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अगले हफ्ते से जयपुर में भी मिलेगा बकरी का दूध

नवजात बच्चों के लिए बेहद फायदेमंद बकरी का दूध अगले हफ्ते से जयपुर में भी मिल सकेगा.

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Published : May 20, 2019, 9:37 PM IST

अगले हफ्ते से जयपुर में भी बकरी का दूध मिलेगा

जयपुर. लेक सिटी उदयपुर के बाद अब पिंक सिटी जयपुर में भी बकरी का दूध मिलने लगेगा. माना जा रहा है कि अगले हफ्ते से उदयपुर से मंगाया हुआ बकरी का दूध जयपुर में मिलना शुरू हो जाएगा. दरअसल, गाय और भैंस के दूध के साथ ही बकरी की दूध में भी औषधीय गुण होते हैं, इसीलिए उदयपुर डेयरी ने इसकी प्रोसेसिंग शुरू कर दी है और वहां लोगों को बकरी का दूध उपलब्ध कराया जा रहा है.

कई कंपनियां ई-कॉमर्स के माध्यम से इस दूध के कई गुना दाम भी वसूल कर रही हैं, जबकि उदयपुर डेयरी द्वारा जयपुर के सहकार मसाला मेले में बकरी का दूध 25 रुपये प्रति 200 मिलीलीटर लोगों को उपलब्ध कराया जा रहा है. ई कामर्स कंपनियां इसी दूध के 145 रुपये वसूल रही हैं.

कानफेड के प्रबंध निदेशक हैं संजय गर्ग
उदयपुर डेयरी की असिस्टेन्ट रजिस्टार लोकेश जोशी ने बताया कि मां के दूध के बाद बकरी का दूध बच्चे के लिए बहुत लाभदायक होता है. इसलिए जिन नवजात की माताओं को दूध नहीं आता है. उन नवजात के लिए बकरी का दूध सर्वश्रेष्ठ माना जाता है और डॉक्टर भी नवजात के लिए बकरी का दूध पीने के लिए बताते हैं. उन्होंने बताया कि उदयपुर के कुछ अस्पतालों में बकरी की दूध की सप्लाई की जा रही है.

इन रोगों में भी है लाभदायक
हड्डियों को मजबूत करने में भी बकरी का दूध फायदेमंद होता है इसके अलावा वजन कम करने, एनीमिया रोग के उपचार, स्किन रोग आदि के लिए भी डॉक्टर बकरी का दूध पीने की सलाह देते हैं. बकरी के दूध से पाचन शक्ति और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है. उदयपुर कलेक्टर आनंदी की पहल पर उदयपुर डेयरी ने बकरी के दूध का उत्पादन शुरू किया. लोकेश जोशी ने बताया यह बकरी का दूध ट्राइबल बेल्ट में चरने वाली बकरी का दूध है और यह बकरी उस इलाके में कई तरह की वनस्पतियों को भी खाती है. इसलिए इन बकरियों की दूध में औषधीय गुण ज्यादा होते हैं. लोकेश जोशी ने बताया कि जिन लोगो को वातावरण बदलने से सर्दी जुखाम जैसी समस्या होती है, उनको भी बकरी के दूध से फायदा होता है.

उदयपुर कलेक्टर ने किया प्रेरित
लोकेश जोशी ने बताया कि उदयपुर डेयरी ने बकरी के दूध को बेचने का काम उदयपुर कलेक्टर आनंदी की प्रेरणा से शुरू किया गया है. इसमें पशुपालन और राजीविका मिशन का भी बड़ा सहयोग रहा है. राजीविका मिशन ने ट्राइबल क्षेत्र की महिलाओं को बकरी पालन के साथ बकरी के दूध का भी व्यसायिक उत्पादन के लिए प्रेरित किया.

अगले हफ्ते से जयपुर में भी बकरी का दूध मिलेगा

झाड़ोल के गांव माकडादेव से शुरू हुआ था काम
राजीविका मिशन के स्वयं सहायता समूह ने ट्राइबल क्षेत्र की महिलाओं को प्रेरित किया. झाड़ोल के गांव माकडा देव से इसकी शुरुआत हुई. पहले 15 से 20 महिलाएं इस से जुड़ी थी. अब इन महिलाओं की संख्या बढ़कर 400 से 500 हो गई है. लोकेश जोशी ने बताया कि मसाला मेले में बकरी के दूध लोग भारी मात्रा में खरीद रहे है. यह 25 रुपये में 200 मिलीलीटर दूध दिया जा रहा है. बोतल में पैक करने से पहले बकरी के दूध को कीटाणु रहित किया जाता है.

अगले हफ्ते से जयपुर में भी मिलेगा बकरी का दूध
कानफेड के एमडी संजय गर्ग ने बताया कि अगले हफ्ते से उदयपुर डेयरी की सहायता से जयपुर डेयरी के माध्यम से यहां के लोगों को भी बकरी का दूध उपलब्ध कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह पैकिंग खोलने की 24 घंटे में इस दूध का उपयोग करना जरूरी होता है और पैक दूध को पैकिंग की तारीख से 1 महीने के भीतर काम में लिया जा सकता है. बकरी का दूध नवजात शिशु के लिए फायदेमंद होता है.

