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जयपुर: 50 साल पुराने परकोटे के बिल्डिंग बायलॉज बदलने जा रही सरकार

अपनी विरासत के लिए पूरी दुनिया में मशहूर गुलाबी नगरी के परकोटे में बिल्डिंग बायलॉज को बदला जा रहा है. यूनेस्को की ओर से परकोटे को वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल करने के बाद तकरीबन 50 साल में पहली बार ये कदम उठाया जा रहा है. यूनेस्को के नए नियमों के तहत सिटी को भवन विनियम बनाने के चलते बायलॉज बदले जाएंगे.

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Published : Sep 18, 2019, 3:03 AM IST

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जयपुर. जिले के परकोटे में यूनेस्को के नए नियमों के तहत बिल्डिंग बायलॉज को बदला जा रहा है. यह कदम 50 साल में पहली बार उठाया जा रहा है. परकोटे में अवैध निर्माणों पर अंकुश लगाने के साथ ही हेरिटेज लुक को संरक्षित करने के नजरिए से यह कदम उठाया जा रहा है.

परकोटे में बदला जा रहे बिल्डिंग बायलॉज

बता दें कि मौजूदा समय में जयपुर की गलियां तंग हो चुकी हैं. परकोटा क्षेत्र में अवैध रूप से इमारतें बन रही हैं. जो शहर के हेरिटेज लुक को नुकसान पहुंचा रही हैं. शहर के हैरिटेज लुक को बनाए रखने के लिए सरकार के पास ना तो पर्याप्त संसाधन है. ना ही इसके लिए कोई सख्त कानून. शहर में अवैध निर्माण रोकने और शहर की विरासत बनाए रखने वाले कानून में 1970 के बाद कोई बदलाव नहीं किया गया. इसी का नतीजा रहा कि आज चारदीवारी की ऐतिहासिक साख पर कई कलंक लगे हुए.

वहीं यूडीएच विभाग की ओर से जल्द ही सरकारी मंजूरी के साथ परकोटे में नए बिल्डिंग बायलॉज लागू होंगे. इस संबंध में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने भी साफ किया कि चारदीवारी के बिल्डिंग बायलॉज को बदला जा रहा है. यूनेस्को की ओर से परकोटे को विरासत में शामिल किया गया है ऐसे में बायलॉज दोबारा बनाए जा रहे हैं.

पढ़ें: राजस्थान में बालक-बालिकाओं के संरक्षण और विकास के लिए अलग से बनेगा चाइल्ड बजट

बताया जा रहा कि विश्व धरोहर संरक्षण नियमों के तहत बिल्डिंग बायलॉज पहले से सख्त होंगे. जिसमें सभी मकानों के फसाड़ एक जैसे रखने होंगे. तो वहीं एक तय सीमा से ज्यादा ऊंचे मकान प्रतिबंधित होंगे. साथ ही रास्तों को भी अतिक्रमण मुक्त किया जाएगा. माना जा सकता है कि नए बिल्डिंग बायलॉज लागू होने के बाद जयपुर का पुराना वैभव भी दोबारा लौटेगा.

जयपुर. जिले के परकोटे में यूनेस्को के नए नियमों के तहत बिल्डिंग बायलॉज को बदला जा रहा है. यह कदम 50 साल में पहली बार उठाया जा रहा है. परकोटे में अवैध निर्माणों पर अंकुश लगाने के साथ ही हेरिटेज लुक को संरक्षित करने के नजरिए से यह कदम उठाया जा रहा है.

परकोटे में बदला जा रहे बिल्डिंग बायलॉज

बता दें कि मौजूदा समय में जयपुर की गलियां तंग हो चुकी हैं. परकोटा क्षेत्र में अवैध रूप से इमारतें बन रही हैं. जो शहर के हेरिटेज लुक को नुकसान पहुंचा रही हैं. शहर के हैरिटेज लुक को बनाए रखने के लिए सरकार के पास ना तो पर्याप्त संसाधन है. ना ही इसके लिए कोई सख्त कानून. शहर में अवैध निर्माण रोकने और शहर की विरासत बनाए रखने वाले कानून में 1970 के बाद कोई बदलाव नहीं किया गया. इसी का नतीजा रहा कि आज चारदीवारी की ऐतिहासिक साख पर कई कलंक लगे हुए.

