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हेरिटेज निगम मुख्यालय पर प्रशासनिक सुधार विभाग का औचक निरीक्षण, सामने आए चौंकाने वाले हालात - प्रशासनिक सुधार विभाग का औचक निरीक्षण

प्रशासनिक सुधार विभाग बुधवार को हेरिटेज निगम मुख्यालय पर (Surprise Inspection in Heritage Nigam) औचक निरीक्षण. इस दौरान चौंकाने वाले हालात सामने आए. कमरों में हीटर और लाइट तो ऑन थे, लेकिन अधिकारी-कर्मचारी ड्यूटी गायब नजर आए.

Heritage Nigam Jaipur
प्रशासनिक सुधार विभाग का औचक निरीक्षण
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Published : Jan 4, 2023, 5:17 PM IST

हेरिटेज नगर निगम आयुक्त विश्राम मीना ने क्या कहा...

जयपुर. सप्ताह में पांच वर्किंग डे और शनिवार-रविवार अवकाश होने के बावजूद सरकारी कार्यालयों में अधिकारी-कर्मचारियों की मनमानी जारी है. सरकारी दफ्तरों में नियत समय पर उपस्थिति को लेकर अनेक अधिकारी-कर्मचारियों को ढर्रा बिगड़ा हुआ है. सरकारी कार्यालयों का खुलने का समय सुबह 9:30 बजे का है. लेकिन अधिकारी-कर्मचारी निर्धारित समय के बाद तक भी कार्यालय नहीं पहुंचते.

इसका खुलासा प्रशासनिक सुधार विभाग की सात सदस्यीय विजिलेंस टीम के औचक निरीक्षण के दौरान हुआ. जब हेरिटेज निगम में राजपत्रित अधिकारियों (गजेटेड ऑफिसर) रैंक के अफसरों की कुर्सी तो 100 फीसदी खाली मिली और नॉन गजेटेड कार्मिकों की उपस्थिति 15 फीसदी मिली. जबकि उनके चेंबर में लाइट, हीटर ऑन मिले. हालांकि, निगम कमिश्नर ने अधिकारियों की अनुपस्थिति को (Employee Absent in Jaipur Nagar Nigam) स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर फील्ड विजिट का नाम दिया.

पढ़ें : परकोटे की 5000 गंदी गलियों के फिरेंगे दिन, 25 करोड़ खर्च कर होगी सफाई और मरम्मत

हेरिटेज निगम मुख्यालय पर (Heritage Nigam Jaipur) बुधवार को प्रशासनिक सुधार विभाग की विजिलेंस टीम जब निरीक्षण करने पहुंची तो चौंकाने वाले हालात देखने को मिले. कमरों में हीटर और लाइट तो ऑन थे, लेकिन अधिकारी-कार्मिक ड्यूटी से ऑफ थे. बॉयोमेट्रिक से डाटा निकलवाया तो अफसर दंग रह गए. जनता से सीधे जुड़े सरकारी कार्यालयों में अफसर-कर्मचारियों की मनमानी का सच सामने आ गया. हेरिटेज निगम मुख्यालय में अलग-अलग विंग का आकस्मिक निरीक्षण किया तो 75 फीसदी से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारी गैरहाजिर मिले. निर्धारित समय के बाद भी कार्यालय नहीं पहुंचे.

ये हालात देख विजिलेंस टीम भी हैरान रह गई. प्रशासनिक सुधार विभाग के डिप्टी सेक्रेट्री कल्ला राम मीणा के नेतृत्व में टीम सुबह 9:30 बजे पहुंची तो देखा पूरा ऑफिस खाली पड़ा है. निगम के मुखिया (कमिश्नर) विश्राम मीणा का भी चेंबर खाली मिला. खुद कमिश्नर करीब 10:30 बजे मुख्यालय पहुंचे. अधीक्षण अभियंता (सिविल), विधानसभा प्रकोष्ठ, डिप्टी कमिश्नर विजिलेंस, एडिश्नल चीफ इंजीनीयर और डिप्टी कमिश्नर कार्मिक के चेंबर खुले मिले, जहां लाइटें ऑन थीं. इनमें से कुछ अधिकारियों के चेंबर में हीटर भी पहले से ऑन मिले.

