जयपुर. जिले में अवैध बजरी खनन को लेकर एसपी अजय सिंह और सीओ दिनेश शर्मा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. सीओ दिनेश शर्मा ने जहां एसपी पर अवैध बजरी खनन कराने का आरोप लगया तो एसपी ने जवाब ने कहा कि सीओ अवैध बजरी खनन करने वालो को छुड़वाने और अन्य पुलिस अधिकारियों को धमकाने का आरोप लगाया हैं.
दोनों पुलिस अधिकारी एक दूसरे के ऊपर आरोप-प्रत्यारोप के बीच अब गृह विभाग ने इस पूरे मामले पर संज्ञान लेते हुए विस्तृत रिपोर्ट भरतपुर आईजी से मांगी हैं. गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव स्वरूप ने भरतपुर आईजी को निर्देशित किया है कि वह इस पूरे मामले की जांच करके तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करें और बताएं कि जो आरोप पुलिस अधिकारी दूसरी पर लगा रहे हैं, उनमें कितनी सच्चाई है.
आपको बता दें कि पिछले दिनों डिको ऑपरेशन में फंसे पुलिसकर्मियों का आरोप है कि गत 4 जून 2019 को मध्यप्रदेश की ओर से अवैध बजरी लेकर ट्रक को रोका था तब सीओ सिटी ने फोन करके उन्हें धमकाया था और यह ट्रक उनकी किसी मिलने वाले का है इसलिए उसे छोड़ने की बात कही और ऐसा नहीं करने पर नौकरी से हटाने की धमकी दी. इसकी लिखित शिकायत उन्होंने उसी दिन एसपी धौलपुर को कर दी थी.
उधर सीओ सिटी दिनेश शर्मा ने मंगलवार को डीजीपी को पत्र में कहा है कि एसपी अजय सिंह की सह पर अवैध बजरी की वसूली हो रही है, एसपी भ्रष्ट पुलिसकर्मियों को जानबूझकर संरक्षण दे रहे हैं. बता दें कि प्रदेश में बजरी खनन पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा रखी है लेकिन उसके बावजूद भी अवैध बजरी खनन रुकने का नाम नहीं ले रहा.
लगातार यह आरोप लगते रहे थे कि पुलिस के संरक्षण में अवैध बजरी हो रही है लेकिन जिस तरीके से पिछले कुछ दिनों में पुलिस के अफसर ही एक दूसरे के ऊपर अवैध बजरी खनन कराने और बजरी माफियाओं को संरक्षण देने का आरोप लगा रहे हैं उससे यह तो साफ हो गया इस बजरी के खेल में पुलिस भी अछूती नहीं है. ऐसे में देखना होगा कि गृह विभाग द्वारा मांगी गई रिपोर्ट के बाद में क्या कदम लिये जाते हैं.