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Mission 2023 and Gehlot: आज से जनता की नब्ज टटोलेंगे गहलोत के मंत्री

आज से गहलोत के मंत्री प्रभारी जिलों में होगे (Gehlot Ministers on Toes). जन घोषणा और पूर्व की बजट घोषणाओं के क्रियान्वयन का फीडबैक लेंगे और 21 जनवरी को मुख्यमंत्री गहलोत को रिपोर्ट सौंपेंगे .

Gehlot Ministers on Toes
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Published : Jan 19, 2023, 12:39 PM IST

जयपुर. प्रदेश का चुनावी काउंटडाउन शुरू हो गया है, मिशन 2023 की तैयारी सब कर रहे हैं. पार्टियां जनता के बीच पहुंच रही है. कांग्रेस सरकार ने भी 4 साल पूरे कर लिए हैं (Gehlot Ministers on Toes). चाहती है कि 5 साल बाद दूसरी पार्टी की सरकार वाली परम्परा को खत्म कर दे. यही वजह है कि गहलोत के मंत्री आज से 2 दिनों के लिए अपने प्रभारी जिलों में जाकर जनता से संवाद करें. इसके बाद सीएम को रिपोर्ट सौंपेंगे.

जयपुर चिंतन शिविर Effect!- 16 और 17 जनवरी 2023 को जयपुर में 2 दिवसीय चिंतन शिविर चला. इसमें मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड उनकी परफॉर्मेंस के आधार पर तैयार हुआ. इसके बाद सीएम ने मंत्रियों को जनता की नब्ज टटोलने की सलाह दी थी. कहा था कि दो दिन तक मंत्री अपने प्रभार वाले जिलों में रहेंगे. यही कारण है कि आज और कल यानी 19 और 20 जनवरी को प्रभारी मंत्री जिला स्तरीय प्रशासनिक बैठकों के जरिए अपने क्षेत्र में हो रहे कामकाज का फीडबैक लेंगे.

4 साल का रिपोर्ट कार्ड- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी मंत्रियों को चिंतन शिविर में कहा था कि सरकार की जो कल्याणकारी योजना है , उनका अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति को लाभ मिले तभी उसकी सार्थकता है. अब प्रभारी मंत्री जन घोषणा और बजट घोषणा में किए गए वादों का 4 साल में जिला स्तर पर कितने काम हुए हैं उसका फीडबैक अधिकारियों और कर्मचारियों से लेंगे. जिला स्तर पर होने वाली इन बैठकों में जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ साथ जनप्रतिनिधि भी शामिल होंगे.

पढ़ें- Chintan Shivir : चिंतन शिविर का दूसरा दिन, कानून व्यवस्था पर गहलोत देंगे रिपोर्ट

रियल्टी चेक करेंगे प्रभारी मंत्री- प्रदेश में विधानसभा चुनाव इसी साल होने हैं अब सरकार के पास 1 साल से भी कम का वक्त बचा है. यही वजह है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों को आम जनता के बीच में रहने के निर्देश दिए हैं. सरकार के 4 साल पूरे होने पर 86 फ़ीसदी वादे पूरे करने का दावा किया जा रहा है. नतीजतन प्रभारी मंत्री एक तरह से रियल्टी चेक करेंगे. यह पता लगाने का प्रयास करेंगे कि जिला स्तर पर जन घोषणा पत्र के कितने वादों पर वास्तव में काम हुआ है और क्या वादे धरातल पर उतरे भी हैं.

फ्लैगशिप योजनाओं पर जोर- गहलोत सरकार अपनी पीठ खूब थपथपा रही है. फ्लैगशिप योजनाओं को बेमिसाल बता रही है . सरकार की कोशिश है कि प्रमुख फ्लैगशिप योजना जिसमें निशुल्क दवा योजना, निशुल्क जांच योजना, इंदिरा रसोई योजना, शहरी रोजगार गारंटी योजना, वृद्धावस्था पेंशन, उड़ान योजना और चिरंजीवी योजनाओं की खूबियां आम लोगों तक पहुंचाई जाए. अधिक से अधिक जनता को जागरूक करें ताकि आगामी चुनाव में इसका लाभ मिल सके.