वहीं, असिस्टेंट टाउन प्लानर (एटीपी), विजीलेंस इंस्पेक्टर के चेंबर पर तो ताला जड़ा मिला. औचक निरीक्षण करने वाली टीम को लीड कर रहे कल्ला राम मीणा ने बताया कि उन्होंने सभी कर्मचारियों की 9:45 बजे तक की जब बायोमेट्रिक अटेंडेंस की रिपोर्ट निकलवाई तो उसमें 489 कर्मचारी-अधिकारियों में से 360 गैर हाजिर मिले. यानी कि 489 में से 129 अधिकारी और कर्मचारियों की उपस्थित मिले. इसकी रिपोर्ट बनाकर प्रिंसीपल सेक्रेट्री प्रशासनिक सुधार को भेजी जाएगी. कार्यालयों में बकाया विधानसभा प्रश्न, संपर्क पोर्टल पर दर्ज परिवाद-शिकायतों के निस्तारण, आरटीआई के लंबित प्रकरणों की जानकारी निरीक्षण दल की ओर से ली जाएगी, जिससे विभागों की गुणवत्ता का परीक्षण हो सके. हालांकि, निगम कमिश्नर ने निगम के 40 अधिकारियों की स्वच्छता सर्वेक्षण के चलते सुबह 9 से 11 फील्ड ड्यूटी लगाए जाने का हवाला दिया और कुछ कर्मचारी उन्हीं के साथ लगे होने की बात कही.

दरअसल, कार्मिक विभाग ने कर्मचारियों-अधिकारियों की उपस्थिति और उनके वर्किंग को लेकर जो दिशा-निर्देश जारी कर रखे हैं, उसके तहत सभी कर्मचारी-अधिकारी को सुबह 9:40 बजे तक अपनी उपस्थिति बायोमेट्रिक मशीन में दर्ज करवानी अनिवार्य है. जबकि कर्मचारियों के पहुंचने के लिए सुबह 9:30 बजे का समय निर्धारित है. यदि कोई कर्मचारी 20 मिनट लेट होता है तो उसे उस सप्ताह के वर्किंग-डे के दिन 20 मिनट अतिरिक्त काम करके उसकी पूर्ति करनी होती है. नियमों के तहत अगर कोई कर्मचारी 10 बजे बाद आकर अपनी हाजिरी लगाता है या शाम को 5 बजे से पहले निकल जाता है तो उसकी उस दिन की हाफ-डे लगाई जाती है. निगम में कर्मचारियों के लिए वर्किंग ऑवर्स सुबह 9:30 से शाम 6 बजे तक निर्धारित है. इसमें 30 मिनट का (दोपहर 1:30 से 2 बजे) तक का लंच अवधि शामिल है.

दरअसल, कर्मचारियों को भी शायद इस बात का अहसास है कि जब साहब ही समय पर दफ्तर नहीं आते तो हमारा कोई क्या बिगाड़ेगा. कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक सरकारी ड्यूटी को सिर्फ औपचारिकता समझते हैं. सुबह घंटाभर लेट आना और शाम को टाइम से पहले निकल जाने के सरकारी बाबू आदी हो गए हैं. पांच महीने पहले हेरिटेज निगम मेयर मुनेश गुर्जर ने भी जब निरीक्षण किया तो सिर्फ 50 कार्मिक ही उपस्थित मिले थे. गुर्जर ने एंट्री गेट बंद करने के बाद जब बायोमेट्रिक मशीन से हाजिरी काउंट की गई तो उसमें देखा कि 400 में से केवल 50 कर्मचारियों की ही उपस्थिति थी. जबकि 350 कर्मचारियों की गैरउपस्थिति लगी हुई थी. हालांकि, तब सिर्फ वार्निंग देकर छोड़ दिया गया, लेकिन अब प्रशासनिक सुधार विभाग की टीम की रिपोर्ट आने के बाद कारण बताओ नोटिस या 17 सीसीए के नोटिस दिए जाएंगे.

