जयपुर. राजस्थान चुनावी साल में प्रवेश कर चुका है. इसी साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में सियासी पार्टियां अपनी-अपनी तैयारियों में जुट गई है. लेकिन राज्य की सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस में समय पर सियासी नियुक्तियां न होने से स्थानीय नेता व कार्यकर्ता नाराज हैं. ऐसे में उनकी नाराजगी को दूर करने और अंतिम के छह माह में छोटी-मोटी नियुक्तियों के बदौलत पार्टी एक बार फिर से चुनावी माहौल बनाने में जुट गई है. इसको लेकर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी खासा सक्रिय हो गए हैं. वो स्थानीय स्तर पर संगठन में पद देकर स्थानीय नेता व कार्यकर्ताओं को मान सम्मान देने की रणनीति पर काम शुरू कर दिए हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि डोटासरा के दिमाग में फिलहाल चुनावी तैयारी चल रही है. जिसे ध्यान में रखते हुए वो प्रदेश, जिला के साथ ही बूथ मैनेजमेंट फॉर्मूले को संगठन नियुक्ति कार्ड के जरिए साधने की फिराक में जुट गए हैं.
कांग्रेस का बूथ मैनेजमेंट प्लान - यही वजह है कि पार्टी अब बूथ स्तर पर कार्यकर्ताओं को पद देने की दिशा में अग्रसर है और इसको लेकर काफी हद तक तैयारियां भी कर ली गई है. ऐसा इसलिए भी जरूरी है, क्योंकि कांग्रेस को जीत के लिए कार्यकर्ताओं की जरूरत है, जो बूथ स्तर पर पार्टी को मजबूत करने के साथ ही खून पसीना बहाकर वोटरों को मतदान केंद्र तक लाने का काम करेंगे. अगर कांग्रेस की ये रणनीति कामयाब होती है तो फिर जमीनी स्तर पर मजबूती के साथ ही स्थानीय पदाधिकारी अपने प्रत्याशियों को जीताने के लिए एड़ी चोटी का दम लगा देंगे.
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पद से परिवार को साधने की तैयारी - सल में कांग्रेस प्रदेश में 9 लाख नए पदाधिकारी बनाने की तैयारी में है. वहीं, राजस्थान की 7 करोड़ आबादी में से करीब तीन से चार करोड़ मतदाता हैं. जबकि उसकी करीब 3 फीसदी आबादी को पार्टी पदाधिकारी बनाकर अपने साथ पूरी तरीके से जोड़ने की दिशा में आगे बढ़ रही है. ऐसे में जो कार्यकर्ता किसी भी कारण से कांग्रेस से नाराज हैं, उन्हें पद और मान सम्मान देकर मनाने की रणनीति बनाई गई है. वहीं, अब तक जो व्यक्ति कांग्रेस कार्यकर्ता बनकर बिना किसी सम्मान के कांग्रेस का झंडा उठा रहा था, उसे पदाधिकारी बनाकर अपने साथ जोड़ने के अलावा उसके परिवार के वोट को भी अपने पक्ष में करने की तैयारी की जा रही है. इधर, इस अभियान के जरिए कांग्रेस सीधे-सीधे करीब 40 लाख वोटर्स पर असर डालने का प्रयास कर रही है.
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अगले माह तक मिल जाएंगे 9 लाख पदाधिकारी - ऐसा नहीं है कि कांग्रेस पार्टी अब यह पदाधिकारी बनाने की शुरुआत करेगी, बल्कि इसकी शुरुआत हो चुकी है. 400 में से 363 ब्लॉक अध्यक्ष और करीब डेढ़ सौ ब्लॉक की कार्यकारिणी, 2200 में से 1729 मंडल कांग्रेस अध्यक्ष और करीब 800 मंडल कांग्रेस की कार्यकारिणी तैयार हो चुकी है. यही हाल बूथ और ग्राम पंचायत का भी है. जिनके आधे से ज्यादा पदाधिकारी बन चुके हैं. हालांकि, अभी प्रदेश कांग्रेस संगठन के 42 जिला कांग्रेस कमेटी में से 8 जिला अध्यक्ष और उनकी कार्यकारिणी ही बनी है. बाकी बचे 34 जिला अध्यक्ष और उनकी कार्यकारिणीया बनाया जाना शेष है. ऐसे में यह कहा जा सकता है कि कांग्रेस पार्टी जो सरकार रिपीट करवाने के लिए चुनाव की रणभेरी बजा चुकी है, अगले एक माह में उसे चुनावी युद्ध लड़ने के लिए 9 लाख नए सेनापति मिल जाएंगे.
पदाधिकारियों का पहला टास्क महंगाई राहत कैंप - राजस्थान की गहलोत सरकार 24 अप्रैल से प्रदेश में महंगाई राहत कैंप लगाने जा रही है. वहीं, नए बने करीब 3.50 लाख पदाधिकारियों को पहला टास्क आम जनता को महंगाई राहत कैंप से जोड़ने और उनका रजिस्ट्रेशन कराने की दी गई है. इसके लिए पार्टी ने इन पदाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वो महंगाई बचत राहत कैंप में आम लोगों के बैठने, पानी और छाव की व्यवस्था करने के साथ ही उन्हें रजिस्ट्रेशन करवाने में सहायता करें. इसके अलावा कांग्रेस ने सभी 27 से ज्यादा कैंपों में प्रभारी नियुक्त कर दिए हैं और प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में भी 11 सदस्यों का कंट्रोल रूम बनाया गया है.