जयपुर. लेक सिटी उदयपुर के बाद अब पिंक सिटी जयपुर में भी बकरी का दूध मिलने लगेगा. माना जा रहा है कि अगले हफ्ते से उदयपुर से मंगाया हुआ बकरी का दूध जयपुर में मिलना शुरू हो जाएगा. दरअसल, गाय और भैंस के दूध के साथ ही बकरी की दूध में भी औषधीय गुण होते हैं, इसीलिए उदयपुर डेयरी ने इसकी प्रोसेसिंग शुरू कर दी है और वहां लोगों को बकरी का दूध उपलब्ध कराया जा रहा है.

कई कंपनियां ई-कॉमर्स के माध्यम से इस दूध के कई गुना दाम भी वसूल कर रही हैं, जबकि उदयपुर डेयरी द्वारा जयपुर के सहकार मसाला मेले में बकरी का दूध 25 रुपये प्रति 200 मिलीलीटर लोगों को उपलब्ध कराया जा रहा है. ई कामर्स कंपनियां इसी दूध के 145 रुपये वसूल रही हैं.

कानफेड के प्रबंध निदेशक हैं संजय गर्ग
उदयपुर डेयरी की असिस्टेन्ट रजिस्टार लोकेश जोशी ने बताया कि मां के दूध के बाद बकरी का दूध बच्चे के लिए बहुत लाभदायक होता है. इसलिए जिन नवजात की माताओं को दूध नहीं आता है. उन नवजात के लिए बकरी का दूध सर्वश्रेष्ठ माना जाता है और डॉक्टर भी नवजात के लिए बकरी का दूध पीने के लिए बताते हैं. उन्होंने बताया कि उदयपुर के कुछ अस्पतालों में बकरी की दूध की सप्लाई की जा रही है.

इन रोगों में भी है लाभदायक
हड्डियों को मजबूत करने में भी बकरी का दूध फायदेमंद होता है इसके अलावा वजन कम करने, एनीमिया रोग के उपचार, स्किन रोग आदि के लिए भी डॉक्टर बकरी का दूध पीने की सलाह देते हैं. बकरी के दूध से पाचन शक्ति और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है. उदयपुर कलेक्टर आनंदी की पहल पर उदयपुर डेयरी ने बकरी के दूध का उत्पादन शुरू किया. लोकेश जोशी ने बताया यह बकरी का दूध ट्राइबल बेल्ट में चरने वाली बकरी का दूध है और यह बकरी उस इलाके में कई तरह की वनस्पतियों को भी खाती है. इसलिए इन बकरियों की दूध में औषधीय गुण ज्यादा होते हैं. लोकेश जोशी ने बताया कि जिन लोगो को वातावरण बदलने से सर्दी जुखाम जैसी समस्या होती है, उनको भी बकरी के दूध से फायदा होता है.

उदयपुर कलेक्टर ने किया प्रेरित
लोकेश जोशी ने बताया कि उदयपुर डेयरी ने बकरी के दूध को बेचने का काम उदयपुर कलेक्टर आनंदी की प्रेरणा से शुरू किया गया है. इसमें पशुपालन और राजीविका मिशन का भी बड़ा सहयोग रहा है. राजीविका मिशन ने ट्राइबल क्षेत्र की महिलाओं को बकरी पालन के साथ बकरी के दूध का भी व्यसायिक उत्पादन के लिए प्रेरित किया.

अगले हफ्ते से जयपुर में भी बकरी का दूध मिलेगा

झाड़ोल के गांव माकडादेव से शुरू हुआ था काम
राजीविका मिशन के स्वयं सहायता समूह ने ट्राइबल क्षेत्र की महिलाओं को प्रेरित किया. झाड़ोल के गांव माकडा देव से इसकी शुरुआत हुई. पहले 15 से 20 महिलाएं इस से जुड़ी थी. अब इन महिलाओं की संख्या बढ़कर 400 से 500 हो गई है. लोकेश जोशी ने बताया कि मसाला मेले में बकरी के दूध लोग भारी मात्रा में खरीद रहे है. यह 25 रुपये में 200 मिलीलीटर दूध दिया जा रहा है. बोतल में पैक करने से पहले बकरी के दूध को कीटाणु रहित किया जाता है.

अगले हफ्ते से जयपुर में भी मिलेगा बकरी का दूध
कानफेड के एमडी संजय गर्ग ने बताया कि अगले हफ्ते से उदयपुर डेयरी की सहायता से जयपुर डेयरी के माध्यम से यहां के लोगों को भी बकरी का दूध उपलब्ध कराया जाएगा. उन्होंने कहा कि यह पैकिंग खोलने की 24 घंटे में इस दूध का उपयोग करना जरूरी होता है और पैक दूध को पैकिंग की तारीख से 1 महीने के भीतर काम में लिया जा सकता है. बकरी का दूध नवजात शिशु के लिए फायदेमंद होता है.