बहरहाल, भले ही पारदर्शी और जवाबदेही प्रशासन की बात की जाती हो, लेकिन सरकारी विभागों में कार्यरत अधिकारी कर्मचारियों की लेट लतीफी और डेली अपडाउन की आदत के कारण सरकारी दफ्तरों की दशा खराब है. वहीं, कुछ अधिकारी जब कार्यालय में नहीं होते हैं तो वो फील्ड में होने की बात कहते हैं. जबकि नियमानुसार फील्ड में जाने से पहले उनको कार्यालय में अपनी उपस्थिति दर्ज कर मूवमेंट बुक में फील्ड में जाने संबंधी जानकारी अंकित करनी होती है.

हेरिटेज नगर निगम आयुक्त विश्राम मीना ने क्या कहा...

जयपुर. सप्ताह में पांच वर्किंग डे और शनिवार-रविवार अवकाश होने के बावजूद सरकारी कार्यालयों में अधिकारी-कर्मचारियों की मनमानी जारी है. सरकारी दफ्तरों में नियत समय पर उपस्थिति को लेकर अनेक अधिकारी-कर्मचारियों को ढर्रा बिगड़ा हुआ है. सरकारी कार्यालयों का खुलने का समय सुबह 9:30 बजे का है. लेकिन अधिकारी-कर्मचारी निर्धारित समय के बाद तक भी कार्यालय नहीं पहुंचते.

इसका खुलासा प्रशासनिक सुधार विभाग की सात सदस्यीय विजिलेंस टीम के औचक निरीक्षण के दौरान हुआ. जब हेरिटेज निगम में राजपत्रित अधिकारियों (गजेटेड ऑफिसर) रैंक के अफसरों की कुर्सी तो 100 फीसदी खाली मिली और नॉन गजेटेड कार्मिकों की उपस्थिति 15 फीसदी मिली. जबकि उनके चेंबर में लाइट, हीटर ऑन मिले. हालांकि, निगम कमिश्नर ने अधिकारियों की अनुपस्थिति को (Employee Absent in Jaipur Nagar Nigam) स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर फील्ड विजिट का नाम दिया.

पढ़ें : परकोटे की 5000 गंदी गलियों के फिरेंगे दिन, 25 करोड़ खर्च कर होगी सफाई और मरम्मत

हेरिटेज निगम मुख्यालय पर (Heritage Nigam Jaipur) बुधवार को प्रशासनिक सुधार विभाग की विजिलेंस टीम जब निरीक्षण करने पहुंची तो चौंकाने वाले हालात देखने को मिले. कमरों में हीटर और लाइट तो ऑन थे, लेकिन अधिकारी-कार्मिक ड्यूटी से ऑफ थे. बॉयोमेट्रिक से डाटा निकलवाया तो अफसर दंग रह गए. जनता से सीधे जुड़े सरकारी कार्यालयों में अफसर-कर्मचारियों की मनमानी का सच सामने आ गया. हेरिटेज निगम मुख्यालय में अलग-अलग विंग का आकस्मिक निरीक्षण किया तो 75 फीसदी से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारी गैरहाजिर मिले. निर्धारित समय के बाद भी कार्यालय नहीं पहुंचे.

ये हालात देख विजिलेंस टीम भी हैरान रह गई. प्रशासनिक सुधार विभाग के डिप्टी सेक्रेट्री कल्ला राम मीणा के नेतृत्व में टीम सुबह 9:30 बजे पहुंची तो देखा पूरा ऑफिस खाली पड़ा है. निगम के मुखिया (कमिश्नर) विश्राम मीणा का भी चेंबर खाली मिला. खुद कमिश्नर करीब 10:30 बजे मुख्यालय पहुंचे. अधीक्षण अभियंता (सिविल), विधानसभा प्रकोष्ठ, डिप्टी कमिश्नर विजिलेंस, एडिश्नल चीफ इंजीनीयर और डिप्टी कमिश्नर कार्मिक के चेंबर खुले मिले, जहां लाइटें ऑन थीं. इनमें से कुछ अधिकारियों के चेंबर में हीटर भी पहले से ऑन मिले.

