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Fireman Recruitment Dispute: हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और चयन बोर्ड से मांगा जवाब

फायरमैन भर्ती 2021 अनियमितता मामले (Fireman Recruitment 2021 Irregularity Case) को लेकर दायर एक याचिका पर हाईकोर्ट में प्रारंभिक सुनवाई हुई. जिसके बाद जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने उक्त मामले में स्वायत्त शासन सचिव व विभाग के निदेशक के साथ ही कर्मचारी चयन बोर्ड के सचिव को जवाब तलब किया है.

fireman recruitment disputes
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Published : Jan 13, 2023, 7:20 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने फायरमैन भर्ती 2021 में अनियमितता के मामले में स्वायत्त शासन सचिव और विभाग के निदेशक के साथ ही कर्मचारी चयन बोर्ड के सचिव को जवाब तलब किया है. अदालत ने पूछा है कि तय अंक लाने के बावजूद अभ्यर्थी को शारीरिक दक्षता परीक्षा में शामिल क्यों नहीं किया गया. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता अभ्यर्थियों को शारीरिक दक्षता परीक्षा में शामिल करने के आदेश दिए हैं. जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश रविन्द्र कुमार शर्मा व अन्य की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि कर्मचारी चयन बोर्ड ने 10 अगस्त, 2021 को फायरमैन की छह सौ पदों के लिए भर्ती निकाली थी. जिसकी लिखित परीक्षा में 33 फीसदी अंक लाना अनिवार्य किया गया था. याचिका में कहा गया कि 70 अंकों की इस लिखित परीक्षा में याचिकाकर्ता ने 33 फीसदी अंक प्राप्त किए हैं. लेकिन बोर्ड ने उन अभ्यर्थियों का चयन दक्षता परीक्षा के लिए किया है, जिन्होंने 70 अंक में से 33 अंक प्राप्त किए हैं.

इसे भी पढे़ं - Nursing Officer Recruitment 2022: हाईकोर्ट ने ऑफलाइन आवेदन स्वीकार करने के दिए आदेश

याचिका में कहा गया कि अंकों की इस तरह से गणना करने से यह करीब 47 फीसदी होते हैं. जबकि भर्ती विज्ञापन में 33 फीसदी अंकों की अनिवार्यता ही थी. बोर्ड को शारीरिक दक्षता परीक्षा के बाद कट ऑफ जारी करनी चाहिए थे, लेकिन बोर्ड ने शारीरिक दक्षता परीक्षा से पहले ही कट ऑफ जारी कर याचिकाकर्ता अभ्यर्थियों को चयन से बाहर कर दिया.

याचिका में कहा गया कि उन्हें दक्षता परीक्षा के लिए अयोग्य करना मनमाना है. फिलहाल दक्षता परीक्षा और प्रायोगिक परीक्षा चल रही हैं. ऐसे में याचिकाकर्ताओं को चयन प्रक्रिया में शामिल किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब करते हुए याचिकाकर्ता अभ्यर्थियों को दक्षता परीक्षा में शामिल करने को कहा है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने फायरमैन भर्ती 2021 में अनियमितता के मामले में स्वायत्त शासन सचिव और विभाग के निदेशक के साथ ही कर्मचारी चयन बोर्ड के सचिव को जवाब तलब किया है. अदालत ने पूछा है कि तय अंक लाने के बावजूद अभ्यर्थी को शारीरिक दक्षता परीक्षा में शामिल क्यों नहीं किया गया. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता अभ्यर्थियों को शारीरिक दक्षता परीक्षा में शामिल करने के आदेश दिए हैं. जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश रविन्द्र कुमार शर्मा व अन्य की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि कर्मचारी चयन बोर्ड ने 10 अगस्त, 2021 को फायरमैन की छह सौ पदों के लिए भर्ती निकाली थी. जिसकी लिखित परीक्षा में 33 फीसदी अंक लाना अनिवार्य किया गया था. याचिका में कहा गया कि 70 अंकों की इस लिखित परीक्षा में याचिकाकर्ता ने 33 फीसदी अंक प्राप्त किए हैं. लेकिन बोर्ड ने उन अभ्यर्थियों का चयन दक्षता परीक्षा के लिए किया है, जिन्होंने 70 अंक में से 33 अंक प्राप्त किए हैं.

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याचिका में कहा गया कि अंकों की इस तरह से गणना करने से यह करीब 47 फीसदी होते हैं. जबकि भर्ती विज्ञापन में 33 फीसदी अंकों की अनिवार्यता ही थी. बोर्ड को शारीरिक दक्षता परीक्षा के बाद कट ऑफ जारी करनी चाहिए थे, लेकिन बोर्ड ने शारीरिक दक्षता परीक्षा से पहले ही कट ऑफ जारी कर याचिकाकर्ता अभ्यर्थियों को चयन से बाहर कर दिया.

याचिका में कहा गया कि उन्हें दक्षता परीक्षा के लिए अयोग्य करना मनमाना है. फिलहाल दक्षता परीक्षा और प्रायोगिक परीक्षा चल रही हैं. ऐसे में याचिकाकर्ताओं को चयन प्रक्रिया में शामिल किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब करते हुए याचिकाकर्ता अभ्यर्थियों को दक्षता परीक्षा में शामिल करने को कहा है.

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