जयपुर. ग्रेटर नगर निगम के तत्कालीन आयुक्त यज्ञमित्र देव सिंह के साथ अभद्रता के मामले में मेयर सौम्या गुर्जर निचली अदालत में पेश हुई. सौम्या की ओर से एसीएमएम कोर्ट क्रम-8 में पेश होकर जमानत-मुचलके भरे गए.
गौरतलब है कि ग्रेटर निगम के तत्कालीन आयुक्त यज्ञमित्र देव सिंह ने ज्योति नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि बैठक के दौरान मेयर सौम्या गुर्जर ने उसके साथ अभद्रता की और पार्षदों ने धक्का-मुक्की और मारपीट की. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने मेयर सहित चार पार्षदों अजय सिंह, चौहान, पारस जैन, शंकर शर्मा और रामकिशोर प्रजापत के खिलाफ 30 जून, 2021 को आरोप पत्र पेश किया था. जिस पर सुनवाई करते हुए निचली अदालत ने सौम्या गुर्जर का आरोप मुक्त कर दिया था.
कोर्ट के इस आदेश को यज्ञमिज्ञ और राज्य सरकार ने रिवीजन याचिका पेश कर चुनौती दी थी. रिवीजन याचिका में यज्ञमित्र सिंह ने कहा कि 4 जून, 2021 को कोई मीटिंग निर्धारित नहीं थी. इसके अलावा आरोपी पार्षद किसी ऐसी कमेटी के सदस्य भी नहीं थे, जिसका संबंध सफाई व्यवस्था से हो. इसके बावजूद सौम्या गुर्जर की ओर से बार-बार व्यक्ति भेजकर तत्कालीन आयुक्त यज्ञमित्र सिंह को अपने कक्ष में बुलाया गया. जहां आरोपी पार्षद पहले से मौजूद थे. जिससे उनका आपराधिक षड्यंत्र साबित है. इसके बावजूद ट्रायल कोर्ट ने इसके विपरीत सौम्या को आपराधिक षड्यंत्र के आरोप मुक्त कर दिया.
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तत्कालीन आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव के साथ अभद्रता हुई थी. ऐसे में मेयर सौम्या को आरोप मुक्त करने का फैसला गलत है. वहीं राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि पुलिस ने सौम्या गुर्जर के खिलाफ अपराध प्रमाणित मानकर आरोप पत्र पेश किया था, लेकिन निचली अदालत ने सौम्या को गलत तरीके से आरोप मुक्त कर दिया. ऐसे में निचली अदालत के आदेश को निरस्त किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एडीजे कोर्ट ने निचली अदालत के आदेश को निरस्त करते हुए निचली अदालत को मामले की पुनः सुनवाई करने को कहा था.