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धौलपुर में अवैध बजरी खनन को लेकर दो अफसरों के विवाद पर गृह विभाग ने भरतपुर आईजी से मांगी रिपोर्ट - home ministry

धौलपुर में अवैध बजरी खनन को लेकर दो पुलिस अफसरों के बीच चल रही तकरार पर अब गृह विभाग ने रिपोर्ट तलब कर ली हैं. गृह विभाग के एसीएस राजीव स्वरूप ने भरतपुर आईजी से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.

अवैध बजरी खनन को लेकर चल रहे दो अफसरों के विवाद पर गृह विभाग ने भरतपुर आईजी मांगी रिपोर्ट
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Published : Jul 3, 2019, 3:03 PM IST

जयपुर. जिले में अवैध बजरी खनन को लेकर एसपी अजय सिंह और सीओ दिनेश शर्मा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. सीओ दिनेश शर्मा ने जहां एसपी पर अवैध बजरी खनन कराने का आरोप लगया तो एसपी ने जवाब ने कहा कि सीओ अवैध बजरी खनन करने वालो को छुड़वाने और अन्य पुलिस अधिकारियों को धमकाने का आरोप लगाया हैं.

धौलपुर में अवैध बजरी खनन को लेकर चल रहे दो अफसरों के विवाद पर गृह विभाग ने भरतपुर आईजी मांगी रिपोर्ट

दोनों पुलिस अधिकारी एक दूसरे के ऊपर आरोप-प्रत्यारोप के बीच अब गृह विभाग ने इस पूरे मामले पर संज्ञान लेते हुए विस्तृत रिपोर्ट भरतपुर आईजी से मांगी हैं. गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव स्वरूप ने भरतपुर आईजी को निर्देशित किया है कि वह इस पूरे मामले की जांच करके तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करें और बताएं कि जो आरोप पुलिस अधिकारी दूसरी पर लगा रहे हैं, उनमें कितनी सच्चाई है.

आपको बता दें कि पिछले दिनों डिको ऑपरेशन में फंसे पुलिसकर्मियों का आरोप है कि गत 4 जून 2019 को मध्यप्रदेश की ओर से अवैध बजरी लेकर ट्रक को रोका था तब सीओ सिटी ने फोन करके उन्हें धमकाया था और यह ट्रक उनकी किसी मिलने वाले का है इसलिए उसे छोड़ने की बात कही और ऐसा नहीं करने पर नौकरी से हटाने की धमकी दी. इसकी लिखित शिकायत उन्होंने उसी दिन एसपी धौलपुर को कर दी थी.

उधर सीओ सिटी दिनेश शर्मा ने मंगलवार को डीजीपी को पत्र में कहा है कि एसपी अजय सिंह की सह पर अवैध बजरी की वसूली हो रही है, एसपी भ्रष्ट पुलिसकर्मियों को जानबूझकर संरक्षण दे रहे हैं. बता दें कि प्रदेश में बजरी खनन पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा रखी है लेकिन उसके बावजूद भी अवैध बजरी खनन रुकने का नाम नहीं ले रहा.

लगातार यह आरोप लगते रहे थे कि पुलिस के संरक्षण में अवैध बजरी हो रही है लेकिन जिस तरीके से पिछले कुछ दिनों में पुलिस के अफसर ही एक दूसरे के ऊपर अवैध बजरी खनन कराने और बजरी माफियाओं को संरक्षण देने का आरोप लगा रहे हैं उससे यह तो साफ हो गया इस बजरी के खेल में पुलिस भी अछूती नहीं है. ऐसे में देखना होगा कि गृह विभाग द्वारा मांगी गई रिपोर्ट के बाद में क्या कदम लिये जाते हैं.

जयपुर. जिले में अवैध बजरी खनन को लेकर एसपी अजय सिंह और सीओ दिनेश शर्मा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. सीओ दिनेश शर्मा ने जहां एसपी पर अवैध बजरी खनन कराने का आरोप लगया तो एसपी ने जवाब ने कहा कि सीओ अवैध बजरी खनन करने वालो को छुड़वाने और अन्य पुलिस अधिकारियों को धमकाने का आरोप लगाया हैं.

धौलपुर में अवैध बजरी खनन को लेकर चल रहे दो अफसरों के विवाद पर गृह विभाग ने भरतपुर आईजी मांगी रिपोर्ट

दोनों पुलिस अधिकारी एक दूसरे के ऊपर आरोप-प्रत्यारोप के बीच अब गृह विभाग ने इस पूरे मामले पर संज्ञान लेते हुए विस्तृत रिपोर्ट भरतपुर आईजी से मांगी हैं. गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव स्वरूप ने भरतपुर आईजी को निर्देशित किया है कि वह इस पूरे मामले की जांच करके तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करें और बताएं कि जो आरोप पुलिस अधिकारी दूसरी पर लगा रहे हैं, उनमें कितनी सच्चाई है.

