जयपुर. राजस्थान के नए राज्यपाल का पद संभालते ही कलराज मिश्र ने यह साफ कर दिया कि वह जनता से जुड़े रहने वाले राज्यपाल होंगे और इसके लिए ना तो उनके पद के आगे महामहिम शब्द का प्रयोग हो और ना ही गॉड ऑफ ऑनर जैसी प्रक्रिया उनके लिए भविष्य में की जाए. शपथ ग्रहण के बाद पत्रकारों से मुखातिब हुए राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि उनकी विचारधारा एक राष्ट्र, एक जन और एक संस्कृति है.
एक राष्ट्र, एक जन, एक संस्कृति की है विचारधारा मेरी
पत्रकारों से बातचीत में कलराज मिश्र ने कहा कि एक राष्ट्र, एक जन, एक संस्कृति की उनकी विचारधारा है और इसी कल्पना को मूर्त रूप देने का प्रयास करेंगे. इस दौरान मिश्र ने यह भी कहा कि जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाया जाना इसी कल्पना के तहत आता है क्योंकि उनकी विचारधारा के कंसेप्ट को इसी से प्रैक्टिकल शेप मिला है.
जहां न पहुंचे गाड़ी वहां पहुंचे मारवाड़ी
राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि राजस्थान में विकास की अपार संभावना है जिसे वे सभी दलों को साथ में लेकर आगे बढ़ाने का प्रयास करेंगे. वहीं विश्वविद्यालय में शैक्षणिक वातावरण को आगे बढ़ाने के लिए कई नए प्रयोग भी करेंगे. राज्यपाल के अनुसार मारवाड़ियों के श्रम व्यवसायी कुशलता और प्रबंधन का देशभर में कई उदाहरण हैं, जिसके चलते उन्होंने कहा कि जहां न पहुंचे गाड़ी वहां पहुंचे मारवाड़ी.
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कलराज मिश्र के अनुसार वो खुद को किसी नौजवान से कम नहीं समझते और एक राज्यपाल के रूप में भी वो राजस्थान में आराम करने नहीं आए हैं बल्कि अपनी सक्रियता से प्रदेश में विकास की गति को बढ़ाने आए हैं. उन्होंने कहा कि इस दिशा में वह जल्द ही काम भी शुरू करेंगे.