जयपुर. साल 1918 में आयोजित हिंदी साहित्य सम्मेलन में महात्मा गांधी ने हिंदी को आम जनमानस की भाषा बताते हुए इसे राष्ट्रभाषा का दर्जा देने के लिए कहा था. हिन्दी भाषा ही है जो विविधताओं से भरे भारत को एक करती है.
देश के किसी भी नागरिक से अपनी दिल और मन की बात अगर किसी भाषा में सहजता से की जा सकती है तो वो है हिंदी. हिन्दी के जरिए हम भावनाओं को सरलता से अभिव्यक्त कर सकते है. इसी हिन्दी के सम्मान में हर साल 14 सितंबर को देश में हिन्दी दिवस मनाया जाता है.
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आजादी मिलने के दो साल बाद 14 सितबंर 1949 को संविधान सभा में एक मत से हिंदी को राजभाषा घोषित किया गया था. 1953 से पूरे भारत में 14 सितंबर को हर साल हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा. 14 सितंबर 1953 को पहली बार देश में हिंदी दिवस मनाया गया.
जानिए हिन्दी से जुड़ी 15 खस बातें
- हिंदी मंदारिन, स्पैनिश, इंग्लिश के बाद विश्व की चौथी सबसे ज्यादा बोले जाने वाली भाषा है.
- 2. बहुचर्चित ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी की ‘वर्ल्ड इंग्लिश एडिटर’ डेनिका सालाजार के अनुसार अब तक हिंदी भाषा के 900 शब्दों को डिक्शनरी में जगह मिल चुकी है. दुनिया की सबसे प्रसिद्ध ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी (शब्दकोश) हर साल भारतीय शब्दों को जगह दे रही है. इनमें हिंदी के शब्दों की बहुलता है. ऑक्सफोर्ड ने 'बापू', 'सूर्य नमस्कार' और 'अच्छा' शब्द भी इस प्रतिष्ठित शब्दकोश में जगह बना चुके हैं. साल 2017 में ऑक्सफोर्ड ने करीब 70 भारतीय शब्दों को शामिल किया था, जिनमें 33 से ज्यादा हिंदी थे. इससे पहले 2017 में नारी शक्ति और 2018 में आधार शब्द को ‘हिंदी शब्द ऑफ द ईयर’ के खिताब से नवाजा गया था.
- हिंदी विश्व के तीस से अधिक देशों में पढ़ी-पढ़ाई जाती है, लगभग 100 विश्वविद्यालयों में उसके लिए अध्यापन केंद्र खुले हुए हैं. अमेरिका में लगभग एक सौ पचास से ज्यादा शैक्षणिक संस्थानों में हिंदी का पठन-पाठन हो रहा है.
- इजरायल के रोंडन नामक व्यक्ति ने दुनियाभर की भाषाओं के सही उच्चारण के लिए एक ऑनलाइन मंच ‘फोरवो’ तैयार किया. इसके मुताबिक उच्चारण को सुनकर अपनी गलतियों को ठीक किया जा सकता है. 2008 में शुरू हुई इस वेबसाइट में भारतीय शब्दों की धूम है. अब तक 14,741 हिंदी शब्दों को इसमें शामिल किया जा चुका है. इनमें स्त्री, ओम, किरण और रायता जैसे शब्द हैं.
- दक्षिण प्रशांत महासागर क्षेत्र में फिजी नाम का एक द्वीप देश है जहां हिंदी को आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया गया है. भारत, फिजी के अलावा मॉरीशस, फिलीपींस, नेपाल, गुयाना, सुरिनाम, त्रिनिदाद, तिब्बत और पाकिस्तान में कुछ परिवर्तनों के साथ ही सही लेकिन हिंदी बोली और समझी जाती है.
- 1977 में पहली बार तत्कालीन विदेश मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने हिंदी में संयुक्त राष्ट्र की आम सभा को संबोधित किया था.
- हिंदी में उच्चतर शोध के लिए भारत सरकार ने 1963 में केंद्रीय हिंदी संस्थान की स्थापना की। देश भर में इसके आठ केंद्र हैं.
- इंटरनेट पर हिन्दी के प्रसार तेजी से हो रहा है. 2016 में डिजिटल माध्यम में हिन्दी समाचार पढ़ने वालों की संख्या 5.5 करोड़ थी, जो 2021 में बढ़कर 14.4 करोड़ होने का अनुमान है.
- इंटरनेट के प्रसार से किसी को अगर सबसे ज्यादा फायदा हुआ है तो वह हिन्दी है. 1997 में हुए एक सर्वेक्षण में पाया गया था कि भारत में 66 फीसदी लोग हिंदी बोलते हैं, जबकि 77 प्रतिशत इसे समझ लेते हैं. डिजिटल माध्यम में 2016 में हिंदी समाचार पढ़ने वालों की संख्या 5.5 करोड़ थी, जो 2021 में बढ़कर 14.4 करोड़ होने का अनुमान है.
- 1918 में आयोजित हिंदी साहित्य सम्मेलन में महात्मा गांधी ने हिंदी को आम जनमानस की भाषा बताते हुए इसे राष्ट्रभाषा का दर्जा देने के लिए कहा था. आजादी मिलने के दो साल बाद 14 सितबंर 1949 को संविधान सभा में एक मत से हिंदी को राजभाषा घोषित किया गया था. इस निर्णय के बाद हिंदी को हर क्षेत्र में प्रसारित करने के लिए राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के अनुरोध पर 1953 से पूरे भारत में 14 सितंबर को हर साल हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा. 14 सितंबर 1953 को पहली बार देश में हिंदी दिवस मनाया गया. हिंदी को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने के लिए 1975 से ‘विश्र्व हिंदी सम्मेलन’ का आयोजन शुरू किया गया.
- 1805 में लल्लूलाल द्वारा लिखी गई पुस्तक प्रेम सागर को हिंदी की पहली किताब माना जाता है. इसका प्रकाशन फोर्ट विलियम कोलकाता ने किया था.
- सन 1900 में सरस्वती में प्रकाशित किशोरीलाल गोस्वामी की कहानी इंदुमती को पहली हिंदी कहानी माना जाता है.
- 1913 में दादा साहेब फाल्के ने ‘राजा हरिश्चंद्र’ का निर्माण किया, जिसे पहर्ली हिंदी फीचर फिल्म कहा जाता है.
- सन 1796 में पहली बार कोलकाता में टाइप आधारित पहली हिंदी की पुस्तक का प्रकाशन हुआ. यही हिंदी व्याकरण की पुस्तक थी. 1826 में हिंदी के पहले समाचार पत्र (साप्ताहिक) उदंत मार्तंड का प्रकाशन कोलकाता से शुरू हुआ.
- पहली बोलती हुर्ई हिंदी फिल्म आलम आरा का प्रदर्शन 14 मार्च 1931 को हुआ. इस फिल्म के निर्देशक अर्देशिर ईरानी थे.