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डिजिटल युग में बाजार से लेकर रोजगार तक बढ़ा है हिंदी का महत्व

आज के डिजिटल युग में हिन्दी के व्यावहारिक और रोजगारपरक भाषा न होने की बाधा दूर हो गई है. आज मार्केट में एजुकेशन लर्निंग एप और मेडिकल लर्निंग एप की बाढ़ आ चुकी है. जो हिन्दी और क्षेत्रीय भाषाओं में सामग्री उपलब्ध करा रहे हैं.

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Published : Sep 18, 2019, 10:25 AM IST

जयपुर. मेडिकल एजुकेशन क्षेत्र में तकनीकी क्रांति के बाद हिन्दी में भी ऑनलाइन पठन-पाठन सामग्री तेजी से बढ़ रही है. एम्स जैसे बड़े अस्पताल अब प्रशासनिक कार्यों में हिन्दी भाषा का उपयोग कर रहे हैं. बाजार में दवाओं और चिकित्सा पद्धति की जानकारी देने वाले तमाम एप करोड़ों डॉलर का कारोबार कर रहे हैं.

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बाजार से लेकर रोजगार तक हिंदी का होता है उपयोग

ऑनलाइन चिकित्सा परामर्श देने वाले एप डॉकप्राइम, हैलो हेल्थ ने हिन्दी के जरिये मरीजों, डॉक्टरों और विशेषज्ञों को जोड़ा है. मेडिकल न्यूट्रीशनिस्टों का कहना है कि ऑनलाइन चिकित्सा सामग्री में अभी भी हिन्दी का इस्तेमाल एक-दो फीसदी तक पहुंचा है. करीब 150 के करीब दवाएं और 200 के करीब बीमारियां हैं. जिनकी हिन्दी में पहुंच मुहैया करा दी जाए, तो दवाओं की ज्यादा खुराक या उसके दुष्प्रभाव के मामले 50 फीसदी तक कम किए जा सकते हैं.

पढ़ें- कोटा: बाढ़ प्रभावित 4 हजार घर अंधेरे में, बिजली तंत्र भी तहस-नहस

उदाहरण के लिए ऑनलाइन दवा कंपनियां हिन्दी में दवा के असर, इस्तेमाल और दुष्प्रभाव की जानकारियां दे रही हैं. सरकार को दवाओं के पैकेट पर उत्पादन तिथि, समाप्ति अवधि आदि और खुराक की जानकारी हिन्दी में प्रकाशित करना अनिवार्य करना चाहिए. मलेशिया और वियतनाम जैसे देशों में दवा की जानकारी स्थानीय भाषा में दे रही है. इससे मरीजों की जागरूकता बढ़ी है.

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मार्केट में हिंदी भाषा में उपलब्ध एजुकेशन लर्निंग एप

अब एजुकेशनल ऐप भी हिंदी को दे रहे महत्व

भारत जैसे देश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षकों की कमी को डिजिटल एजुकेशन ने पूरा किया है. नेक्स्ट एजुकेशन, वेदांतू, काहूट, आवाज जैसे एप हिन्दी में सामग्री मुहैया करा दिया हैं. बायजू भी इस साल के अंत तक हिन्दी भाषा में वीडियो सामग्री पेश करने वाली है. पढ़ाई-लिखाई और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए उपलब्ध ऑनलाइन सामग्री से छोटे शहरों और कस्बों के युवाओं को भी उन्हीं के क्षेत्रों में उनकी समझ की भाषा में वर्चुअल क्लास के जरिये प्रशिक्षण दिया जा रहा है. 22 बड़ी भारतीय भाषाओं में हिन्दी ही एकमात्र भाषा है, जिसे बाइलिंग्युअल माध्यम के रूप में स्कूली पाठ्यक्रम में तेजी से इस्तेमाल किया जा रहा है.

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भारतीयों में स्मार्टफोन की बढ़ती उपयोगिता को देखते हुए ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियों फ्लिपकार्ट, अमेजन ने हिन्दी में भी एप लॉन्च कर दिया है. पांच लाख से ज्यादा डिजिटल किताबों वाले अमेजन के किंडल लाइट एप ही 30 हजार से ज्यादा किताबें ऑनलाइन पढ़ी जा सकती हैं. फ्लिपकार्ट ने भी हिन्दी में खरीदारी आसान बनाने को एप और वेबसाइट लॉन्च की है. हिन्दी भाषी उपभोक्ताओं को एक ही मंच पर मनोरंजन मुहैया कराने के लिए फ्लिपकार्ट, जियो, एयरटेल जैसी दिग्गज कंपनियों ने हिन्दी में वीडियो स्ट्रीमिंग सेवा की शुरुआत कर दी है.

