जयपुर. चुनावी साल में सभी समाज अपनी-अपनी महापंचायत और सम्मेलनों का आयोजन कर रहे हैं. इसी कड़ी में अब गुर्जर समाज की ओर से गुर्जर एकता महाकुंभ का आयोजन किया जा रहा है. 18 जून को राजधानी जयपुर में होने वाले इस महाकुंभ में समाज को समुचित राजनीतिक प्रतिनिधित्व देने, गहलोत सरकार के साथ बीते सालों में हुए समझौतों को लागू करने और सेना में गुर्जर रेजिमेंट बनाने की मांग पुरजोर तरीके से उठाई जाएगी. राजस्थान गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति और अन्य सामाजिक संगठनों की ओर से यह आयोजन किया जाएगा.
राजस्थान गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के महामंत्री शैलेन्द्र सिंह धाभाई ने रविवार को प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि राजस्थान में गुर्जर समाज की जनसंख्या करीब 9 फीसदी है. अति पिछड़ा वर्ग की जातियों को मिलाने पर यह संख्या करीब 13-14 फीसदी होती है. महाकुंभ में राजनीतिक दलों से मांग रखी जाएगी कि लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा के साथ ही निगम और वार्डों में भी समाज को समुचित प्रतिनिधित्व दिया जाए.
उन्होंने कहा कि भारतीय सेना में गुर्जर रेजिमेंट की मांग पुरानी है. गुर्जर बलिदानी और राष्ट्रभक्त कौम है, इसलिए भारतीय सेना में अलग से गुर्जर रेजिमेंट बनाने की मांग भी सरकार से की जाएगी. उन्होंने कहा कि राजस्थान में अति पिछड़ा वर्ग को दी जा रही पांच फीसदी आरक्षण को सुरक्षित करने के लिए वर्तमान में पिछड़ा वर्ग अधिनियम, 2017 और संशोधन अधिनियम, 2019 को देश के संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करने की मांग भी इस मंच से केंद्र सरकार से की जाएगी.
बचे हुए मुकदमों का जल्द हो निस्तारण : शैलेन्द्र सिंह धाभाई ने बताया कि आरक्षण आंदोलन के दौरान घायल हुए और बाद में दम तोड़ने वाले रूपनारायण गुर्जर और जयराम गुर्जर के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपए की मदद और सरकारी नौकरी देने की मांग की जाएगी. गहलोत सरकार की ओर से साल 2019 और 2020 के समझौतों की जल्द पालना करने, आरक्षण आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमों में से बचे हुए मुकदमों का जल्द निस्तारण कर समाज के लोगों को न्याय दिलाने की भी मांग की जाएगी. इसके साथ ही देवनारायण बोर्ड का बजट बढ़ाने और सुविधाओं में बढ़ोतरी करने का मुद्दा भी उठाया जाएगा.
80 सीटों पर है गुर्जर समाज का दबदबा : राजस्थान गुर्जर आरक्षण आंदोलन संघर्ष समिति के उपाध्यक्ष कैप्टन जगराम ने कहा कि राजस्थान में 70-80 सीटों पर गुर्जर समाज का दबदबा है. हालांकि इस अनुपात में समाज को प्रतिनिधित्व नहीं मिल पा रहा है, इसलिए महाकुंभ में इस दिशा में समाज के लोगों को जागरूक किया जाएगा. उन्होंने कहा कि ब्रिटिश काल में मिलने वाले विक्टोरिया क्रॉस को हासिल करने वाले पहले जवान गुर्जर समाज से ही ताल्लुक रखते थे. इसके बावजूद आज भारतीय सेना में गुर्जर रेजिमेंट नहीं है. सेना में गुर्जर रेजिमेंट की मांग भी इस मंच से पुरजोर तरीके से उठाई जाएगी. इसके साथ ही एमबीसी आरक्षण को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करवाने, भर्तियों में आरक्षण के प्रावधानों को लागू करवाने सहित अन्य मांगों को भी पुरजोर तरीके से उठाया जाएगा.