वहीं यूडीएच विभाग की ओर से जल्द ही सरकारी मंजूरी के साथ परकोटे में नए बिल्डिंग बायलॉज लागू होंगे. इस संबंध में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने भी साफ किया कि चारदीवारी के बिल्डिंग बायलॉज को बदला जा रहा है. यूनेस्को की ओर से परकोटे को विरासत में शामिल किया गया है ऐसे में बायलॉज दोबारा बनाए जा रहे हैं.

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बताया जा रहा कि विश्व धरोहर संरक्षण नियमों के तहत बिल्डिंग बायलॉज पहले से सख्त होंगे. जिसमें सभी मकानों के फसाड़ एक जैसे रखने होंगे. तो वहीं एक तय सीमा से ज्यादा ऊंचे मकान प्रतिबंधित होंगे. साथ ही रास्तों को भी अतिक्रमण मुक्त किया जाएगा. माना जा सकता है कि नए बिल्डिंग बायलॉज लागू होने के बाद जयपुर का पुराना वैभव भी दोबारा लौटेगा.

Intro:जयपुर - अपनी विरासत के लिए पूरी दुनिया में मशहूर गुलाबी नगरी के परकोटे क्षेत्र के बिल्डिंग बायलॉज को बदला जा रहा है। यूनेस्को की ओर से परकोटे को वर्ल्ड हेरिटेज में शामिल करने के बाद तकरीबन 50 साल में पहली बार ये कदम उठाया जा रहा है। यूनेस्को के नए नियमों के तहत सिटी को भवन विनियम बनाने की गाइडलाइन के तहत बायलॉज बदले जाएंगे।


Body:1727 में बसाए गए जयपुर के हेरिटेज लुक की पूरी दुनिया मुरीद है। विदेशों से आने वाले सैलानी इसकी तारीफ करते नहीं थकते।लेकिन आज जयपुर की गलियां तंग हो चुकी हैं। परकोटा क्षेत्र में अवैध रूप से इमारतें बन रही है जो शहर के हेरिटेज लुक को नुकसान पहुंचा रही हैं। शहर के हैरिटेज लुक को बनाए रखने के लिए सरकार के पास ना तो पर्याप्त संसाधन है। और ना ही इसके लिए कोई सख्त कानून। शहर में अवैध निर्माण रोकने और शहर की विरासत बनाए रखने वाले कानून में 1970 के बाद कोई बदलाव नहीं किया गया। इसी का नतीजा रहा कि आज चारदीवारी की ऐतिहासिक साख पर कई कलंक लगे हुये हैं।हालांकि अब राज्य सरकार परकोटा में सख्ती के लिहाज से बिल्डिंग बायलॉज तैयार करवा रही है। ताकि परकोटे में अवैध निर्माणों पर अंकुश लगाने के साथ ही हेरिटेज लुक को संरक्षित किया जा सके। यूडीएच विभाग की ओर से जल्द ही सरकारी मंजूरी के साथ परकोटे में नए बिल्डिंग बायलॉज लागू होंगे। इस संबंध में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने भी साफ किया कि चारदीवारी के बिल्डिंग बायलॉज को बदला जा रहा है। यूनेस्को की ओर से परकोटे को विरासत में शामिल किया गया है ऐसे में बायलॉज दोबारा बनाए जा रहे हैं।
बाईट - शांति धारीवाल, यूडीएच मंत्री


Conclusion:विश्व धरोहर संरक्षण नियमों के तहत बिल्डिंग बायलॉज पहले से सख्त होंगे। जिसमें सभी मकानों के फसाड़ एक जैसे रखने होंगे तो वहीं एक तय सीमा से ज्यादा ऊंचे मकान प्रतिबंधित होंगे और रास्तों को भी अतिक्रमण मुक्त किया जाएगा। माना जा सकता है कि नए बिल्डिंग बायलॉज लागू होने के बाद जयपुर का पुराना वैभव भी दोबारा लौटेगा।
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