आपको बता दें कि पिछले दिनों डिको ऑपरेशन में फंसे पुलिसकर्मियों का आरोप है कि गत 4 जून 2019 को मध्यप्रदेश की ओर से अवैध बजरी लेकर ट्रक को रोका था तब सीओ सिटी ने फोन करके उन्हें धमकाया था और यह ट्रक उनकी किसी मिलने वाले का है इसलिए उसे छोड़ने की बात कही और ऐसा नहीं करने पर नौकरी से हटाने की धमकी दी. इसकी लिखित शिकायत उन्होंने उसी दिन एसपी धौलपुर को कर दी थी.

उधर सीओ सिटी दिनेश शर्मा ने मंगलवार को डीजीपी को पत्र में कहा है कि एसपी अजय सिंह की सह पर अवैध बजरी की वसूली हो रही है, एसपी भ्रष्ट पुलिसकर्मियों को जानबूझकर संरक्षण दे रहे हैं. बता दें कि प्रदेश में बजरी खनन पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा रखी है लेकिन उसके बावजूद भी अवैध बजरी खनन रुकने का नाम नहीं ले रहा.

लगातार यह आरोप लगते रहे थे कि पुलिस के संरक्षण में अवैध बजरी हो रही है लेकिन जिस तरीके से पिछले कुछ दिनों में पुलिस के अफसर ही एक दूसरे के ऊपर अवैध बजरी खनन कराने और बजरी माफियाओं को संरक्षण देने का आरोप लगा रहे हैं उससे यह तो साफ हो गया इस बजरी के खेल में पुलिस भी अछूती नहीं है. ऐसे में देखना होगा कि गृह विभाग द्वारा मांगी गई रिपोर्ट के बाद में क्या कदम लिये जाते हैं.

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जयपुर

धौलपुर में अवैध बजरी खनन को लेकर चल रहे दो अफसरों के विवाद पर गृह विभाग ने मांगी रिपोर्ट , भरतपुर आईजी से मांगी रिपोर्ट ,

एंकर :- धौलपुर में अवैध बजरी खनन को लेकर दो पुलिस अफसरों के बीच चल रही तकरार पर अब गृह विभाग ने रिपोर्ट तलब कर ली है गर्व विभाग के एसीएस राजीव स्वरूप ने भरतपुर आई जी से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।


Body:VO:- धौलपुर में अवैध बजरी खनन को लेकर एसपी अजय सिंह और सीओ दिनेश शर्मा के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है , सीओ दिनेश शर्मा ने जहां एसपी पर अवैध बजरी खनन कराने का आरोप लगया तो एसपी ने जवाब ने कहा कि सीओ अवैध बजरी खनन करने वालो को छुड़वाने स्टिंग शामिल होने की बात कही है , दोनों पुलिस अधिकारी एक दूसरे के ऊपर आरोप-प्रत्यारोप के बीच अब गृह विभाग ने इस पूरे मामले पर संज्ञान लेते हुए विस्तृत रिपोर्ट भरतपुर आई जी से मांगी है , गृह विभाग के एसएस राजीव स्वरूप ने भरतपुर आईजी को निर्देशित किया है कि वह इस पूरे मामले की जांच करके तथ्यात्मक रिपोर्ट पेश करें और बताएं कि जो आरोप पुलिस अधिकारी दूसरी पर लगा रहे हैं , उनमें कितनी सच्चाई है , हम आपको बता दें कि पिछले दिनों डिको ऑपरेशन में फंसे पुलिसकर्मियों का आरोप है कि गत 4 जून 2019 को मध्यप्रदेश की ओर से अवैध बजरी लेकर ट्रक को रोका था तब सीओ सिटी ने फोन करके उन्हें धमकाया था और यह ट्रक उनकी किसी मिलने वाले का है इसलिए उसे छोड़ की बात कही ऐसा नहीं करने पर नौकरी से हटाने की धमकी दी , इसकी लिखित शिकायत उन्होंने उसी दिन एसपी धौलपुर को कर दी थी , उधर सीओ सिटी दिनेश शर्मा ने मंगलवार को डीजीपी को पत्र में कहा है कि एसपी अजय सिंह की सह पर अवैध बजरी की वसूली हो रही है , एसपी भृष्ट पुलिसकर्मियों को जानबूझकर संरक्षण दे रहे हैं ।






Conclusion:VO:- प्रदेश में बजरी खनन पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा रखी है लेकिन उसके बावजूद भी अवैध बजरी खनन रुकने का नाम नहीं ले रहा । लगातार यह आरोप लगते रहे थे कि पुलिस के संरक्षण में अवैध बजरी हो रही है लेकिन जिस तरीके से पिछले कुछ दिनों में पुलिस के अफसर ही एक दूसरे के ऊपर अवैध बजरी खनन कराने और बजरी माफियाओं को संरक्षण देने का आरोप लगा रहे हैं उससे यह तो साफ हो गया किस बजरी के खेल में पुलिस भी अछूती नहीं है ऐसे में देखना होगा कि गृह विभाग द्वारा मांगी गई रिपोर्ट के बाद में इस अधिकारी पर गाज गिरती है ।
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