जयपुर. परकोटे के कन्जेस्टेड एरिया जहां ट्रैफिक की वजह से बड़े फायर ब्रिगेड वाहनों की आवाजाही मुश्किल होती है. वहां आगजनी की घटना पर पानी की जरूरत ज्यादा होने की वजह से फायर फाइटर्स के सामने चुनौती बढ़ जाती है. हालांकि इस चुनौती पर पार पाने के लिए हैरिटेज निगम क्षेत्र में फायर फाइटिंग सिस्टम विद पंप हाउस प्रोजेक्ट पर काम हुआ. लेकिन स्मार्ट सिटी की ओर से अब तक इसे हैंड ओवर नहीं किया गया है. इसकी वजह से फायर वाहनों को आगजनी के दौरान अभी भी फायर स्टेशन के चक्कर लगाने पड़ते हैं.
परकोटा क्षेत्र में बापू बाजार, नेहरू बाजार, जौहरी बाजार जैसे ज्यादा आवाजाही वाले मार्केट भी है. तो वहीं पुरोहित जी का कटला जैसे भीड़ भाड़ वाला बाजार भी है. इसके लिए स्मार्ट सिटी की ओर से 3.90 करोड़ की लागत से फायर फाइटिंग सिस्टम विद पंप हाउस प्रोजेक्ट तैयार किया गया. हालांकि स्मार्ट सिटी की ओर से इसे हैरिटेज नगर निगम को हैंड ओवर नहीं किए जाने से इसका इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है. इस संबंध में सीएफओ देवेंद्र मीणा ने बताया कि हाइड्रेंट प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी की ओर से बनाया जा रहा है. उसमें कुछ अपडेशन की जरूरत थी. जिस संबंध में स्मार्ट सिटी को पत्र लिखा गया. अब काम फाइनल होने की स्टेज में है. टेस्टिंग के बाद इसका हैंड ओवर लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि जिस तरह पीएचईडी की पानी की लाइन होती है, उसी तरह फायर विभाग के लिए अलग लाइन रहती है. इस लाइन से पानी लेने की चाबी उन्हीं के पास रहती है. इस प्रोजेक्ट के शुरू होने के बाद पानी लेने के लिए जिन फायर वाहनों को फायर स्टेशन तक आना जाना पड़ता है, उसकी आवश्यकता नहीं पड़ेगी.
क्या क्या काम हुए :
- घाटगेट फायर स्टेशन से वॉल सिटी एरिया में बिछाई पाइप लाइन
- 7 किलोमीटर क्षेत्र में डाली गई पाइप लाइन
- संजय बाजार, बापू बाजार, नेहरू बाजार, जौहरी बाजार, पुरोहित जी का कटला, रामगंज बाजार, घाटगेट बाजार और घोड़ा निकास मार्ग में लगाए हाइड्रेंट
- पुरोहित जी का कटला में स्मोक डिटेक्टर सेंसर भी लगाए
- स्मार्ट सिटी के कंट्रोल रूम से जोड़ा गया सिस्टम
- 24 घंटे मॉनिटरिंग और प्रेशर ट्रांसमीटर भी लगाया
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क्या कार्य हैं शेष : वहीं स्मार्ट सिटी सुपरीटेंडेंट इंजीनियर दिनेश गोयल ने बताया कि प्रोजेक्ट हैंड ओवर में कुछ ऑफिशियल प्रक्रिया बाकी है. करीब 10 से 15 दिन में इसे हेरिटेज नगर निगम को हैंड ओवर कर दिया जाएगा. इस संबंध में चीफ फायर ऑफिसर की ओर से भेजे गए पत्र को लेकर उन्होंने कहा कि जो कमियां निगम प्रशासन की ओर से बताई गई है, वो ऐसी कमियां नहीं है जो प्रोजेक्ट पर इफेक्ट डाले. जो संभव था उसे पूरा किया गया है. इसका एमएनआईटी से इंस्पेक्शन भी कराया जा चुका है. यदि कोई अन्य आवश्यकता महसूस होती है, तो प्रोजेक्ट के दूसरे चरण में इसे कराया जा सकता है. बहरहाल, परकोटा क्षेत्र में इस हाइड्रेंट फायर फाइटिंग सिस्टम से बड़ी राहत मिलेगी. लेकिन फिलहाल अपडेशन को लेकर चल रहे पत्र व्यवहार के चलते, इस प्रोजेक्ट के हैंड ओवर की डेट आगे बढ़ती जा रही है.