Intro:जयपुर। लेक सिटी उदयपुर के बाद अब पिंक सिटी जयपुर में भी बकरी का दूध मिलने लगेगा। माना जा रहा है कि अगले हफ्ते से उदयपुर से मंगाया हुआ बकरी का दूध जयपुर में मिलना शुरू हो जाएगा। गाय और भैंस के दूध के बाद बकरी की दूध में भी औषधीय गुण होते हैं इसीलिए उदयपुर डेयरी ने इसके प्रोसेसिंग शुरू कर दी है और वहां लोगों को बकरी का दूध उपलब्ध कराया जा रहा है। कई कंपनियां तो ई-कॉमर्स के माध्यम से इस दूध के कई गुना दाम भी वसूल कर रही है। जबकि उदयपुर डेयरी द्वारा जयपुर के सहकार मसाला मेले में बकरी का दूध 25 रुपये प्रति 200 मिलीलीटर लोगों को उपलब्ध कराया जा रहा है। ई कामर्स कंपनीया इसी दूध के 145 रुपये वसूल कर रही हो।

बाईट 1. उदयपुर डेयरी के अतिरिक्त रजिस्टार लोकेश जोशी
कॉन्फेड के प्रबंध निदेशक संजय गर्ग


Body:उदयपुर डेयरी की असिस्टेन्ट रजिस्टार लोकेश जोशी ने बताया कि मां के दूध के बाद बकरी का दूध बच्चे के लिए बहुत लाभदायक होता है। इसलिए जिन नवजात की माताओं को दूध नहीं आता है उन नवजात के लिए बकरी का दूध सर्वश्रेष्ठ माना जाता है और डॉक्टर भी नवजात के लिए बकरी का दूध पीने के लिए बताते हैं। उन्होंने बताया कि इस उदयपुर के जनाना अस्पतालों में बकरी की दूध की सप्लाई की जा रही है।

इन रोगों में भी है लाभदायक-
हड्डियों को मजबूत करने में भी बकरी का दूध फायदेमंद होता है इसके अलावा वजन कम करने, एनीमिया रोग के उपचार, स्किन रोग आदि के लिए भी डॉक्टर बकरी का दूध पीने की सलाह देते हैं। बकरी के दूध से पाचन शक्ति और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है उदयपुर कलेक्टर आनंदी की पहल पर उदयपुर डेयरी ने बकरी के दूध का उत्पादन शुरू किया। लोकेश जोशी ने बताया यह बकरी का दूध ट्राइबल बेल्ट में चरने वाली बकरी का दूध है और यह बकरी उस इलाके में कई तरह की वनस्पतियों को भी खाती है इसलिए इन बकरियों की दूध में औषधीय गुण ज्यादा होते हैं।


Conclusion:लोकेश जोशी ने बताया कि जिन लोगो को वातावरण बदलने से सर्दी जुखाम जैसी समस्या होती है, उनको भी बकरी के दूध से फायदा होता है।

उदयपुर कलेक्टर ने किया प्रेरित-
लोकेश जोशी ने बताया कि उदयपुर डेयरी ने बकरी के दूध को बेचने का काम उदयपुर कलेक्टर आनंदी की प्रेरणा से शुरू किया गया है। इसमें पशुपालन और राजीविका मिशन का भी बड़ा सहयोग रहा है। राजीविका मिशन ने ट्राइबल क्षेत्र की महिलाओं को बकरी पालन के साथ बकरी के दूध का भी व्यसायिक उत्पादन के लिए प्रेरित किया।

झाड़ोल के गाँव माकडादेव से शुरू हुआ था काम-
राजीविका मिशन के स्वयं सहायता समूह ने ट्राइबल क्षेत्र की महिलाओं को प्रेरित किया। झाड़ोल के गाँव माकडा देव से इसकी शुरुआत हुई। पहले 15 से 20 महिलाएं इस से जुड़ी थी अब इन महिलाओं की संख्या बढ़कर चार सौ से पांच सौ हो गयी है।लोकेश जोशी ने बताया कि मसाला मेले में बकरी के दूध लोग भारी मात्रा में खरीद रहे है। यह 25 रुपये में 200 मिलीलीटर दूध दिया जा रहा है। बोतल में पैक करने से पहले बकरी के दूध को कीटाणु रहित किया जाता है।

अगले हफ्ते से जयपुर में भी मिलेगा बकरी का दूध-
कानफेड के एमडी संजय गर्ग ने बताया कि अगले हफ्ते से उदयपुर डेयरी की सहायता से जयपुर डेयरी के माध्यम से यहाँ के लोगों को भी बकरी का दूध उपलब्ध कराया जाएगा उन्होंने कहा यह पैकिंग खोलने की 24 घंटे में इस दूध का उपयोग करना जरूरी होता है और पैक दूध को पैकिंग की तारीख से 1 महीने के भीतर काम में लिया जा सकता है। बकरी का दूध नवजात शिशु के लिए फायदेमंद होता है और उन नवजात को दिया जाता है उनकी माताओं के दूध नहीं आता है।

बाइट 1. असिस्टेन्ट रजिस्टार लोकेश जोशी

2. प्रबंध निदेशक कॉनफेड, संजय गर्ग
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