमएन को जेल भेज दिया था. 7 साल तक कैद में रहने के बाद दिनेश एमएन फिर से पुलिस सेवा में लौटे और अपनी दबंग छवि को बरकरार रखा. आईपीएस दिनेश साल 2014 में जमानत पर छूटे और 2017 में सर्विस के लिए बहाल हुए. सोहराबुद्दीन केस में सीबीआई ने आईपीएस दिनेश एमएन सहित सभी को बरी कर दिया था. जेल से छूटने के बाद फिर से पुलिस सेवा में आए तो उन्हें प्रमोशन मिला और वे आईजी बन गए. एंटी करप्शन ब्यूरो में दिनेश एमएन के आते ही रिश्वतखोरों की नींद हराम हो गई.

पढ़ें: सावधान! एनकाउंटर स्पेशलिस्ट IPS दिनेश एमएन की रडार पर हैं कालाबाजारी करने वाले

चंबल के बीहड़ से भाग छूटे थे डकैत: किसी दौर में चंबल के बीहड़ राजस्थान में आतंक का जीता जागता उदाहरण माने जाते थे. फिरौती, लूट और हत्या के मामलों में कई डकैतों की गैंग्स का डांग क्षेत्र में बोलबाला था. ऐसे में साल 2002 में दिनेश एमएन को इसी इलाके में नियुक्ति मिली और उन्होंने कई डकैतों को सरेंडर करवाया, तो कईयों को इलाका छोड़ भागने के लिए मजबूर कर दिया. इसके अलावा गैंगस्टर आनंदपाल सिंह के एनकाउंटर में भी दिनेश एमएन की भूमिका महत्वपूर्ण रही थी. पुलिस ने आनंदपाल पर एक लाख रुपए का इनाम रखा था. एसओजी के आईजी के तौर पर टास्क संभालते हुए दिनेश एमएन ने आनंदपाल सिंह एनकाउंटर में अपनी कार्यकुशलता का जलवा पूरे राजस्थान को दिखा दिया था.

उदयपुर में पंडित जी की चाय की शौकीन हैं दिनेश: लेक सिटी उदयपुर में सहेलियों की बाड़ी के बाहर पंडित जी की लेमन टी के मुरीद लोगों की फेहरिस्त लंबी है. राजस्थान में दबंग छवि वाले पुलिस अफसर दिनेश एमएन भी लेमन टी के जायके के कायल हैं. एक दफा खुद की फेसबुक वॉल पर पंडित जी की चाय पीते हुए तस्वीर साझा की और दिनेश एमएन ने लिखा कि आज के दौर में इतने उम्दा स्वाद के साथ महज 10 रुपए में नींबू की चाय पिलाकर कर्म सेवा कर रहे पंडित जी का मैं प्रशंसक हूं.

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कर्नाटक के रहने वाले हैं एमएन: आईपीएस दिनेश एमएन का जन्म 6 सितंबर, 1971 को कर्नाटक के चिक्कबल्लापुर जिले की चिंतामणी तहसील के मुनागनाहल्ली गांव में हुआ था. दिनेश एमएन ने एक दफा बताया था कि एमएन सरनेम में उनके गांव और पिता का नाम लगा है, जिसमें एम का मतलब उनका गांव मुनागनाहल्ली और एन का मतलब पिता का नाम नारायण स्वामी है. दिनेश एमएन की शादी के. विजयलक्ष्मी के साथ हुई थी.

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