जयपुर. प्रदेश का चुनावी काउंटडाउन शुरू हो गया है, मिशन 2023 की तैयारी सब कर रहे हैं. पार्टियां जनता के बीच पहुंच रही है. कांग्रेस सरकार ने भी 4 साल पूरे कर लिए हैं (Gehlot Ministers on Toes). चाहती है कि 5 साल बाद दूसरी पार्टी की सरकार वाली परम्परा को खत्म कर दे. यही वजह है कि गहलोत के मंत्री आज से 2 दिनों के लिए अपने प्रभारी जिलों में जाकर जनता से संवाद करें. इसके बाद सीएम को रिपोर्ट सौंपेंगे.

जयपुर चिंतन शिविर Effect!- 16 और 17 जनवरी 2023 को जयपुर में 2 दिवसीय चिंतन शिविर चला. इसमें मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड उनकी परफॉर्मेंस के आधार पर तैयार हुआ. इसके बाद सीएम ने मंत्रियों को जनता की नब्ज टटोलने की सलाह दी थी. कहा था कि दो दिन तक मंत्री अपने प्रभार वाले जिलों में रहेंगे. यही कारण है कि आज और कल यानी 19 और 20 जनवरी को प्रभारी मंत्री जिला स्तरीय प्रशासनिक बैठकों के जरिए अपने क्षेत्र में हो रहे कामकाज का फीडबैक लेंगे.

4 साल का रिपोर्ट कार्ड- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी मंत्रियों को चिंतन शिविर में कहा था कि सरकार की जो कल्याणकारी योजना है , उनका अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति को लाभ मिले तभी उसकी सार्थकता है. अब प्रभारी मंत्री जन घोषणा और बजट घोषणा में किए गए वादों का 4 साल में जिला स्तर पर कितने काम हुए हैं उसका फीडबैक अधिकारियों और कर्मचारियों से लेंगे. जिला स्तर पर होने वाली इन बैठकों में जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ साथ जनप्रतिनिधि भी शामिल होंगे.

पढ़ें- Chintan Shivir : चिंतन शिविर का दूसरा दिन, कानून व्यवस्था पर गहलोत देंगे रिपोर्ट

रियल्टी चेक करेंगे प्रभारी मंत्री- प्रदेश में विधानसभा चुनाव इसी साल होने हैं अब सरकार के पास 1 साल से भी कम का वक्त बचा है. यही वजह है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों को आम जनता के बीच में रहने के निर्देश दिए हैं. सरकार के 4 साल पूरे होने पर 86 फ़ीसदी वादे पूरे करने का दावा किया जा रहा है. नतीजतन प्रभारी मंत्री एक तरह से रियल्टी चेक करेंगे. यह पता लगाने का प्रयास करेंगे कि जिला स्तर पर जन घोषणा पत्र के कितने वादों पर वास्तव में काम हुआ है और क्या वादे धरातल पर उतरे भी हैं.

फ्लैगशिप योजनाओं पर जोर- गहलोत सरकार अपनी पीठ खूब थपथपा रही है. फ्लैगशिप योजनाओं को बेमिसाल बता रही है . सरकार की कोशिश है कि प्रमुख फ्लैगशिप योजना जिसमें निशुल्क दवा योजना, निशुल्क जांच योजना, इंदिरा रसोई योजना, शहरी रोजगार गारंटी योजना, वृद्धावस्था पेंशन, उड़ान योजना और चिरंजीवी योजनाओं की खूबियां आम लोगों तक पहुंचाई जाए. अधिक से अधिक जनता को जागरूक करें ताकि आगामी चुनाव में इसका लाभ मिल सके.

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