जयपुर. ग्रेटर नगर निगम में महापौर उपचुनाव (Greater Nigam mayor by election) का कार्यक्रम घोषित होने के बाद कांग्रेस और बीजेपी दोनों राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है. जहां एक और बीजेपी ने गुरुवार को बीजेपी पार्षदों की मुख्यालय पर मीटिंग कॉल की है. मीटिंग के बाद पार्षदों की बाड़ाबंदी भी संभव है. वहीं बुधवार रात कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कांग्रेसी पार्षदों की क्लास ली. साथ ही विष्णु लाटा प्रकरण को दोहराने की बात कहते हुए कहा कि नगर निगम में दल-बदल कानून लागू नहीं (Pratap Singh on defection law) होता.
ग्रेटर निगम के मेयर पद पर उप चुनाव में भले ही कांग्रेस के पास खोने के लिए कुछ नहीं है और संख्या बल में बीजेपी से बहुत कम हों, लेकिन वो आसानी से बीजेपी को ये सीट देने के मूड में नहीं दिख रही. कांग्रेस ने इस चुनाव में दो प्लान पर काम करने की तैयारी कर ली है. इसमें पहला खुद का उम्मीदवार उतारकर बीजेपी के पार्षदों से क्रॉस वोट लेकर सपोर्ट लेना या दूसरा बीजेपी के ही किसी पार्षद को समर्थन देकर उसे मेयर बनाना है. इस बात के संकेत बुधवार रात कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने दिए.
उन्होंने जनवरी 2019 का घटनाक्रम दोहराने के संकेत देते हुए कहा कि बीजेपी के कुछ पार्षद उनसे आकर मिले है. पहले भी वो चुनाव में विष्णु लाटा को महापौर बना चुके हैं. उन्होंने कहा कि जब वो मैदान में आते हैं, तो फिर बिना लड़े मैदान नहीं छोड़ते. उम्मीदवार उतारने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सभी पार्षद मिलकर तय करेंगे तभी उम्मीदवार उतारा जाएगा. इस दौरान जब उनसे पूछा गया कि वो हमेशा बीजेपी पर सरकार गिराने का आरोप लगाते हैं और खुद ग्रेटर निगम में यही काम करने जा रहे हैं. इस पर खाचरियावास ने कहा कि निगम में दल-बदल कानून लागू नहीं होता.
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कांग्रेस की इस बैठक में करीब 49 पार्षद पहुंचे. हालांकि प्रत्याशी के नाम को लेकर गुरुवार को खाचरियावास के आवास पर दोबारा बैठक होगी. जिसमें स्थानीय विधायक और कांग्रेस के प्रत्याशी रहे नेता भी शामिल होंगे.