जयपुर. जिलें में चल रही सरकार की महत्वपूर्ण फ्लैगशिप योजनाओं और विकास कार्यों की मॉनिटरिंग के लिए सरकार कि ओर से सभी जिला प्रभारी सचिवों के निर्देश जारी किए गए हैं. विधानसभा सत्र से पहले जिला प्रभारी सचिवों को प्रभारी मंत्रियों के साथ अपने क्षेत्र में दौरा करना है. महीने में कम से कम तीन दिवसीय दौरे करने के निर्देश जारी किए गए है. जिसमें रात को सत्र में ग्रामीणों के साथ रहना होगा.
सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ अंतिम छोर पर बैठे युवक को कितना मिल पा रहा है और कितना नहीं, उसको लेकर अब सरकार ने अपने जिला प्रभारी सचिवों को दिशा निर्देश दिए हैं. सरकार की तरफ से जारी आदेश के अनुसार जिला सचिवों को प्रभारी मंत्रियों के साथ जिले में दौरा करना होगा. 3 दिन तक वहां रहकर यह देखना होगा कि सरकार की योजनाओं का लाभ उनको कितना मिल रहा है. प्रशासन सुधार विभाग ने कहा कि सभी जिला प्रभारी सचिव विधानसभा सत्र से पहले जिलों का एक-एक दौरा सुनिश्चित करेंगे.
जिला प्रभारी सचिवों के लिए दिशा निर्देश -
-सरकार की जिलों में चल रही फ्लैगशिप योजनाओं की समीक्षा करें.
- प्रभार वाले जिलों में बजट घोषणाओं, मुख्यमंत्री घोषणाओं, राज्य सरकार की दिशा निर्देशों की समीक्षा करें.
-इसकी समीक्षा रिपोर्ट महीने में एक बार मुख्य सचिव अध्यक्ष मुख्य सचिव प्रशासनिक सुधार विभाग को पेश करें.
-प्रभावकारी ढंग से पानी बिजली चिकित्सा खाद्य सुरक्षा की समीक्षा करें.
-संपर्क पोर्टल पर मिल रही शिकायतों की समीक्षा करें.
-एसडीओ लेवल पर की जा रही जन सुनवाई की रिंग करें.
-प्रभारी सचिव दौरे से पहले संबंधित कलेक्टर को आवश्यक रूप से सूचना दें.
-प्रभारी सचिव तीन दिवसीय दौरा करें. दौरे के दौरान प्रभारी सचिव प्रभारी मंत्रियों के साथ में रात में भी क्षेत्र में विश्राम करें और सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा करें.
सभी जिला प्रभारी सचिवों को महीने में एक-एक बार मुख्यमंत्री के सामने होने वाली ब्रीफिंग स्टेशन में भी जिले की रिपोर्ट रखनी होगी. यह वह रिपोर्टों की जो प्रभारी सचिव अपने क्षेत्र में तीन दिवसीय दौरे के दौरान समीक्षा करके तैयार करेंगे. इस सब के पीछे सरकार की कोशिश है कि जो सरकार की तरफ से जनकल्याणकारी योजनाएं आम जनता के लिए लागू की जा रही है उसका फायदा गांव ढाणी के अंतिम छोर पर बैठे युवक को मिले.