जयपुर. शहर में पिछले 1 सप्ताह से व्याख्याता भर्ती परीक्षा की तिथि बढ़ाने को लेकर अभ्यर्थी आंदोलन कर रहे हैं. अभ्यर्थियों के इस आंदोलन के बीच प्रदेश की गहलोत सरकार ने व्याख्याता भर्ती परीक्षा नियमित समय पर कराने के साथ बीच का रास्ता निकाला है.
वहीं, सरकार ने आंदोलन कर रहे अभ्यर्थियों की मांग को ध्यान में रखते हुए सितंबर माह में 3 हजार पदों के लिए फिर से व्याख्याता भर्ती कराने की घोषणा कर दी है. इसके साथ ही यह साफ हो गया है कि अब व्याख्याता भर्ती परीक्षा नियमित समय यानी 3 जनवरी को ही आयोजित होगी. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
पढ़ें- भरतपुर में बिना लाईसेंस चल रहे विवाह स्थल तत्काल बंद करने के आदेश
बता दें कि इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अभ्यर्थियों की ओर से राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा से भी मुलाकात की. इस दौरान शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा भी मौजूद रहे. बैठक के बाद शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आंदोलन कर रहे अभ्यर्थियों और जो अभ्यर्थी नियमित समय पर परीक्षा कराने के पक्ष में हैं उनकी की बात सुनने के बाद यह निर्णय लिया कि व्याख्याता भर्ती परीक्षा 3 जनवरी को होनी है वह नियमित समय पर होगी.
इसके बाद जो अभ्यर्थी व्याख्याता भर्ती परीक्षा की तिथि बढ़ाने की मांग कर रहे हैं उनकी मांग के अनुरूप 3 हजार पदों पर सितंबर माह में फिर से भर्ती परीक्षा कराई जाएगी. बता दें कि राजधानी में पिछले एक पखवाड़े से व्याख्याता भर्ती की परीक्षा तिथि बढ़ाने की मांग को लेकर अभ्यर्थी आंदोलन कर रहे हैं और इस आंदोलन को राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने भी समर्थन दिया हुआ है.
पढ़ें- कोटपूतली: नए कृषि महाविद्यालय को शिफ्ट करने के विरोध में गांव वालों का प्रदर्शन
वहीं, अभ्यर्थियों की मांग थी कि जनवरी में होने वाली 5 हजार व्याख्याता पदों की भर्ती की परीक्षा की तारीख बढ़ाई जाए हालांकि सरकार ने अभ्यर्थियों की मांग को ध्यान में रखते हुए मंत्रिमंडल सब कमेटी का गठन किया था. मंत्रिमंडल सब कमेटी के विद्यार्थी आंदोलन कर रहे हैं उनकी और जो अभ्यर्थी जनवरी में परीक्षा पत्र कराने का समर्थन कर रहे हैं उनसे बातचीत करके अपनी रिपोर्ट तैयार की थी. जिसमें उन्होंने अपनी रिपोर्ट में अनुशंसा करी थी कि ज्यादातर अभ्यर्थी नियमित समय पर परीक्षा कराने के पक्ष में है.
सब कमेटी की सिफारिश और शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा से लंबी वार्ता के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह बीच का रास्ता निकाला है. इसके साथ ही शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने धरना दे रहे छात्रों से अपील करेंगे कि वह सरकार के लिए गए निर्णय का सम्मान करते हुए अपने आंदोलन को समाप्त करें.