जयपुर. मेडिकल एजुकेशन क्षेत्र में तकनीकी क्रांति के बाद हिन्दी में भी ऑनलाइन पठन-पाठन सामग्री तेजी से बढ़ रही है. एम्स जैसे बड़े अस्पताल अब प्रशासनिक कार्यों में हिन्दी भाषा का उपयोग कर रहे हैं. बाजार में दवाओं और चिकित्सा पद्धति की जानकारी देने वाले तमाम एप करोड़ों डॉलर का कारोबार कर रहे हैं.

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बाजार से लेकर रोजगार तक हिंदी का होता है उपयोग

ऑनलाइन चिकित्सा परामर्श देने वाले एप डॉकप्राइम, हैलो हेल्थ ने हिन्दी के जरिये मरीजों, डॉक्टरों और विशेषज्ञों को जोड़ा है. मेडिकल न्यूट्रीशनिस्टों का कहना है कि ऑनलाइन चिकित्सा सामग्री में अभी भी हिन्दी का इस्तेमाल एक-दो फीसदी तक पहुंचा है. करीब 150 के करीब दवाएं और 200 के करीब बीमारियां हैं. जिनकी हिन्दी में पहुंच मुहैया करा दी जाए, तो दवाओं की ज्यादा खुराक या उसके दुष्प्रभाव के मामले 50 फीसदी तक कम किए जा सकते हैं.

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उदाहरण के लिए ऑनलाइन दवा कंपनियां हिन्दी में दवा के असर, इस्तेमाल और दुष्प्रभाव की जानकारियां दे रही हैं. सरकार को दवाओं के पैकेट पर उत्पादन तिथि, समाप्ति अवधि आदि और खुराक की जानकारी हिन्दी में प्रकाशित करना अनिवार्य करना चाहिए. मलेशिया और वियतनाम जैसे देशों में दवा की जानकारी स्थानीय भाषा में दे रही है. इससे मरीजों की जागरूकता बढ़ी है.

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मार्केट में हिंदी भाषा में उपलब्ध एजुकेशन लर्निंग एप

अब एजुकेशनल ऐप भी हिंदी को दे रहे महत्व

भारत जैसे देश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षकों की कमी को डिजिटल एजुकेशन ने पूरा किया है. नेक्स्ट एजुकेशन, वेदांतू, काहूट, आवाज जैसे एप हिन्दी में सामग्री मुहैया करा दिया हैं. बायजू भी इस साल के अंत तक हिन्दी भाषा में वीडियो सामग्री पेश करने वाली है. पढ़ाई-लिखाई और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए उपलब्ध ऑनलाइन सामग्री से छोटे शहरों और कस्बों के युवाओं को भी उन्हीं के क्षेत्रों में उनकी समझ की भाषा में वर्चुअल क्लास के जरिये प्रशिक्षण दिया जा रहा है. 22 बड़ी भारतीय भाषाओं में हिन्दी ही एकमात्र भाषा है, जिसे बाइलिंग्युअल माध्यम के रूप में स्कूली पाठ्यक्रम में तेजी से इस्तेमाल किया जा रहा है.

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भारतीयों में स्मार्टफोन की बढ़ती उपयोगिता को देखते हुए ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियों फ्लिपकार्ट, अमेजन ने हिन्दी में भी एप लॉन्च कर दिया है. पांच लाख से ज्यादा डिजिटल किताबों वाले अमेजन के किंडल लाइट एप ही 30 हजार से ज्यादा किताबें ऑनलाइन पढ़ी जा सकती हैं. फ्लिपकार्ट ने भी हिन्दी में खरीदारी आसान बनाने को एप और वेबसाइट लॉन्च की है. हिन्दी भाषी उपभोक्ताओं को एक ही मंच पर मनोरंजन मुहैया कराने के लिए फ्लिपकार्ट, जियो, एयरटेल जैसी दिग्गज कंपनियों ने हिन्दी में वीडियो स्ट्रीमिंग सेवा की शुरुआत कर दी है.

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