जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश में बड़े पैमाने पर हो रहे बजरी के अवैध खनन और खनन माफियाओं की ओर से खनन रोकने वाले दस्ते पर आए दिन हमला करने की घटनाओं पर स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान ले लिया है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में मुख्य सचिव, प्रमुख खान सचिव और डीजीपी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महान्ति और न्यायाधीश प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ ने यह आदेश मामले में स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लेते हुए दिए.
अदालत ने राज्य सरकार को 5 दिन में शपथ पत्र पेश कर बताने को कहा है कि प्रदेश में अवैध बजरी खनन रोकने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं. अदालत ने कहा कि प्रदेश में न केवल बड़े पैमाने पर बजरी का अवैध खनन हो रहा है, बल्कि खनन माफियाओं के हौसले इतने बुलंद है कि वे इसे रोकने वाले दल पर फायरिंग तक कर रहे हैं. ऐसे में मामले को तत्काल गंभीरता से लिया जाना चाहिए.
अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया मामले में राज्य सरकार को गहरी जांच करने की जरूरत है. अदालत ने अवैध खनन के मामले में जांच के लिए कमेटी गठित करने की मंशा जताते हुए महाधिवक्ता से जांच करने में सक्षम लोगों के नाम पेश करने को कहा है. वहीं अदालत ने कोर्ट में सहायता के लिए अधिवक्ता शोभित तिवाडी को न्याय मित्र बनाया है. अदालत ने मामले की सुनवाई 24 सितंबर को रखते हुए अवैध खनन के संबंध में दायर याचिका को इसके साथ सूचीबद्ध करने को कहा है.