जयपुर. एक ओर प्रदेश में पेपर लीक प्रकरण के खिलाफ विपक्षी पार्टियों ने मोर्चा खोल राज्य की गहलोत सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी हैं तो दूसरी ओर गोविंद सिंह डोटासरा ने इस मसले पर एक अजीब बयान दिया है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जब गाड़ी चलाते हैं तो एक्सीडेंट भी होता है, उसी तरह से जब परीक्षाएं करवाते हैं तो पर्चे भी लीक होते हैं. उन्होंने कहा कि अगर गाड़ी एक्सीडेंट हो जाए तो क्या गाड़ी चलाना छोड़ देते हैं. एक-दो पेपर आउट हो गए तो क्या युवाओं को नौकरी नहीं दें? खैर, डोटासरा का ये बयान ऐसे समय पर आया है, जब सरकार को सदन के अंदर और बाहर विरोध का सामना करना पड़ रहा है.
वहीं, विपक्ष के इतर गहलोत सरकार के कई मंत्री और विधायक भी इस मसले पर लगातार बयानबाजी कर अपनी ही सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा कर रहे हैं. दरअसल, हाथ से हाथ जोड़ो अभियान के तहत जमवारामगढ़ में आयोजित कार्यकर्ताओं की बैठक को डोटासरा संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने पेपर लीक प्रकरण पर ये बयान दिया और कहा कि मामले में कार्रवाई भी हो गई है. साथ ही आरोपियों को जेल भी भेज दिया गया है.
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योगी को किया याद: आगे उन्होंने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का जिक्र करते हुए कहा कि वो मुर्गा बनाते हैं और फिर बुलडोजर चलाते हैं, लेकिन योगी के बुलडोजर की चर्चा होती है और हमारे बुलडोजर की नहीं. जबकि वो गरीबों पर बुलडोजर चलाते हैं और हम अपराधियों पर. लेकिन भाजपा वाले केवल सीबीआई जांच का हल्ला कर रहे हैं, क्योंकि वो चाहते हैं कि एक बार सीबीआई को जांच सौंप दी जाए तो भर्तियां अटक जाए और सरकार नौजवानों को नौकरियां नहीं दे सके. डोटासरा ने कहा कि सीबीआई भाजपा वालों की नानी और ईडी मौसी लगती है, लेकिन उन्हें ईडी और सीबीआई से डर नहीं लगता है.
भाजपा पर प्रहार: पीसीसी चीफ यही नहीं रुके उन्होंने आगे कहा कि भाजपा के नेता चाहे वो किरोड़ी लाल मीणा हो, सतीश पूनिया हो या फिर राजेंद्र सिंह राठौड़. ये लोग सीबीआई और ईडी के नाम से डराते हैं. कहते हैं ईडी आ रही है, सीबीआई आ रही है, लेकिन मैं कहता हूं कि अगर सीबीआई भाजपा वालों की नानी लगती है और ईडी अगर इनकी मौसी लगती है तो ले आओ. वैसे इनके कहने से आता कोई भी नहीं है. डोटासरा ने कहा कि ये नेता कभी मेरा नाम लेते हैं तो कभी बीडी कल्ला का, लेकिन वो इनकी सीबीआई और ईडी से नहीं डरते हैं.
भाजपा कर रही खौफ की सियासत: डोटासरा ने भाजपा नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग केवल खौफ के बूते सत्ता की गणित साधते हैं. उन्होंने कहा कि जिन कांग्रेसी नेताओं ने अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी, वो इन झूठे लोगों से भला कैसे डर सकते हैं. आज प्रदेश में भाजपा की सियासी स्थिति दयनीय है, क्योंकि पार्टी के नेताओं के पास हमारे खिलाफ कोई ठोस मुद्दा ही नहीं है.
भाजपा नूराकुश्ती में मशगूल: डोटासरा ने एक बार फिर जयपुर नगर निगम रिश्वत मामले को उठा भाजपा की मुश्किलें बढ़ाने की कोशिश की है. उन्होंने कहा कि ये भाजपा के नेता हमारे ऊपर आरोप लगाते हैं, जबकि रिश्वत लेते हुए वीडियो आरएसएस के नेताओं के वायरल होते हैं. उन्होंने कहा कि आरएसएस में अजीब रिवाज है कि 18 साल के लड़के को 80 साल का व्यक्ति भाई साहब कहकर सलाम करता है. जबकि हमारे यहां 18 साल का युवा 80 साल के व्यक्ति को प्रणाम करता है. हम ऐसी मानसिकता वाले आरएसएस के लोगों को अपनी पार्टी में कभी शामिल नहीं कर सकते हैं. उन्होंने आगे कहा कि भाजपा में जो नूराकुश्ती चल रही है, उस पर अगर कोई किताब लिखे तो 400 पेज भी कम पड़ जाए.
कटारिया पर बोले डोटासरा: डोटासरा ने कहा कि इनके वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री नंदलाल मीणा का एक वीडियो सामने आया, जिसमें वो कह रहे थे कि गुलाबचंद कटारिया का कोई गुट नहीं है. वो तो मूर्ख व्यक्ति हैं. कटारिया कांग्रेस से मिले हुए हैं, लेकिन हकीकत यह है कि गुलाबचंद कटारिया कांग्रेस से मिले नहीं हैं, बल्कि उन्हें सवा 4 साल में कांग्रेस के खिलाफ कोई मुद्दा ही नहीं मिला. लिहाजा वो कांग्रेस की नीतियों का विरोध नहीं कर सके.
सांसद तो छुई-मुई हो गए: जिस जमवारामगढ़ विधानसभा में डोटासरा कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे, वो जयपुर ग्रामीण लोकसभा का हिस्सा है. डोटासरा ने अपने संबोधन में यहां के सांसद कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ पर निशाना साधा और कहा कि सांसद तो जीतने के बाद यहां आए ही नहीं. सांसद तो छुई-मुई हो गए हैं. खैर, बेचारे के साथ भी अन्याय हुआ है. पहले मंत्री बनाए गए थे और अब संत्री के लायक भी नहीं छोड़ा है.