जयपुर. नगर निगम की संचालित पार्किंग में अवैध वसूली का बड़ा खेल चल रहा है. शहर के नए-पुराने मिलाकर कुल 46 पार्किंग स्थलों में से आधे से ज्यादा का ठेका ही नहीं हुआ है. यानि यहां वाहनों से लिया गया शुल्क निगम तक भी नहीं पहुंच रहा है, जिससे राजस्व को भी घाटा हो रहा है.
शहर में पार्किंग व्यवस्था को सुचारू बनाने के लिए 46 स्थानों पर नगर निगम ने पार्किंग की व्यवस्था सुनिश्चित की है. वहीं चार दिवारी क्षेत्र हो या शहर का आउटर एरिया सभी जगह निगम की ओर से पार्किंग को लेकर टेंडर जारी किए जाते रहे हैं. ताकि निगम में राजस्व की वसूली भी हो सके. लेकिन अधिकतर टेंडर्स का समय खत्म होने के बावजूद वहां राठौड़ी में वाहन चालकों से वसूली की जा रही है, जिसका पैसा भी निगम तक नहीं पहुंच रहा.
इस संबंध में जब तफ्तीश की गई तो सामने आया कि निगम की ओर से ई-ऑक्शन और सीधे नीलामी में 46 में से महज 18 पार्किंग स्थलों का ठेका दिया हुआ है. हाल ही में लाइसेंस समिति के चेयरमैन बने लक्ष्मण मोरानी ने भी माना कि निगम में पार्किंग स्थलों को लेकर धांधली चल रही है, जिस पर जल्द नकेल कसी जाएगी.
बहरहाल, निगम प्रशासन और पूर्व लाइसेंस समिति की अनदेखी के चलते निगम को लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है. कुछ लोग इसी अनदेखी का फायदा उठाते हुए अपनी जेब भरने में लगे हुए हैं.