वहीं, असिस्टेंट टाउन प्लानर (एटीपी), विजीलेंस इंस्पेक्टर के चेंबर पर तो ताला जड़ा मिला. औचक निरीक्षण करने वाली टीम को लीड कर रहे कल्ला राम मीणा ने बताया कि उन्होंने सभी कर्मचारियों की 9:45 बजे तक की जब बायोमेट्रिक अटेंडेंस की रिपोर्ट निकलवाई तो उसमें 489 कर्मचारी-अधिकारियों में से 360 गैर हाजिर मिले. यानी कि 489 में से 129 अधिकारी और कर्मचारियों की उपस्थित मिले. इसकी रिपोर्ट बनाकर प्रिंसीपल सेक्रेट्री प्रशासनिक सुधार को भेजी जाएगी. कार्यालयों में बकाया विधानसभा प्रश्न, संपर्क पोर्टल पर दर्ज परिवाद-शिकायतों के निस्तारण, आरटीआई के लंबित प्रकरणों की जानकारी निरीक्षण दल की ओर से ली जाएगी, जिससे विभागों की गुणवत्ता का परीक्षण हो सके. हालांकि, निगम कमिश्नर ने निगम के 40 अधिकारियों की स्वच्छता सर्वेक्षण के चलते सुबह 9 से 11 फील्ड ड्यूटी लगाए जाने का हवाला दिया और कुछ कर्मचारी उन्हीं के साथ लगे होने की बात कही.

दरअसल, कार्मिक विभाग ने कर्मचारियों-अधिकारियों की उपस्थिति और उनके वर्किंग को लेकर जो दिशा-निर्देश जारी कर रखे हैं, उसके तहत सभी कर्मचारी-अधिकारी को सुबह 9:40 बजे तक अपनी उपस्थिति बायोमेट्रिक मशीन में दर्ज करवानी अनिवार्य है. जबकि कर्मचारियों के पहुंचने के लिए सुबह 9:30 बजे का समय निर्धारित है. यदि कोई कर्मचारी 20 मिनट लेट होता है तो उसे उस सप्ताह के वर्किंग-डे के दिन 20 मिनट अतिरिक्त काम करके उसकी पूर्ति करनी होती है. नियमों के तहत अगर कोई कर्मचारी 10 बजे बाद आकर अपनी हाजिरी लगाता है या शाम को 5 बजे से पहले निकल जाता है तो उसकी उस दिन की हाफ-डे लगाई जाती है. निगम में कर्मचारियों के लिए वर्किंग ऑवर्स सुबह 9:30 से शाम 6 बजे तक निर्धारित है. इसमें 30 मिनट का (दोपहर 1:30 से 2 बजे) तक का लंच अवधि शामिल है.

दरअसल, कर्मचारियों को भी शायद इस बात का अहसास है कि जब साहब ही समय पर दफ्तर नहीं आते तो हमारा कोई क्या बिगाड़ेगा. कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक सरकारी ड्यूटी को सिर्फ औपचारिकता समझते हैं. सुबह घंटाभर लेट आना और शाम को टाइम से पहले निकल जाने के सरकारी बाबू आदी हो गए हैं. पांच महीने पहले हेरिटेज निगम मेयर मुनेश गुर्जर ने भी जब निरीक्षण किया तो सिर्फ 50 कार्मिक ही उपस्थित मिले थे. गुर्जर ने एंट्री गेट बंद करने के बाद जब बायोमेट्रिक मशीन से हाजिरी काउंट की गई तो उसमें देखा कि 400 में से केवल 50 कर्मचारियों की ही उपस्थिति थी. जबकि 350 कर्मचारियों की गैरउपस्थिति लगी हुई थी. हालांकि, तब सिर्फ वार्निंग देकर छोड़ दिया गया, लेकिन अब प्रशासनिक सुधार विभाग की टीम की रिपोर्ट आने के बाद कारण बताओ नोटिस या 17 सीसीए के नोटिस दिए जाएंगे.

बहरहाल, भले ही पारदर्शी और जवाबदेही प्रशासन की बात की जाती हो, लेकिन सरकारी विभागों में कार्यरत अधिकारी कर्मचारियों की लेट लतीफी और डेली अपडाउन की आदत के कारण सरकारी दफ्तरों की दशा खराब है. वहीं, कुछ अधिकारी जब कार्यालय में नहीं होते हैं तो वो फील्ड में होने की बात कहते हैं. जबकि नियमानुसार फील्ड में जाने से पहले उनको कार्यालय में अपनी उपस्थिति दर्ज कर मूवमेंट बुक में फील्ड में जाने संबंधी जानकारी अंकित करनी होती है.

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